लखनऊ: हाथरस मामले (Hathras case) की जांच मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi) ने CBI को जब सौंपी थी. तब सवाल उठा था कि क्या वजह रही कि योगी सरकार ने इस मामले में अपनी पुलिस पर भरोसा नहीं जताया और सीबीआई (CBI) जांच की सिफारिश कर दी. लेकिन जांच के दौरान इस सवाल का जवाब मिल गया है.
राज्य पुलिस का लापरवाह रवैया
पुलिसिया जांच पर ना तो आम लोगों को भरोसा बचा है तो मुख्यमंत्री भला कैसे अनभिज्ञ रहते. संगीन मामलों की पड़ताल में पुलिस की जांच में असफलता का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. यूं ही संगीन मामलों की जांच पुलिस के हाथ से छीनकर सीबीआई को नहीं सौंपी जाती है. इसके पीछे ठोस वजह है. जिस हाथरस कांड पर पूरे देश में राजनीति हुई. उस मामले में हाथरस कांड पुलिस की तहकीकात बेहद लापरवाही भरी रही.
ये खुलासा सुनकर दंग रह जाएंगे आप
हाथरस में जब पीड़िता को घायल अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तब हाथरस पुलिस ने अस्पताल से वहां का सीसीटीवी (CCTV) फुटेज ही नहीं लिया. जिसमें पीड़ित लड़की इलाज कराते नजर आ रही है.
पुलिस को इस सीसीटीवी फुटेज की अहमियत का अंदाजा ही नहीं ता. क्योंकि उसने अस्पताल प्रबंधन को उस तारीख का सीसीटीवी फुटेज संभालकर रखने के लिए कहा ही नहीं था. लिहाजा अब वो सीसीटीवी फुटेज ऑटो डिलीट हो चुका है. जो कि मामले में अहम सबूत साबित हो सकता था.
उत्तर प्रदेश की लापरवाह पुलिस पर कोई कैसे भरोसा कर सकता है. जो इस तरह के संगीन मामले की जांच में भी ऐसी आपराधिक लापरवाही बरत रही हो. ऐसे में यूपी पुलिस की छवि कैसे सुधरेगी? जनता उस पर भरोसा कैसे करेगी?
हाथरस कांड में सीबीआई की ताजा कार्रवाई
इधर, हाथरस कांड की जांच में जुटी सीबीआई ने बुधवार को दूसरे दिन पीड़ित परिवार से दफ्तर बुलाकर पूछताछ की. लड़की के दोनों भाइयों और पिता को पुलिस अपनी सुरक्षा में लेकर सीबीआई के अस्थाई दफ्तर पहुंची. सीबीआई का यह अस्थायी दफ्तर हाथरस के उप कृषि निदेशक के कार्यालय में बनाया गया है.
मंगलवार को सीबीआई ने इस केस की जांच उस जगह से शुरू की, जहां पर पीड़ित का अंतिम संस्कार किया गया था. बुधवार को पीड़ित परिवार को दफ्तर बुलाकर पूछताछ करने के बाद खबर है कि सीबीआई की टीम अलीगढ़ जेल में बंद 4 आरोपियों से भी पूछताछ कर सकती है. इस बीच ED की टीम पहुंची मथुरा की अस्थायी जेल पहुंची. जहां हाथरस केस में दंगा भड़काने की साजिश में गिरफ्तार किए गए PfI और सीएसआई के चार संदिग्ध आरोपी बंद हैं। इडी, इन आरोपियों से करीब 100 करोड़ की फंडिंग से जुड़े सवालों के जवाब जानने की कोशिश करेगी.
सुप्रीम कोर्ट में योगी सरकार का हलफनामा
यूपी सरकार ने हाथरस मामले में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया. जिसमें योगी सरकार ने अपील की है कि हाथरस कांड की सीबीआई जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो. सुप्रीम कोर्ट जांच की समय सीमा तय करे और CBI से हर 15 दिन में रिपोर्ट ले. एफिडेविट में बताया गया है कि पीड़ित परिवार को पूरी सुरक्षा मुहैया कराई गई है.
पीड़ित के गांव में उसके घर के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. परिवार के हर सदस्य को निजी सुरक्षाकर्मी दिए गए हैं. घर पर निगरानी रखने के लिए 8 CCTV कैमरे लगाए गए हैं. इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा.
हाथरस से संदीप सिंह की रिपोर्ट
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