नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है. सरकार गठन की बातचीत आखिरी दौर में पहुंच गई है. तमाम गतिरोध के बावजूद भी अगले 48 घंटों में सरकार बनाने पर अंतिम फैसला हो सकता है. क्योंकि 170 विधायकों का दावा करने वाली शिवसेना धड़ाम से गिर गई है. उसके पास भाजपा के शर्तों पर समझौता करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं बचा.
शरद पवार ने काटी कन्नी
पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर सियासी खेमे में जबरदस्त उठापटक का दौर देखने को मिल रहा है. शिवसेना के तेवर इतने परवान पर थे कि मानों वह गठबंधन भुला कर बस सीएम की कुर्सी मोह जाहिर करने में लगी रही. अचानक से भाजपा-शिवसेना गठबंधन को लेकर एक पुराने समझौता को याद दिलाया जाता है. 50-50 फॉर्मूले पर शिवसेना खूब तांडव करती है. शिवसेना नेताओं की बयानबाजी से यह संकेत आने लगे थे कि वह शरद पवार की पार्टी एनसीपी से समझौता करने के मूड में है. शिवसेना नेता लगातार शदर पवार और कई कांग्रेसी नेताओं की तारीफ करने लग जाते हैं. इस बीच एनसीपी प्रमुख सामने आते हैं. मीडिया से बात करते हैं. और शिवसेना के ख्वाब पर तेजाब फेंक देते हैं. शिवसेना के पैरों तले जमीन खिसक जाती है. और उसके पास अब बस एक ही रास्ता बचा. अगर महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी शाख बचानी है, तो भाजपा से समझौता कर लो. वो भी हाय-तौबा किए बिना. क्योंकि शरद पवार ने ये साफ कर दिया है कि वह किसी के साथ मिलकर सरकार बनाने को इच्छुक नहीं हैं.
Sharad Pawar,NCP Chief: I don't have anything to say yet. BJP and Shiv Sena have got the mandate of people, so they should form government as soon as possible. Our mandate is to play the role of Opposition. #Maharashtra pic.twitter.com/7Yc64DZQ5H
— ANI (@ANI) November 6, 2019
क्या बोलें पवार?
NCP प्रमुख शरद पवार ने बोला कि 'राज्य की परिस्थिति के बारे में बोलने का आवश्यकता नहीं है, शिवसेना और भाजपा को जनता ने सरकार बनाने का मत दिया है. एनसीपी और कांग्रेस को विरोध में मत दिया है. हम यही चाहते हैं कि जनता के हित में जिन लोगों को सत्ता बनाने का मौका दिया है, उन्हें जल्द से जल्द सरकार का गठन करना चाहिए.'
जाहिर है, शरद पवार ने खबरों के बाजार में उड़ रही अफवाहों पर फुलस्टॉप लगा दिया है. उन्होंने बिल्कुल साफ कर दिया है, कि उनकी पार्टी ने शिवसेना को कोई ऑफर नहीं दिया, और ना ही आने वाले वक्त में कोई प्रस्ताव भेजने वाली है. क्योंकि शरद पवार की ख्वाहिश सीएम की कुर्सी कतई नहीं है.
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शिवसेना के सपने पर फिरा पानी
शिवसेना इस जिद पर अड़ी हुई है कि ढ़ाई-ढ़ाई साल के फॉर्मूले पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं है. जबकि भाजपा ने पहले ही साफ कर दिया है कि उनको मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कोई भी शर्त मंजूर नहीं है. फडणवीस ही फुल टाइम सीएम बनेंगे. इतना ही नहीं खुद देवेंद्र फडणवीस तक ने सामने आकर ये ऐलान कर दिया है कि वही मुख्यमंत्री बनेंगे. अब ऐसे में शिवसेना मानो बेचारी की भूमिका में आ गई है. क्योंकि सबसे बड़ी पार्टी होने के चलते उसे सबसे पहले सरकार बनाने का मौका मिलेगा. वह सीएम पद के शपथ ग्रहण के लिए भी तैयारियों में जुटी है. शरद पवार ने शिवसेना की पतंग काट दी है. सीधे तौर पर उससे किनारा कर लिया. अब मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर शिवसेना के सपनों पर पूरी तरह से पानी फिर चुका है.
इस दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भाजपा अध्यक्ष पर तीखा तंज भी कसा. उन्होंने कहा अमित शाह का कौशल कैसा है देखता हूं. उन्होंने यह साफ किया कि उन्हें बहुमत नहीं मिलने पर वो विपक्ष में ही बैठना पसंद करेंगे. जिसके बाद शिवसेना के पास भाजपा के साथ आने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है.