नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शिवसेना एनसीपी सरकार का गठन महज वक्त की बात रह गई है. इसमें कांग्रेस भी शामिल रहेगी. अपनी राजनीतिक विचारधारा को ताक पर रखकर बनाया गया यह गठबंधन कितना टिकाऊ होगा इसकी तो सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है. लेकिन राजनैतिक अवसरवाद की पराकाष्ठा यहां दिखाई देने लगी है.
कुछ ऐसी हो सकती है एनसीपी शिवसेना की सरकार
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि दोनों ही पार्टियां भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए मिल जुलकर सरकार चलाएंगी. शिवसेना और एनसीपी के बीच महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने के लिए जो फार्मूला तय हुआ है उसके तहत मुख्यमंत्री पद शिवसेना के पास होगा जबकि उपमुख्यमंत्री राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का. शहरी विकास और रेवेन्यू मंत्रालय शिवसेना अपने पास रखेगी जबकि गृह मंत्रालय और वित्त विभाग एनसीपी के पास जा सकता है.
इसके अलावा बाकी मंत्रालयों का बंटवारा दोनों पार्टियों में बराबरी का होगा. सूत्रों का यह भी दावा है कि इस फार्मूले में शिवसेना-एनसीपी को कांग्रेस बाहर से समर्थन देगी और इसकी एवज में उसे विधानसभा अध्यक्ष का पद मिल सकता है.
शिवसेना में सरकार के गठन को लेकर लगातार मंथन चल रहा है.
Maharashtra: Shiv Sena leader Sanjay Raut arrives at party chief Uddhav Thackeray's residence in Mumbai. pic.twitter.com/q4enQZqU0X
— ANI (@ANI) November 11, 2019
वंशवाद को मिल रहा है बढ़ावा
सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरों के मुताबिक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को मिल सकता है. जबकि उप मुख्यंमत्री का पद एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार को दिया जा सकता है. यह राजनीति में वंशवाद का एक बड़ा उदाहरण स्थापित करेगा. क्योंकि आदित्य ठाकरे हों या अजीत पवार दोनों को अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि की वजह से यह पद मिलेगा.
वंशवाद की इस राजनीति की आलोचना हमेशा से शिवसेना करती आई है. यही वजह है कि ठाकरे परिवार का कोई सदस्य कभी भी चुनाव नहीं लड़ा. लेकिन आदित्य ठाकरे ने इस परंपरा को तोड़कर चुनाव भी लड़ा और मुख्यंत्री का पद हासिल करने के लिए सारे जोड़ तोड़ भी शुरु कर दिेए. जबकि इतिहास गवाह है कि शिवसेना के संस्थापक और प्रखर हिंदुत्ववादी नेता बाला साहेब ठाकरे ने इस तरह की नीतियों को कभी बढ़ावा नहीं दिया.
दिवंगत बाल ठाकरे से एक बार एनसीपी से गठबंधन करके सरकार बनाने से संबंधित सवाल पूछा गया था तो उन्होंने बेहद करारा जवाब दिया था. उनका ये जवाब आप यहां सुन सकते हैं.
Listen to What Balasaheb Thackeray had Said When he Was Asked About Doing an Alliance With NCP. Balasaheb had a Great Vision. ♥️#ShivSenaCheatsMaharashtra pic.twitter.com/gkIAaxiPTM
— Sujay Raj (@Sujay__Raj) November 11, 2019
शिवसेना एनसीपी गठबंधन सरकार की उम्र होगी बेहद कम
हालांकि अभी महाराष्ट्र में शिवसेना एनसीपी की सरकार अभी बनी नहीं है. लेकिन इसके भविष्य को लेकर सटीक अंदाजा लगाया जा चुका है. कांग्रेस के वरिष्ठ अभिनेता संजय निरुपम ने नई सरकार के भविष्य के संकेत पहले ही दे दिए हैं. उन्होंने ट्विट करके कहा कि राज्य में चाहे जिसकी भी सरकार बने लेकिन वह ज्यादा दिन नहीं चलेगी.
No matter who forms govt and how ? But the political instability in Maharashtra can not be ruled out now. Get ready for early elections. It may take place in 2020.
Can we go to the elections with ShivSena as partner ?— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) November 11, 2019
कांग्रस नेता ने कहा कि, महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता को खारिज नहीं किया जा सकता. 2020 में फिर चुनाव होंगे. उन्होंने ट्वीट के आखिर में सवाल किया कि क्या हमें शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए?
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