मुंबई : महाराष्ट्र में सरकार गठन पर से अनिश्चितता का अंधेरा छंट गया है. ऐसी खबर आ रही है कि शिवसेना (Shiv Sena), एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के बीच गठबंधन सरकार के लिए फॉर्मूला तैयार कर लिया गया है.
भाजपा वाले फॉर्मूले पर मान गई एनसीपी
खबरों के मुताबिक कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच लगभग सभी मुद्दों पर चर्चा हो चुकी है लेकिन कुछ विषय है जिनपर चर्चा होना बाकि जिनमें धर्मनिरपेक्षता और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम भी है. शिवेसना और एनसीपी राज्य में 50-50 के फॉर्मूले के तहत काम करेगी. यानि शिवसेना एनसीपी के साथ उसी फॉर्मूले के तहत आगे बढ़ेगी जिसके पूरा ना होने पर उसने बीजेपी का दामन छोड़ा था. यानि राज्य में ढाई साल शिवसेना का सीएम रहेगा और ढाई साल एनसीपी का सीएम रहेगी. इस फॉर्मूले के तहत कांग्रेस पार्टी भी शिवसेना एनसीपी गठबंधन की सरकार में शामिल रहेगी. अब एनसीपी और कांग्रेस के साथ शिवसेना न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाने पर विचार कर रही है.
Ajit Pawar, NCP: Today our leader Jayant Patil will call Balasaheb Thorat (President of Maharashtra Pradesh Congress Committee) for further discussions between the parties and discuss the dates from when we can have a joint discussion on how to go ahead. #Maharashtra https://t.co/L63XCf6TSh
— ANI (@ANI) November 13, 2019
कांग्रेस के हाथ में लड्डू
भले ही कांग्रेस इस विवाद में तटस्थ दिखाई दे रही थी. लेकिन भाजपा शिवसेना का साथ छूटने का उसे बड़ा फायदा हुआ है. जैसा कि पहले कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस शिवसेना की सरकार से दूरी बनाकर बाहर से समर्थन देगी, वैसा कुछ भी नहीं है. सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है कि कांग्रेस अपना डिप्टी सीएम बनाएगी और यह पूरे पांच साल के लिए होगा.
स्पीकर के पद पर अभी फैसला नहीं
लेकिन अभी तक तीनों पार्टियों के बीच स्पीकर पोस्ट को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका है, इसीलिए पेंच वहीं फंसा है. ऐसा बताया जा रहा है कि अगले 8-10 दिनों में इसे लेकर भी फैसला हो सकता है और गठबंधन सरकार का आधिकारिक ऐलान अगले कुछ दिनों में होने की संभावना है.
फिलहाल राज्य में है राष्ट्रपति शासन
मंगलवार को महाराष्ट्र में पल पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्र के पास राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश भेज दी थी. राज्यपाल ने राष्ट्रपति से संविधान की धारा 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफ़ारिश की थी. राज्यपाल ने मौजूदा राजनीतिक संकट के मद्देनज़र मौजूदा सरकार आगे नहीं चल पाने की रिपोर्ट केंद्र को भेजी थी. जिसके कुछ देर बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को लेकर केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक हुई जिसमें मोदी कैबिनेट ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की गवर्नर की सिफारिश को राष्ट्रपति के पास भेज दिया है. शाम को राष्ट्रपति ने गवर्नर की सिफारिश पर हस्ताक्षर कर दिए.