सिर्फ अलका लांबा ही नहीं, केजरीवाल का साथ छोड़ने वालों की लंबी है फेहरिस्त

अपनी स्थापना के समय से ही आम आदमी पार्टी के नेताओं का पार्टी छोड़कर जाने का सिलसिला शुरू हो गया था, जो लगातार चल रहा है. खास बात यह है कि जितने लोगों ने भी पार्टी छोड़ी है, उन सबने केजरीवाल के रवैये पर सवाल उठाया है. 

Last Updated : Oct 12, 2019, 06:12 PM IST
    • हाल ही में अलका लांबा ने पार्टी छोड़ी
    • कुमार विश्वास के जारी हैं बागी तेवर
    • प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव जैसे संस्थापक सदस्य छोड़ चुके हैं केजरीवाल का साथ
सिर्फ अलका लांबा ही नहीं, केजरीवाल का साथ छोड़ने वालों की लंबी है फेहरिस्त

नई दिल्ली: हाल ही में आम आदमी पार्टी नेता अलका लांबा ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली. हालांकि अल्का पहली नेता नहीं हैं, जिन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है. भले ही कुमार विश्वास ने पार्टी नहीं छोड़ी है, लेकिन वह पार्टी विरोधी बयान देने में कोई कसर नहीं छोड़ते. दरअसल पार्टी अपने गठन के बाद से प्रमुख नेताओं के पार्टी छोड़े जाने से विवादों में रही है. मात्र चार साल में ही पार्टी ने अपने कुछ प्रमुख सदस्यों को खो दिया है, जो या तो भाजपा या कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। उनके पार्टी छोड़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण आंतरिक मनमुटाव रहा.

आइए जानते हैं कुछ ऐसे प्रभावशाली पार्टी सदस्यों के नाम, जिन्हें पार्टी से निकाल दिया गया या फिर केजरीवाल पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए उन्होंने स्वयं ही पार्टी छोड़ दी.

प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव
आम आदमी पार्टी के दो प्रमुख बड़े चेहरे प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव सबसे पहले पार्टी छोड़ने वाले नेताओं में से थे. दोनों नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते 2015 में अनौपचारिक रूप से पार्टी से निष्काषित कर दिया गया था.

आशीष खेतान
पत्रकार से बने राजनेता आशीष खेतान ने 15 अगस्त को आम आदमी पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया था. उनके इस कदम ने आम आदमी पार्टी के भीतर की नाराजगी और बुरी राजनीति का और भी बढ़-चढ़कर खुलासा किया था. यद्यपि उन्होंने पार्टी छोड़ने के लिए निजी कारणों का हवाला दिया है, लेकिन रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने पार्टी इसलिए छोड़ दी थी, क्योंकि नई दिल्ली से 2019 लोकसभा चुनाव लड़ने की उनकी मांग को केजरीवाल ने अस्वीकार कर दिया था।

आशुतोष
आशुतोष केजरीवाल के सबसे विश्वसनीय सहयोगियों में से एक थे, जिनके निष्कासन ने पार्टी की आंतरिक राजनीति के बारे में कई सवाल उठे. उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन माना गया था कि उन्हें पार्टी ने राज्यसभा भेजने से मना कर दिया था.

कपिल मिश्रा
केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे कपिल मिश्रा द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद मई 2017 में उन्हे पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) ने बर्खास्त कर दिया था. कपिल मिश्रा ने दावा किया था कि इन दोनों लोगों ने 2 करोड़ का घोटाला किया है. उन्होंने अरविंद केजरीवाल को बड़े पैमाने पर वित्तीय खामियों के लिए जिम्मेदार ठहराया था.

मयंक गांधी
एक सामाजिक कार्यकर्ता मयंक गांधी, आम आदमी पार्टी के सदस्य के प्रमुख सदस्यों में से एक थे. वह महाराष्ट्र में पार्टी के अध्यक्ष भी रहे. लेकिन केजरीवाल के साथ मतभेद के बाद उन्होंने जल्द ही महाराष्ट्र इकाई को भंग कर दिया था. उन्होंने 2015 में निजी कारणों की वजह से अपना इस्तीफा दे दिया था.

मधु भादुड़ी
मधु भादुड़ी आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थीं, जिन्होंने संचालन के तरीके से मायूस होने के बाद पार्टी से अपने रास्ते अलग कर लिए थे. उन्होंने पार्टी पर महिला विरोधी आरोप लगाते हुए कहा था कि इस पार्टी में, महिलाओं को मनुष्य नहीं माना जाता है.

प्रो. आनंद कुमार
आनंद कुमार आम आदमी पार्टी के सह-संस्थापकों में से एक थे, जिन्हें योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के साथ पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया था. कुमार बाद में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के गैर-राजनीतिक आंदोलन स्वराज अभियान में शामिल हो गए.

अजीत झा
पार्टी विरोधी पार्टी गतिविधियों में उनकी भागीदारी के आधार पर पार्टी से अजीत झा को भी निकाल दिया गया था.

अंजलि दमानिया
अरविंद केजरीवाल पर लगे खरीद-फरोख्त के आरोपों के बाद अंजलि दमानिया ने पार्टी को छोड़ दिया था. अंजलि दमानिया भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए पार्टी में शामिल हुईं थीं. उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर खरीद-फरोख्त का
आरोप लगाया था.

विनोद कुमार बिन्नी
विनोद कुमार बिन्नी ने केजरीवाल को तानाशाह कहकर पार्टी छोड़ दी थी. उन्होंने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया था कि वह दिल्ली के लोगों ने धोखाधड़ी कर रही है. बाद में वह 2015 में बीजेपी में शामिल हो गए. 

कप्तान जीआर गोपीनाथ
भारत में कम लागत वाली हवाई यात्रा का नेतृत्व करने वाले संस्थापक कप्तान जीआर गोपीनाथ ने पार्टी के सदस्यों और केजरीवाल के बीच बढ़ते मतभेदों के कारण 2014 में आप पार्टी को छोड़ दिया था. 

शाजिया इल्मी
आप पार्टी की संस्थापकों में से एक रहीं शाजिया इल्मी ने भी मई 2014 में सभी पदों से इस्तीफा देकर पार्टी छोड़ दी.  उन्होंने पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की कमी की बात का मुद्दा उठाया था.

अशोक अग्रवाल
पेशे से एक वकील और आप पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्यों में से एक अशोक अग्रवाल ने मार्च 2014 में आप पार्टी को छोड़ दिया. उन्होंने पार्टी पर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में काम करने का आरोप लगाया था.

मौलाना कासमी
मौलाना कासमी ने इस्तीफे से पहले आप पार्टी के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य के रूप में कार्य किया. आप पार्टी छोड़ने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, उन्होंने केजरीवाल की पार्टी को धोखाधड़ी वाली पार्टी के रूप में
संदर्भित किया था.

एमएस धीर
एमएस धीर आम आदमी पार्टी छोड़ने से पहले आम आदमी पार्टी  के विधायक और दिल्ली विधानसभा के एक स्पीकर थे. उन्होंने कहा था कि केजरीवाल जिन्होंने 49 दिनों तक दिल्ली में शासन किया था, वह दूसरे मौके के लायक नहीं थे।

एसपी उदय कुमार
परमाणु ऊर्जा विरोधी कार्यकर्ता एसपी उदय कुमार ने भी आम आदमी पार्टी को छोड़ दी थी, क्योंकि पार्टी तमिलनाडु से संबंधित मुद्दों और वहां के लोगों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही थी। पार्टी से उनका बाहर जाना एक बड़ा झटका था, क्योंकि पार्टी उनके माध्यम से दक्षिण में प्रसार करना चाहती थी. 

क्या कुमार विश्वास भी छोड़ेंगे पार्टी
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पार्टी के एक अन्य सदस्य कुमार विश्वास भी पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं. कुमार विश्वास लगातार अपनी ट्विटर पोस्ट के माध्यम से अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते रहते हैं।

 

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