अवसरवाद का गठबंधन और वंशवाद के फल, क्या यही था बाला साहेब ठाकरे का सपना ?

महाराष्ट्र में शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ सरकार बनाने का मन बना लिया है. इस सरकार को कांग्रेस भी समर्थन दे सकती है. लेकिन शिवसेना के एनसीपी और कांग्रेस के साथ जाते ही उसमें इन दोनो पार्टियों के दुर्गुण नजर आने लगे हैं.   

Last Updated : Nov 11, 2019, 04:13 PM IST
    • महाराष्ट्र में एनसीपी शिवसेना की सरकार?
    • कब तक चलेगी सरकार
    • वंशवाद की राजनीति परवान चढ़ी
अवसरवाद का गठबंधन और वंशवाद के फल, क्या यही था बाला साहेब ठाकरे का सपना ?

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शिवसेना एनसीपी सरकार का गठन महज वक्त की बात रह गई है. इसमें कांग्रेस भी शामिल रहेगी. अपनी राजनीतिक विचारधारा को ताक पर रखकर बनाया गया यह गठबंधन कितना टिकाऊ होगा इसकी तो सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है. लेकिन राजनैतिक अवसरवाद की पराकाष्ठा यहां दिखाई देने लगी है. 

कुछ ऐसी हो सकती है एनसीपी शिवसेना की सरकार
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि दोनों ही पार्टियां भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए मिल जुलकर सरकार चलाएंगी. शिवसेना और एनसीपी के बीच महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने के लिए जो फार्मूला तय हुआ है उसके तहत मुख्यमंत्री पद शिवसेना के पास होगा जबकि उपमुख्यमंत्री राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का. शहरी विकास और रेवेन्यू मंत्रालय शिवसेना अपने पास रखेगी जबकि गृह मंत्रालय और वित्त विभाग एनसीपी के पास जा सकता है. 
इसके अलावा बाकी मंत्रालयों का बंटवारा दोनों पार्टियों में बराबरी का होगा. सूत्रों का यह भी दावा है कि इस फार्मूले में शिवसेना-एनसीपी को कांग्रेस बाहर से समर्थन देगी और इसकी एवज में उसे विधानसभा अध्यक्ष का पद मिल सकता है. 

शिवसेना में सरकार के गठन को लेकर लगातार मंथन चल रहा है.

वंशवाद को मिल रहा है बढ़ावा

सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरों के मुताबिक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को मिल सकता है. जबकि उप मुख्यंमत्री का पद एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार को दिया जा सकता है. यह राजनीति में वंशवाद का एक बड़ा उदाहरण स्थापित करेगा. क्योंकि आदित्य ठाकरे हों या अजीत पवार दोनों को अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि की वजह से यह पद मिलेगा.

वंशवाद की इस राजनीति की आलोचना हमेशा से शिवसेना करती आई है. यही वजह है कि ठाकरे परिवार का कोई सदस्य कभी भी चुनाव नहीं लड़ा. लेकिन आदित्य ठाकरे ने इस परंपरा को तोड़कर चुनाव भी लड़ा और मुख्यंत्री का पद हासिल करने के लिए सारे जोड़ तोड़ भी शुरु कर दिेए. जबकि इतिहास गवाह है कि शिवसेना के संस्थापक और प्रखर हिंदुत्ववादी नेता बाला साहेब ठाकरे ने इस तरह की नीतियों को कभी बढ़ावा नहीं दिया. 

दिवंगत बाल ठाकरे से एक बार एनसीपी से गठबंधन करके सरकार बनाने से संबंधित सवाल पूछा गया था तो उन्होंने बेहद करारा जवाब दिया था. उनका ये जवाब आप यहां सुन सकते हैं. 

शिवसेना एनसीपी गठबंधन सरकार की उम्र होगी बेहद कम

हालांकि अभी महाराष्ट्र में शिवसेना एनसीपी की सरकार अभी बनी नहीं है. लेकिन इसके भविष्य को लेकर सटीक अंदाजा लगाया जा चुका है. कांग्रेस के वरिष्ठ अभिनेता संजय निरुपम ने नई सरकार के भविष्य के संकेत पहले ही दे दिए हैं. उन्होंने ट्विट करके कहा कि राज्य में चाहे जिसकी भी सरकार बने लेकिन वह ज्यादा दिन नहीं चलेगी. 

कांग्रस नेता ने कहा कि, महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता को खारिज नहीं किया जा सकता. 2020 में फिर चुनाव होंगे. उन्होंने ट्वीट के आखिर में सवाल किया कि क्या हमें शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए? 

महाराष्ट्र में शिवसेना एनसीपी की बढ़ती नजदीकियों को जानने के लिये जरुर पढ़ें ये खबर

 

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