कन्या पूजन से पहले सभी जान लें ये जरूरी बातें, मां दुर्गा की बरसेगी कृपा

आज चैत्र शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है. मां दुर्गा के नौ दिनों में अष्टमी और नवमीं के दिन कन्याओं का पूजन किया जाता है. जानिए किन कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप कहा जाता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 19, 2021, 06:54 AM IST

    नवरात्रि में अष्टमी और नवमीं के दिन कन्याओं का पूजन होता है

    नवरात्रि में पूजी जाने वाली हर कन्या का एक खास महत्व होता है

कन्या पूजन से पहले सभी जान लें ये जरूरी बातें, मां दुर्गा की बरसेगी कृपा

नई दिल्ली: 19 अप्रैल को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है. आज नवरात्रि का सातवां दिन है, आज के दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. मान्यता है कि आज के दिन मां की अराधना करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती है. 9 दिनों तक चलने वाले मां दुर्गा के इन दिनों में अष्टमी और नवमीं के दिन कन्या पूजन किया जाता है. हिन्दू धर्म में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है.

3 से 9 वर्ष की कन्याओं का करें पूजन

नवरात्रि पर पूजी जाने वाली कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है. मान्यता है कि अष्टमी और नवमीं के दिन 3 से 9 साल की उम्र की कन्याओं का पूजन करना चाहिए. इन्हें मां दुर्गा का साक्षात स्वरूप कहा जाता है.

कन्याओं के पूजन से इन मिलते हैं ये फल

नवमीं के दिन पूजी जाने वाली हर कन्या का अलग और विशेष महत्व होता है. अगर आप एक कन्या का पूजन करते हैं तो इससे ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है,

जबकि दो की पूजा से भोग और मोक्ष, तीन से अर्थ, धर्म और काम, चार की पूजा से राज्यपद, पांच से विद्या, छह कन्याओं की पूजा करने से छह प्रकार की सिद्धि, सात से राज्य, आठ के पूजन से संपदा और नौ कन्याओं की पूजा करने से पृथ्वी के प्रभुत्व की प्राप्ति होती है.

इसलिए कन्याओं को जरूर देनी चाहिए दक्षिणा

कन्या के पूजन में हलवा, पुड़ी और चने का प्रसाद देना चाहिए. इसके बाद कन्याओं को दक्षिणा देना बिल्कुल न भूले. मान्यता है कि कन्याओं को दक्षिणा देने से मां दुर्गा भी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को मनवांछित फल देती हैं.

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