10.30 बजे शुरु हो जाएगी सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र विवाद पर सुनवाई

अब से थोड़ी ही देर बाद कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की संयुक्त याचिका पर सुप्रीम कोर्ट फिर से सुनवाई चालू कर देगा. अदालत ने रविवार को नोटिस जारी करके संबंधित पक्षों से उनका पक्ष रखने के लिए कहा था. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 25, 2019, 08:37 AM IST
    • सुप्रीम कोर्ट में 10.30 महाराष्ट्र पर बहस
    • विपक्ष कर रहा है फ्लोर टेस्ट जल्दी कराने की मांग
    • अदालत ने संबंधित पक्षों से मांगा है जवाब
10.30 बजे शुरु हो जाएगी सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र विवाद पर सुनवाई

नई दिल्ली: महाराष्ट्र ( Maharashtra, ) की कुर्सी पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई शुरु करने वाला है. सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि फडणवीस को फ्लोर टेस्ट के लिए दिया हुआ 30 नवंबर तक का समय उचित है या नहीं.  कांग्रेस (Congress), एनसीपी (NCP) और शिवसेना (Shiv Sena) ने यह सीमा घटाने की मांग की है. जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ सोमवार सुबह 10.30 बजे सुनवाई शुरू करेगी. इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना भी शामिल हैं. 

रविवार को ये था अदालत का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार, सीएम फडणवीस और डेप्युटी सीएम अजित पवार को रविवार को नोटिस जारी करके जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से राज्यपाल के राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश और फडणवीस को सरकार गठन के लिए आमंत्रण वाले पत्र को पेश करने का आदेश दिया था. 

सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता आज गवर्नर के आदेश और समर्थन पत्र की कॉपी कोर्ट को सौंप सकते हैं. शिवसेना-NCP-कांग्रेस जल्द फ्लोर टेस्ट की मांग आज फिर दोहराएंगे. रविवार को कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के वकीलों अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल ने दो घंटे की सुनवाई के दौरान छह बार फ्लोर टेस्ट की मांग की. 

अदालत नहीं लेगी ज्यादा समय
सुप्रीम कोर्ट आज डेढ़ घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट पर कोई आदेश दे सकता है. दरअसल, 12 बजे जस्टिस रमना की ही अध्यक्षता वाली दूसरी पीठ को जम्मू-कश्मीर में जारी पाबंदियों पर सुनवाई करनी है. यानी सोमवार को डेढ़ घंटे के अंदर सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र मसले में जल्द फ्लोर टेस्ट की मांग पर आदेश आ सकता है. 

ये था विपक्ष का दावा
इससे पहले, रविवार को सुनवाई के दौरान शिवसेना के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हम लोग आज ही बहुमत साबित कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लेकिन मुद्दा ये है कि बहुमत 'उन्हें' साबित करना है. BJP विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कोई राजनीतिक पार्टी आर्टिकल 32 के तहत पेटिशन कैसे दायर कर सकती है. कपिल सिब्बल ने कहा कि आज ही बहुमत परीक्षण की अनुमति दी जाए.मुकुल रोहतगी ने कहा कि विधानसभा कोर्ट को सम्मान दे और कोर्ट को भी सदन को सम्मान देना चाहिए. 

अजित पवार को नेता मानने से किया था इनकार
एनसीपी की तरफ से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमने तय किया है कि अजित पवार पार्टी विधायक दल के नेता नहीं है. वह कैसे डिप्टी सीएम पद पर बने रह सकते हैं. जब उनके पास अपनी ही पार्टी में समर्थन हासिल नहीं है. जब एनसीपी के 41 विधायकों ने कह दिया है कि हम एनसीपी के साथ है और हम अजित पवार को आगे से एनसीपी का नेता नहीं मानते हैं. इससे पहले तुषार मेहता ने कहा कि मैं सॉलिसिटर जनरल के रूप में पेश हुआ हूं. मुझे नहीं पता कि किसके लिए पेश होना है. लेकिन बाद में उन्होंने कोर्ट को बताया कि वह केंद्र सरकार यानि राज्यपाल की तरफ से पेश हुए हैं.

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