रांची: झारखंड में चुनाव के बाद भले स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बन गई हो लेकिन इसमें भी एक नया दांव खेला है अब झाविमो यानी झारखंड मुक्ति मोर्चा के बाबूलाल मरांडी ने. झाविमो के मुखिया ने आज झामुमो के नेतृत्वकर्ता हेमंत सोरेन से मुलाकात की. मुलाकात के बाद एक प्रेस वार्ता की गई जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी हेमंत सोरेन को समर्थन देने जा रही है.
वह भी बिना किसी शर्त के. बिना किसी शर्त के इसलिए क्योंकि उनके पास पहले से ही वो बहुमत है जिसकी उन्हें जरूरत थी.
जब टूट गया मरांडी का किंगमेकर बनने का सपना
Ranchi: Jharkhand Mukti Morcha's (JMM) Hemant Soren meets former CM and Jharkhand Vikas Morcha chief, Babulal Marandi. Babulal Marandi says, "Our party will support Hemant Soren, unconditionally, because he has the required majority'. pic.twitter.com/LXYLK905w2
— ANI (@ANI) December 24, 2019
दरअसल, शुरुआती रूझानों के समय जब ऐसा लग रहा था कि किसी भी पार्टी को पूर्ण रूप से बहुमत के करीब सीटें नहीं मिलने वाली तो यह माना जा रहा था कि झाविमो और आजसू ही किंगमेकर पार्टी की भूमिका निभाएंगे.
झाविमो के बाबूलाल मरांडी जो झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं, उनका सपना चुनावी परिणाम के बाद टूट चुका है. झामुमो गठबंधन की आंधी में किसी भी दल और गठबंधन की नहीं चल सकी. सभी नॉकआउट में ही पंच खा कर बेसुध गिर पड़े. लेकिन झामुमो के साथ कांग्रेस ने जीत की राह तक जा कर ही दम तोड़ा.
हेमंत 27 के लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ
एक समय ऐसा था जब यह माना जाने लगा कि बाबूलाल मरांडी और सुदेश महतो के भाव बढ़ने वाले हैं, लेकिन काउंटिंग के चौथे घंटे तक पहुंचने के बाद से ही फिर कभी झामुमो गठबंधन को ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ी. अब जबकि हेमंत सोरेन 27 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं तो झाविमो उनका साथ देना चाहती है.
जाहिर है उसका पास कोई चारा बचा भी नहीं है. लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि झाविमो को मंत्री पद में शायद कोई हिस्सेदारी मिल जाए.