मजहब का खूनी खेल! नीरज की प्रेमिका फैसल ने अपनी मां मिलकर के साथ मार डाला

दिल्ली पुलिस ने कारोबारी नीरज गुप्ता की हत्या का खुलासा कर दिया. हत्या के आरोप में पुलिस ने नीरज की प्रेमिका फैसल, उसकी मां शाहीन और मंगेतर ज़ुबेर को गिरफ्तार किया. आरोपियों ने हत्या के बाद शव को गुजरात के भरूच में फेंकने की बात कबूल की है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 19, 2020, 10:30 AM IST
  • दिल्ली के व्यापारी नीरज गुप्ता की हत्या के आरोपी गिरफ्तार
  • पुलिस ने हत्या के तीनों आरोपियों को गिरफ़्तार किया
  • प्रेमिका ने मां और मंगेतर के साथ मिलकर की नीरज की हत्या
  • प्रेमिका फैसल, मां शाहीन नाज़ और मंगेतर ज़ुबेर गिरफ्तार
  • ज़ुबेर ने नीरज गुप्ता के शव को गुजरात के भरूच में फेंका
मजहब का खूनी खेल! नीरज की प्रेमिका फैसल ने अपनी मां मिलकर के साथ मार डाला

नई दिल्ली: मोहब्बत के नाम पर धोखे से मौत वाली मजहबी कट्टरता का ये कोई पहला मामला नहीं है. दिल्ली में इससे पहले भी कई ऐसी वारदातों का गवाह रहा है. आपको सबसे पहले आप इस मजहबी खूनी खेल का सच 3 उदाहरण के साथ समझिए.

मजहबी कट्टरपंथियों का खूनी खेल

1). दो साल पहले फरवरी 2018 को दिल्ली के ख्याला में फोटोग्राफर अंकित की हत्या कर दी गई थी. अंकित एक मुस्लिम लड़की से प्यार करता था, लेकिन लड़की के परिवारवालों के ये मंजूर नहीं था. नतीजा ये हुआ कि प्रेमिका के मां-बाप और नाबालिग भाई ने बेरहमी से अंकित की हत्या कर दी.

2). करीब एक महीने पहले अक्टूबर में राहुल राजपूत के साथ भी यही हुआ. दिल्ली के आदर्श नगर इलाके में ही राहुल की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई क्योंकि वो भी एक मुस्लिम लड़की से प्यार करता था और लड़की के परिवारवालों को ये मंज़ूर नहीं था. और उन्होंने धोखे से घर बुलाकर राहुल को बेरहमी से मार डाला.

3). एक बार फिर दिल्ली के ही आदर्श नगर में हत्या हुई है नीरज गुप्ता की और कहानी फिर वही मज़हबी कट्टरता की. आपको इस पूरे हत्याकांड की कहानी तफसील से समझाते हैं.

..जब जुबैर ने नीरज की लाश ठिकाने लगाई

ठीक 5 दिन पहले जब पूरा देश एक दूसरे को दीवाली की शुभकामनाएं दे रहा था. लोग शाम को दीये जलाने की तैयारी कर रहे थे, उस वक्त दिल्ली से गोवा जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस एक बड़े वारदात की गवाह बनने जा रही थी. ट्रेन में बैठा हर कोई जल्द से जल्द अपनी मंज़िल तक पहुंचने का इंतज़ार कर रहा था. लेकिन इसी ट्रेन की पैंट्री कार में एक बड़ी साज़िश को अंजाम तक पहुंचाने की तैयारी चल रही थी.

राजधानी एक्सप्रेस की पैंट्री कार में काम करने वाले ज़ुबैर का ध्यान आज यात्रियों के खाने पर नहीं अपने ख़तरनाक इरादों को अंजाम देने पर था. दिल्ली से निकली ट्रेन तेज़ी से गोवा की तरफ बढ़ रही थी. एक के बाद एक स्टेशन आते रहे और ज़ुबैर की बेचैनी बढ़ती रही. आखिरकार गुजरात के भरूच में जब गाड़ी तेज़ रफ़्तार से बढ़ रही थी. अचानक ज़ुबैर ने अपने साथ लाये सूटकेस को ट्रेन से बाहर फेंक दिया. ट्रेन चलती रही और धीरे-धीरे ज़ुबैर की धड़कनें भी सामान्य होती गईं. ट्रेन गोवा पहुंची और वहां से लौटी तो ज़ुबैर भी दिल्ली पहुंच गया. वो खुश था कि अपने इरादों में कामयाब हो गया, लेकिन 3 दिन बाद 18 नवंबर को अचानक पुलिस ने उसके घर पर दस्तक दी और उसे गिरफ़्तार कर लिया.

खुल गया जुबैर का खूनी राज़

इसके बाद पुलिस के सामने ज़ुबैर ने खोला उस दिन राजधानी एक्सप्रेस के दिल्ली से गोवा तक के सफर का राज..

ये दिल्ली के व्यापारी नीरज गुप्ता के कत्ल का राज था. जिसे उसकी प्रेमिका फैसल, प्रेमिका की मां शाहीन नाज और मंगेतर ज़ुबैर ने अंजाम दिया था. नीरज गुप्ता दिल्ली के मॉडल टाउन में बिजनेस करता था. वो पिछले 10 वर्षों से अपने ही दफ़्तर में काम करने वाली फैसल से उसका इश्क था. दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे, लेकिन फैसल के परिवार को ये बात मंज़ूर नहीं थी और उन्होंने इस कहानी को ख़त्म करने की साज़िश रच डाली.

मजहबी कट्टरपंथियों की मर्डर प्लानिंग

दिल्ली के आदर्श नगर में रहने वाली फैसल और उसकी मां ने नीरज को अपने घर बुलाया. तय वादे के मुताबिक दीवाली से एक दिन पहले 13 नवंबर को नीरज आदर्श नगर में फैसल के घर पहुंचा. जहां मां और बेटी के आलावा एक तीसरा शख्स भी पहले से मौजूद था. फैसल का मंगेतर ज़ुबैर.. तीनों ने पहले नीरज गुप्ता से बातचीत शुरू की. लेकिन जल्द ही इन लोगों के बीच कहासुनी होने लगी.

थोड़ी ही देर में बात बढ़ने लगी और इसी बीच मौका पाकर ज़ुबैर ने नीरज से किस पर ईंट से वार कर दिया. हमले से घायल नीरज ज़मीन पर गिर पड़ा. लेकिन आरोपी उसे किसी भी हाल में ज़िदा छोड़ने को राजी नहीं थे और इसीलिए नीरज को ताबड़तोड़ चाकुओं से गोद डाला.

लाश को ठिकाने लगाने का खेल

नीरज की हत्या के बाद साज़िश का दूसरा हिस्सा शुरू हुआ. तीनों आरोपियों ने नीरज की लाश के एक सूटकेस में डाला और उसको ठिकाने लगाने की ज़िम्मेदारी मंगेतर ज़ुबैर ने संभाली.

ज़ुबैर अगले दिन लाश वाली सूटकेस लेकर निजामुद्दीन स्टेशन पहुंचा. चूंकि वो ट्रेन की पैंट्री का कर्मचारी था, इसलिए आसानी से वो सूटकेस लेकर राजधानी एक्सप्रेस तक पहुंच गया. सूटकेस को ट्रेन की पैंट्री कार में रखा और गोवा पहुंचने से पहले ही भरूच में लाश को ठिकाने लगा दिया.

पुलिस ने हत्या के आरोप में प्रेमिका, उसकी मां और मंगेतर को गिरफ़्तार कर लिया है. साथ ही पुलिस की एक टीम नीरज के शव की तलाश में भरूच के लिए रवाना हो चुकी है.

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