अगर बढ़ाना है मतदान तो सरकार को अपनाना होगा ये तरीका

देश के 2 राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव और 17 राज्यों में उप चुनाव के मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जनता से अपील की है. भारत में नेट के इतने सघन पहुंच के बीच सरकार को वोटिंग बढ़ाने के लिए इन तरीकों पर भी विचार करना चाहिए.  

Last Updated : Oct 21, 2019, 03:10 PM IST
    • 'ऑनलाइन वोटिंग' के जरिए बढ़ाना होगा मतदान प्रतिशत
    • सायबर बुलिंग बिगाड़ सकता है काम
अगर बढ़ाना है मतदान तो सरकार को अपनाना होगा ये तरीका

नई दिल्ली: महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव में रैलियों में दम-खम झोंकने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में जा कर वोट करने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट कर दोनों राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव और अन्य 17 राज्यों में हो रहे उप चुनाव को लेकर रिकॉर्ड मतदान करने की अपील की. इसके अलावा उन्होंने युवा वोटरों को भी बड़ी संख्या में वोट देने की उम्मीद जताई. पीएम ने अपने ट्वीट में लिखा - "हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आज मतदान का दिन है. सभी मतदाताओं से मेरा अनुरोध है कि वे अपना वोट जरूर डालें और लोकतंत्र के इस पर्व में भागीदार बनें." 

'ऑनलाइन वोटिंग' के जरिए बढ़ाना होगा मतदान प्रतिशत
दरअसल, भारत में वोटिंग प्रतिशत काफी कम दर्ज किया जाता है. इसका एक कारण ये भी है कि वोटर लिस्ट में दर्ज नाम पोलिंग बूथों पर वोट देने नहीं पहुंच पाते. कई विशेषज्ञों का मानना है कि वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने के लिए इसे पोर्टल के जरिए ऑनलाइन वोटिंग कर देने की जरूरत है. इससे नेट से जुड़ी एक बड़ी आबादी आसानी से घर बैठे वोट डाल सकती है. नेटीजंस की बढ़ती संख्या के बीच मतदान प्रतिशत बढ़ाने के इस तरीके पर फिलहाल कोई विचार भी नहीं किया जा रहा है. भारत में 2019 के अंत तक देश की 62 करोड़ आबादी के पास इंटरनेट सेवा उपलब्ध रहने का अनुमान है. ऐसे में इंटरनेट सेवा की एक बहुत बड़े आबादी के लिए ऑनलाइन वोटिंग की सुविधा का इजात क्यों नहीं किया जा सकता. 

सायबर बुलिंग बिगाड़ सकता है काम
भारत जैसे देश में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के बदौलत तकरीबन 85 प्रतिशत आबादी को आधार कार्ड से युक्त बना दिया गया है. वहां आधार कार्ड सेवा के जरिए वोटिंग कराना बहुत मुश्किल विकल्प नहीं होगा. हालांकि, ऑनलाइन वोटिंग कितनी सुरक्षित होगी, ये कहना जरा मुश्किल हो सकता है. दरअसल, ऑनलाइन सुविधाएं जितनी आसान और तेज हैं उतने ही जटिल हैं इनके साइड-इफेक्ट. सायबर बुलिंग ऑनलाइन वोटिंग के लिए एक मुसीबत बन कर उभर सकता है. भारत का सायबर बुलिंग के मामलों में विश्व में तीसरा स्थान है. ऐसे में वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने के लिए अपनाया जा रहा यह तरीका कहीं जालसाजी का एक नया जरिया न बन जाए. 

वोटिंग बढ़ाने में कुछ खास सफल नहीं हो सके हैं कैंपेन
2019 के लोकसभा चुनाव में वोटिंग 67.11 फीसदी रहा जो भारतीय चुनावों के इतिहास में अब तक का सबसे ज्यादा रहा है. वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में 66.40 फीसदी वोटिंग हुई थी. कई राज्यों में वोटिंग प्रतिशत 50 फीसदी से भी नीचे रहा था. प्रधानमंत्री मोदी ने लगभग सभी चुनावी मौकों पर लोगों से ज्यादा से ज्यादा की संख्या में जा कर वोट करने की अपील की है. महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में दो बजे तक क्रमशः 30.89 फीसदी और 40 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई है. हालांकि सरकार की ओर से वोटिंग को बढ़ाने के लिेए कई कैंपेन और प्रोग्राम चलाए गए हैं. लेकिन ऑनलाइऩ वोटिंग के लिहाज से कोई भी कदम अब तक उठाया जाना बाकी है.  

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