बिहार में ज्यादा दिन नहीं टिक पाएगा "महागठबंधन"! पढ़ें, अहम सबूत

बिहार में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, महागठबंधन में दरार बढ़ता ही जा रही है. हालात तो ऐसे हो गए हैं कि लगने लगा है कि कांग्रेस-आरजेडी समेत अन्य विपक्षी दलों के रिश्ते कभी भी टूट सकते हैं.

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Feb 23, 2020, 06:17 PM IST
    1. 'यात्रा' पर निकले तेजस्वी यादव तो मचा संग्राम
    2. तेजस्वी की 'यात्रा' के पीछे-पीछे विवाद!
    3. NDA का तेजस्वी यादव पर सीधा 'हमला'
    4. कांग्रेस ने दी सफाई तो RJD का पारा 'हाई'
बिहार में ज्यादा दिन नहीं टिक पाएगा "महागठबंधन"! पढ़ें, अहम सबूत

पटना: कहा जाता है कि जहां के बच्चे भी राजनीति के रग-रग से वाकिफ होते हैं उस प्रदेश को बिहार कहते हैं. इन दिनों बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ती ही जा रही है. लालू के छोटे 'लाल' ने सीएम की कुर्सी के लिए अपने हाथ पांव फैलाने शुरू कर दिये हैं. जो महागठबंधन के अन्य साथियों को हजम नहीं हो रहा है. शायद यही वजह है कि बिहार में महागठबंधन का अस्तित्व खतरे में जाता दिखाई दे रहा है.

'यात्रा' पर निकले तेजस्वी यादव तो मचा संग्राम

तेजस्वी यादव की यात्रा का आगाज हो गया है. लेकिन इस यात्रा को लेकर सियासत अभी तक जारी है. महागठबंधन के घटक दलों ने तेजस्वी को नैतिक समर्थन जरूर दिया है. लेकिन शामिल होने से इंकार किया है. हालांकि, आरजेडी इससे बेफिक्र है. वो बेरोजगारी के सवाल पर राज्य सरकार के घेरने की पूरी तैयारी कर चुकी है.

तेजस्वी की 'यात्रा' के पीछे-पीछे विवाद!

इन सबके बीच असल सवाल तो ये है कि यात्रा में महागठबंधन के लोग शामिल क्यों नहीं हो रहे हैं. हालांकि, घटक दलों ने नैतिक समर्थन देने का ऐलान जरूर किया है. क्या RJD के अन्य साथी तेजस्वी को बतौर सीएम कैंडिडेट स्वीकार करना नहीं चाहते हैं. ये सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि तेजस्वी के नाम को लेकर महागठबंधन में पहले से ही काफी मतभेद देखा जा रहा है, ऐसे में तेजस्वी की यात्रा से खुद को अलग करके घटक दलों ने इस बात पर मुहर लगा दिया है. ऐसे सबूत पहले भी सामने आ चुके हैं.

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले बिखर जाएगा महागठबंधन?

NDA का तेजस्वी पर सीधा 'हमला'

JDU समर्थकों ने एक बार फिर से पोस्टर के जरिए यात्रा पर निशाना साधा. तो, बीजेपी ने भी तेजस्वी की यात्रा पर सवाल उठाए हैं. चुनावी साल में बिहार में गजब की राजनीति हो रही है. एक तरफ यात्रा निकाली जा रही है, तो दूसरी तरफ यात्रा पर सियासी सवालों के तीर चलाए जा रहे हैं.

'यात्रा' पर सियासी रार

बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि "भ्रष्टाचार के पैसे से खरीदे गए बस पर जो चढ़ेगा उसे कानूनी खुजली होने लगेगी. कांग्रेस के नेता इस बात को समझ गए इसलिए उन्होंने यात्रा से किनारा किया. तेजस्वी यात्रा के नाम पर आर्थिक उगाही में निकल रहे. तेजस्वी बताएं बस का मास्टरमाइंड कौन है." वहीं बिहार भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा है कि "तेजस्वी खुद आरक्षित पद पर हैं वह रैली के माध्यम से अपना रोजगार को ढूंढ रहे हैं."

कांग्रेस ने दी सफाई तो RJD का पारा 'हाई'

कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ से जब मीडिया ने सवाल किया कि आपकी पार्टी तेजस्वी की यात्रा में क्यों नहीं शामिल हो रही है तो उन्होंने ये कहकर बात को टाल दिय कि शामिल होने का फैसला अध्यक्ष करेंगे. वहीं RJD ने दो टूक शब्दों में ये कह दिया है कि "RJD सबसे बड़ी पार्टी है. जनता में उसकी पैठ है, हम अपने बूते बेरोजगारी हटाओ यात्रा निकाल रहे. जिनको साथ आना है आ सकते हैं."

वैसे हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने बिना कोई शर्त के RJD की यात्रा को समर्थन देने का ऐलान किया है. दरअसल, JDU ने यात्रा में इस्तेमाल हो रहे लग्जरी बस को मुद्दा बनाया है. आरोप भ्रष्टाचार के साथ अतिपिछड़ा को आर्थिक साजिश में फंसाने का लगाया है. कानूनी कार्रवाई की भी चेतवानी दी गई है. लेकिन इन सारे आरोपों से परे होकर तेजस्वी यादव यात्रा पर निकल गए हैं. और माना तो यही जा रहा है कि जब तक ये यात्रा चलती रहेगी. विवादों से इसका पीछा छूटेगा नहीं.

इसे भी पढ़ें: क्या बेटी ऐश्वर्या के अपमान से नाराज होकर लालू यादव के समधी जदयू में जा रहे हैं?

बिहार में चुनाव से पहले महागठबंधन के अन्य साथियों को अलग छोड़कर तेजस्वी का अकेली यात्रा ये साबित करती है कि चुनाव से पहले खटास का माहौल पैदा हो चुका है. जिसके साथ बिहार का चुनाव वाकई एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है.

इसे भी पढ़ें: बिहार चुनाव के लिए नए भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कसी कमर

ट्रेंडिंग न्यूज़