मुंबईः महाराष्ट्र विधानसभा में खाली पड़ी सीएम कुर्सी का दावेदार अब मिल चुका है. उद्धव ठाकरे शनिवार को फ्लोर टेस्ट के बाद इस पर अपना सिक्का भी जमा चुके हैं. इसी के साथ महीने भर तक चले इस सियासी नाटक का परदा गिरा. अब रविवार को इसके सारे किरदार अब घर वापसी करेंगे. दरअसल होटलों में पिछले कई दिनों से रह रहे विधायक अब मुक्त हैं और आज अपने घर जाएंगे. खरीद-फरोख्त के डर से शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने अपने विधायकों को फाइव स्टार होटलों में रख छोड़ा था.
अभी एक कड़ी और बाकी
विधायकों ने सोचा था कि उद्धव ठाकरे के बहुमत साबित करने के बाद उन्हें छोड़ दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. रविवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद उन्हें मुक्त कर दिया जाएगा. विधायक शनिवार को ही इस पूरे मामले का पटाक्षेप समझ रहे थे, लेकिन इसका एक अध्याय अभी बाकी है. शनिवार को विश्वास मत हासिल करने के बाद विधायकों को फिर होटल भेज दिया गया. रविवार को विधायकों को होटल से फिर विधान भवन लाया जाएगा. रविवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव के बाद सभी विधायकों को घर जाने दिया जाएगा.
फाइव स्टार होटल और रिसॉर्ट में भी विधायकों का समय नहीं कटता था. एक विधायक ने बताया कि विधायक ताश खेलकर, टीवी देखकर, मोबाइल के सहारे समय काट रहे हैं. उऩ्होंने यहां जिम और तैराकी भी की है.
स्पीकर का चुनाव आज
विश्वास मत हासिल करने के बाद ठाकरे सरकार की दूसरी परीक्षा आज रविवार को होनी है. आज विधानसभा के विशेष सत्र में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा. इस पद के लिए महाविकास आघाड़ी ने कांग्रेस के नाना पाटोले को उतारा है, जबकि भाजपा ने किशन कथोरे को उम्मीदवार बनाया है.
कथोरे की उम्मीदवारी वापस लेने की संभावना है.
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उद्धव अब तक किसी सदन के सदस्य नहीं
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अब तक विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी के भी सदस्य नहीं हैं. इसके लिए उन्हें छह महीने के अंदर ही दोनों में से किसी एक सदन का सदस्य निर्वाचित होना पड़ेगा. शिवसेना सूत्रों के मुताबिक उद्धव ठाकरे विधानमंडल के ऊपरी सदन यानी विधान परिषद के जरिए सदन में जगह ले सकते हैं. ठाकरे के मुंबई की माहिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की भी चर्चा है. इस सीट को शिवसेना का गढ़ कहा जाता है, यहां से शिवसेना के सदा सरवणकर लगातार दूसरी बार चुन कर विधानसभा पहुंचे हैं.
इसलिए यहां से चुनाव लड़ने पर उद्धव के सामने ज्यादा मुश्किल नहीं आएगी. वहीं विधानपरिषद सदस्य बनना उनके लिए और आसान होगा. क्योंकि विधानपरिषद सदस्य तानाजी सावंत के विधायक चुने जाने के कारण शिवसेना कोटे से विधान परिषद में एक सीट खाली है.