भीम आर्मी और PFI ने मिलकर रची थी दिल्ली दंगों की साजिश? बड़ा खुलासा
फरवरी में कई निर्दोष लोगों को कट्टरपंथी दंगाइयों ने CAA प्रदर्शनकारी का रूप रखकर मार दिया था. इस भीषण दंगे में 50 सी भी अधिक निर्दोष लोगों की जान गई थी. अब इस मामले में एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है.
नई दिल्ली: CAA और NRC के विरोध में शाहीन बाग से शुरू हुए हिंसक प्रदर्शन ने दिल्ली में भीषण दंगों का रूप ले लिया था और फरवरी में कई निर्दोष लोगों को कट्टरपंथी दंगाइयों ने CAA प्रदर्शनकारी का रूप रखकर मार दिया था. इस भीषण दंगे में 50 से भी अधिक निर्दोष लोगों की जान गई थी. अब इस मामले में एक चौकाने वाला खुलासा हुआ जिससे साबित हो गया है कि CAA विरोधी देश तोड़ने की मंशा से शाहीन बाग में इकट्ठे हुए थे.
भीम आर्मी और PFI के बीच लिंक का खुलासा
गौरतलब है कि CAA NRC विरोधी प्रदर्शन के दौरान हुए दंगों में भीम आर्मी का भी कनेक्शन सामने आ रहा है. यही नहीं, भीम आर्मी (Bhim Army) के मुखिया चंद्रशेखर रावण का विवादित संगठन पीएफआई (PFI) के साथ भी जुड़ाव मिला है, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) उसके पीएफआई लिंक की जांच कर रही है.
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आपको बता दें पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) वही संगठन है, जिसपर सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान दंगे कराने का आरोप है. इस संगठन के इस्लामिक कट्टरपंथियों ने दिल्ली को दंगे की आग में झोंक दिया था.
ED को भीम आर्मी के खिलाफ मिले अहम साक्ष्य
फरवरी में दिल्ली में सीएए विरोधी प्रदर्शन (Anti CAA Protests) भयानक दंगे में बदल गए थे. आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान दंगे फैलाने के लिए पीएफआई को विदेशी मदद मिली और इसकी जांच ईडी कर रही है, लेकिन अब पीएफआई के नेता भीम आर्मी के मुखिया के भी संपर्क में रहे बताए जा रहे हैं. ऐसे में दिल्ली दंगों के पीछे भीम आर्मी के कनेक्शन की भी जांच हो रही है.
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आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय भीम आर्मी और पीएफआई के बीच आर्थिक रिश्तों के सबूत मिले जिसके तार हाथरस कांड से भी जुड़ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक ईडी को जो साक्ष्य मिले हैं उनसे पता चलता है कि हाथरस कांड (Hathras Case) के माध्यम से प्रदेश में जातीय हिंसा फैलाने की साजिश हो रही थी.
PFI के निशाने पर UP और दिल्ली
उल्लेखनीय है कि PFI एक इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन है जिसका नाम कई आतंकी हमलों में भी सामने आ चुका है. विगत कुछ समय से उत्तरप्रदेश में कोई भी घटना होती है तो PFI के लोग उसे हिंसक रूप देने में जुट जाते हैं.
उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने गृह मंत्रालय से PFI को बैन करने की सिफारिश की है. उल्लेखनीय है कि यूपी पुलिस ने पीएफआई के चार सदस्यों को मथुरा (Mathura) से भी गिरफ्तार किया था. जिनपर हाथरस कांड के समय जातीय हिंसा फैलाने का आरोप है. फिलहाल PFI के ये चारों सदस्य मथुरा जेल में बंद हैं.
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