तैयार हुआ विकास का रोडमैप! J&K और लद्दाख में पहली बार BDC चुनाव

बीडीसी कांउसिल का मकसद गांव का विकास है. और इससी मकसद में सभी पंच और सरपंच इस चुनाव में हिस्सा लेने के लिए तैयार है. बीडीसी चुनाव एक ही दिन में हो जाएंगे. दोनों राज्यों के 316 ब्लॉकों में हर ब्लॉक मुख्यालय में एक-एक मतदान केंद्र बनेगा. 

Last Updated : Sep 26, 2019, 04:53 PM IST
    • इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब यहां ब्लॉक डेवलेटमेंट काउंसिल के चुनाव होने जा रहे हैं
    • दोनों राज्यों के 316 ब्लॉकों में हर ब्लॉक मुख्यालय में एक-एक मतदान केंद्र बनेगा
तैयार हुआ विकास का रोडमैप! J&K और लद्दाख में पहली बार BDC चुनाव

नई दिल्ली: धारा 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद अब केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी को अब आतंक के जाल से निकालकर विकास पर पटरी पर दौड़ाने की मास्टर प्लान तैयार कर लिया है. विकास की ये डोर पंचायत और ब्लाक डेवलपमेंट काउंसिल यानी बीडीसी के हाथों में होगी. सरकार ने अब दोनों राज्यों में बीडीसी के चुनाव के लिए कमर कस ली है.

जम्मू-कश्मीर के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब यहां ब्लॉक डेवलेटमेंट काउंसिल के चुनाव होने जा रहे है. 1947 से लेकर अब तक कभी भी पंचायती राज को इतना मजबूत नहीं किया गया है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के इतिहास में पहली बार ब्लॉक डेवलपमेंट कांउसिल यानी बीडीसी चुनाव होने जा रहे है. ब्लॉक डेवलपमेंट कांउसिल चुनाव 20 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच होंगे. राज्य में पंचायत को मजबूत करने की कोशिश में ये बीडीसी चुनाव कराए जा रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर की RDPR शीतल नंदा का कहना है कि 'हमारी मतदाता सूची तैयार हो चुकी है, 23 सितंबर उसकी अंतिम तिथि थी. जो कि मुख्य चुनाव अधिकारी साहब की निगरानी में तैयार होते है, वो तैयार है. और जो चुनाव की संभावित तारीख है वो 20 से 25 अक्टूबर के बीच रहने की संभावना है.'

बीडीसी कांउसिल का मकसद गांव का विकास है. और इससी मकसद में सभी पंच और सरपंच इस चुनाव में हिस्सा लेने के लिए तैयार है. बीडीसी चुनाव एक ही दिन में हो जाएंगे. दोनों राज्यों के 316 ब्लॉकों में हर ब्लॉक मुख्यालय में एक-एक मतदान केंद्र बनेगा. मतदान में करीब 43 हजार पंच, सरपंच वोट डालेंगे. इनमें से 4490 सरपंच और बाकी पंच हैं.

इस बीच प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा है कि 'पहली बार आप देखेंगे कि हर किसी सरपंच के खाते में 16 से 20 लाख रुपये विकास कार्यों के लिए आया है. बीडीसी को पता है कि मेरे क्षेत्र में कहा-कहा समस्या है. और उसके पास फंड्स भी बहुत है, वो वहां तरक्की करा सकता है.

जल्द ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख में 316 बीडीसी के अध्यक्ष चुनने के लिए जल्द चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी. ऐसे में जम्मू कश्मीर में अपनी बीडीसी बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियों की सरगर्मियां भी जोर पकड़ने लगी है.

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