आज है षटतिला एकादशी, तिल का है विशेष महत्व, जानें पारण का वक्त

हर महीने के दोनों पक्ष यानी कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एकादशी का व्रत होता है. अलग-अलग एकादशी विभिन्न नामों से जानी जाती हैं. हर एकादशी का अलग महत्व है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 28, 2022, 08:06 AM IST
  • एकादशी की तिथि 27 की देर रात 02:16 से 28 की रात 11:35 तक है
  • पारण का वक्त 29 जनवरी को सुबह 7:10 बजे से 09:20 बजे तक है
आज है षटतिला एकादशी, तिल का है विशेष महत्व, जानें पारण का वक्त

नई दिल्ली. भगवान विष्णु को समर्पित षटतिला एकादशी व्रत आज है. एकादशी व्रत को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया गया है. ऐसी मान्यता है कि यह व्रत रखने वालों को भगवान का विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. हर महीने के दोनों पक्ष यानी कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एकादशी का व्रत होता है. अलग-अलग एकादशी विभिन्न नामों से जानी जाती हैं. हर एकादशी का अलग महत्व है. इस बार षटतिला एकादशी आज यानी 28 जनवरी के दिन है.

एकादशी की तिथि 27 जनवरी देर रात 02:16 बजे से 28 जनवरी रात 11:35 बजे तक है. पारण का वक्त 29 जनवरी को सुबह 7:10 बजे से 09:20 बजे तक है. द्वादशी 29 तारीख की रात 08:37 बजे तक रहेगी. 

द्वादशी में किया जाता है पारण
एकादशी व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है. एकादशी व्रत में पारण का विशेष महत्व है. एकादशी का पारण द्वादशी तिथि में ही करना चाहिए. साथ ही एकादशी व्रत में रात को जागरण कर नारायण सुमिरन करने से वैकुंठ प्राप्त होता है. पूरी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु की प्रार्थना करनी चाहिए.  

6 प्रकार से होता है तिल का उपयोग
षटतिला एकादशी में तिल दान का विशेष महत्व होता है. इसके अलावा 6 तरीके से तिल के उपयोग की बात कही गई है. इसमें तिल से स्नान करने, उबटन लगाने, हवन करने, जल पीने, तिल ग्रहण और दान शामिल है.

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