हैदराबाद: हैदराबाद के निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने ऐतिहासिक छलांग लगाते हुए ओवैसी की लंका ढहा दी है. भाजपा ने TRS को जबरदस्त पटखनी दे दी है. 150 सीटों पर आए नतीजों में 49 सीटों को भाजपा ने अपने नाम कर लिया. टीआरएस के खाते में सिर्फ 56 सीटें आई. जबकि ओवैसी की पार्टी AIMIM तीसरे नंबर पर पहुंच गई और सिर्फ 43 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई. वहीं कांग्रेस को दो सीटों से संतोष करना पड़ रहा है.


हैदराबाद Vs 'भाग्यनगर'


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

TRS - 56
BJP - 49
AIMIM - 43
Cong - 02


हैदराबाद जीता या भाग्यनगर? 
'निज़ाम' से मुक्ति?
जिन्ना पर वोट?
तुष्टीकरण पर ग्रहण?
बंगाल में भाग्योदय?
किसपर 'स्ट्राइक'?
ध्रुवीकरण से किसका फायदा?


हैदराबाद के नगर निगम चुनावों से इन सारे सवालों के जवाब मिलने जा रहे हैं, लेकिन एक चीज़ तय है कि हैदराबाद ये नाम सुनते ही एक ही चेहरा अब तक आपके ज़ेहन में आता है वो है ओवैसी.. और ओवैसी का गढ़, ओवैसी का किला. लेकिन उस किले में बीजेपी ने जबरदस्त एंट्री मारी है. 4 से 49 तक का सफर.. यानी ओवैसी के मुस्लिम कार्ड पर बीजेपी का हर दांव भारी पड़ा है. और इसका असर आपको तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में भी दिख सकता है. 2021 में बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी इसका असर देखने को मिल सकता है.


अमित शाह ने ट्वीट करके लिखा कि "पीएम नरेंद्र मोदी पर विश्वास जताने के लिए तेलंगाना के लोगों का आभार और भाजपा की राजनीति ने विकास का नेतृत्व किया. जेपी नड्डा JP Nadda और बंडी संजय कुमार को GHMC में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई. मैं हमारे भाजपा कार्याकर्ताओं की मेहनत की सराहना करता हूं."



वहीं हैदराबाद के गोशमहल विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक राजा सिंह ने ये ऐलान कर दिया है कि "हमसे जो टकराएगा चूर चूर हो जाएगा भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद"


29 नवंबर 2020 को गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि "हम हैदराबाद को निज़ाम कल्चर से मुक्त करके. एक मिनी इंडिया बने, एक ऐसा शहर बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे."


28 नवंबर 2020 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि "क्या हैदराबाद भाग्यनगर हो सकता है. मैंने कहा क्यों नहीं? हमने फैजाबाद को अयोध्या कर दिया हमने इलाहबाद को प्रयागराज कर दिया."


25 नवंबर 2020 को असदुद्दीन औवेसी ने कहा था कि "सोचा था हैदराबाद का नाम बदल देते. अरे तुम्हारी नस्लें खत्म हो जाएंगी. हैदराबाद का नाम हैदराबाद रहेगा इंशाअल्लाह.."


बीजेपी को फ़ायदा कैसे?


ओल्ड हैदराबाद असदुद्दीन ओवैसी का गढ़ माना जाता है. GHMC के चुनाव में बीजेपी ने पूरी ताकत झोंकी थी. जिसके नतीजे सामने आ चुके हैं. इस चुनाव में गृह मंत्री अमित शाह से लेकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और योगी आदित्यनाथ ने रोड शो किए. पिछली बार बीजेपी को सिर्फ 4 सीट मिली थी. जिसकी तुलना में ये भाजपा के लिए ऐतिहासिक जीत है.


इस बार दिग्गजों के चुनाव प्रचार से सीटें बढ़ीं. हैदराबाद Vs 'भाग्यनगर' की लड़ाई से भाजपा को जबरदस्त लाभ हुआ. हैदराबाद का असर बंगाल में दिख सकता है. बंगाल में 2021 में विधानसभा के चुनाव होंगे. ऐसे में हैदराबाद का किला फतह करने के बाद भाजपा की नजर अब बंगाल पर है, इसीलिए बंगाल की दीदी को टेंशन बढ़ चुकी है.


सवाल नंबर 1- बीजेपी ने हिलाया ओवैसी का 'किला'?


सवाल नंबर 2- हैदराबाद से बंगाल में बीजेपी का भाग्योदय?


सवाल नंबर 3- हैदराबाद में हारकर भी 'जीती' बीजेपी?


सवाल नंबर 4- वोट विकास पर या जिन्ना के नाम पर?


सवाल नंबर 5- हैदराबाद Vs 'भाग्यनगर' किसकी जीत?


देश और दुनिया की हर एक खबर अलग नजरिए के साथ और लाइव टीवी होगा आपकी मुट्ठी में. डाउनलोड करिए ज़ी हिंदुस्तान ऐप, जो आपको हर हलचल से खबरदार रखेगा... नीचे के लिंक्स पर क्लिक करके डाउनलोड करें-


Android Link - https://play.google.com/store/apps/details?id=com.zeenews.hindustan&hl=en_IN


iOS (Apple) Link - https://apps.apple.com/mm/app/zee-hindustan/id1527717234