बिहार में कांग्रेस-राजद में दरार, गठबंधन बने रहने पर संदेह

राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह द्वारा लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताने से बिहार कांग्रेस के नेता नाराज हो गए हैं. अब कांग्रेस बिहार में राजद से गठबंधन नहीं करने की बात कह रही है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 11, 2020, 05:24 PM IST
    • बिहार में चुनाव से पहले राजद-कांग्रेस में दरार
    • तेजस्वी को मुख्यमंत्री के रुप में स्वीकार नहीं कर रही है कांग्रेस
    • जदयू से भी गठबंधन की फिराक में हैं कांग्रेस नेता
    • लोकसभा चुनाव के परिणाम की वजह से तेजस्वी से दूरी बरत रहे हैं कांग्रेसी
बिहार में कांग्रेस-राजद में दरार, गठबंधन बने रहने पर संदेह

पटना: तेजस्वी यादव को बिहार के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार मान लेने को लेकर कांग्रेस और राजद के बीच तनाव बढता ही जा रहा है. राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगतानंद सिंह के बयान के बाद विवाद और गहरा गया है. 
जगतानंद सिंह ने कहा था कि जो कांग्रेसी-बीजेपी का सपोर्ट करते हैं वहीं तेजस्वी का नेतृत्व नहीं स्वीकार कर रहे हैं.

राजद के प्रदेश अध्यक्ष के बयान के बाद कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष समीर सिंह और सीनियर लीडर निखिल कुमार ने 2020 चुनाव को लेकर कांग्रेस का अभी किसी भी दल के साथ गठबंधन होने की बात से ही साफ इन्कार कर दिया है.  कांग्रेसी नेता कह रहे हैं कि चुनाव के वक्त पार्टी फैसला करेगी कि आखिर गठबंधन का स्वरुप कैसा होगा।

कई और दलों ने तेजस्वी के नेतृत्व से किया इनकार 
बिहार में मुख्यमंत्री पद को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी तेजस्वी को सीएम पद का उम्मीदवार मानने से इन्कार किया है. लेकिन प्रदेश राजद अध्यक्ष जगतानंद सिंह ने साफ कह दिया है कि साल 2000 से ही बिहार में कांग्रेस ने राजद के नेतृत्व को स्वीकार किया है.  2019 में भी कांग्रेस ने तेजस्वी के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा था. 

जगदानंद सिंह के अध्यक्ष के इस बयान ने कांग्रेसियों के बीच खलबली मचा दी है. 

कांग्रेसी नाराज हैं जगदानंद सिंह से 
प्रदेश राजद अध्यक्ष के इस बयान से कांग्रेसी बेहद नाराज हो गये हैं. कांग्रेस के सीनियर नेता निखिल कुमार ने कहा कि गठबंधन और मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर जगतानंद सिंह थोड़ी जल्दबाजी में बोल गये हैं.  हकीकत ये है कि अभी 2020 चुनाव को लेकर गठबंधन हुआ ही नहीं है. नवंबर में चुनाव होने हैं.  अभी तो गठबंधन का स्वरुप क्या होगा और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम क्या होगा इसी पर चर्चा नहीं हुई है. 

उधर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष समीर सिंह ने भी स्पष्ट किया है कि तेजस्वी राजद का नेतृत्व कर सकते हैं, लेकिन कांग्रेस का नेतृत्व तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही कर रहे हैं. तेजस्वी कांग्रेस का नेतृत्व नहीं कर सकते हैं. 

तेजस्वी के नेतृत्व पर कांग्रेसियों का सवाल
कांग्रेस नेताओं ने सीट बंटवारे के फार्मूले को लेकर भी राजद नेतृत्व पर सवाल उठाया है. उनका आरोप है कि  लोकसभा चुनाव में जिसकी हैसियत नहीं थी उसे भी ज्यादा सीट दे दी गयी, जो वोट ट्रान्सफर करा पाने की भी क्षमता नहीं रखते थे.  वो ज्यादा सीट ले गये और हम चुनाव हार गये. 

तेजस्वी के खिलाफ इसलिए है कांग्रेस
कांग्रेस तेजस्वी को अभी सीएम उम्मीदवार इसलिए नहीं मान रही क्योंकि लोकसभा चुनाव में राजद सभी सीटें हार गयी थीं और कांग्रेस को एक सीट मिली थी. लोकसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस को महागठबंधन में राजद के दवाब के कारण कम सीटें मिली थीं.  लेकिन विधानसभा चुनाव में राजद पर दवाब बनाकर कांग्रेस  ज्यादा सीटें हासिल करना चाहती है. 

जेडीयू से भी गठबंधन की फिराक में है कांग्रेस
अंदर की बात ये है कि बीजेपी नेताओं की ओर से लगातार बीजेपी के सीएम कैंडिडेट देने की मांग ने भी कांग्रेस के लिए नयी उम्मीद को जिंदा कर दिया है. बिहार के कांग्रेसियों को उम्मीद है कि सीएम कैंडिडेट के नाम पर अगर जेडीयू बीजेपी से अलग होती है तो कांग्रेस पार्टी नीतीश कुमार को सपोर्ट करेगी.  नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजद से अलग मांझी की हम और वीआईपी पार्टी को लेकर गठबंधन की भी कोशिशें हो सकती हैं. 

राजद कांग्रेस की नाराजगी दूर करने के लिए अप्रैल महीने में होनेवाले राज्यसभा चुनाव और विधान परिषद के चुनाव में एक सीट दे सकती है. या फिर राजद की ओर तत्काल महागठबंधन की मीटिंग बुलाकर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश हो सकती है. लेकिन इसकी संभावना कम ही दिखती है. 

ये भी पढ़ें- बिहार में बढ़ी चुनावी गहमागहमी

ये भी पढ़ें- बिहार विधानपरिषद् चुनाव में होगा शक्ति परीक्षण

ट्रेंडिंग न्यूज़