नई दिल्ली: हिंदू कैलेंडर के मुताबिक हर साल माघ महीने में पड़ने वाला संकट चतुर्थी व्रत आज है. इस दिन को तिल चौथ, माघी कृष्ण चतुर्थी और सकट या फिर संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से भगवान गणेश लोगों के सभी कष्ट दूर करते हैं. संतान को कष्ट से दूर रखने के लिए इस व्रत का विशेष महत्व है.
ऐसे रखें व्रत और करें गणेश जी की पूजा
इस व्रत में संकल्प लेकर चंद्रोदयकाल तक नियमपूर्वक उपवास किया जाता है. चंद्रोदय के बाद गणेश जी की पूजा चौकी पर रखकर की जाती है. गणेश जी की मूर्ति को चौकी पर रखा जाता है. मिट्टी के गणेश जी बनाने को सबसे बेहतर माना जाता है.
गणेश जी का पूजन षोडशोपचार विधि से करना चाहिए. भगवान गणेश को मोदक और तिल के लड्डू अर्पण करने चाहिए. फिर तांबे के पात्र में लाल चंदन, दूर्वा, फूल, अक्षत, शमी पत्र, दही और जल एकत्र कर चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है.
गुड़ और तिल के लड्डू बनाकर दान करना चाहिए
शास्त्रों के मुताबिक व्रत के दिन गुड़ और तिल के लड्डू बनाकर दान करना चाहिए. अगर संभव हो तो व्रत करने वालों को अन्न दान भी करना चाहिए. इस दिन हाथी और गाय को गुड़ खिलाने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता.
जानिए कब होगा चंद्रोदय
आज रात 8:59 बजे चंद्रोदय का मुहूर्त है. चतुर्थी तिथि 21 जनवरी सुबह 08:51 बजे से 22 जनवरी सुबह 09:14 बजे तक है.
इन मंत्रों का करें ध्यान
1- वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
2-ॐ श्रीम गम सौभाग्य गणपतये।
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥
3-एकदंताय विद्महे। वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दंती प्रचोदयात।।
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