महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ये 7 सीटें हैं बेहद खास! जानिए- क्या है वजह?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए तीन हजार से ज्यादा उम्मीदवारों की किस्मत EVM नाम के पिटारे में कैद हो रही है. ऐसे में 288 सीटों में से सात बेहद अहम सीट हैं. माना जा रहा है कि इन सात सीटों के मुकाबले पर हर किसी की निगाहें टिकी हैं. आइए जानते हैं क्या है इसकी वजह.

Last Updated : Oct 21, 2019, 11:38 AM IST
    • महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए कुल 3 हजार 237 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं
    • नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट पर पिछली दो बार से सीएम देवेंद्र फडणवीस विधायक हैं
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ये 7 सीटें हैं बेहद खास! जानिए- क्या है वजह?

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के सियासी सिंहासन की खातिर रणभूमि पर जंग का ऐलान हो चुका है. वोटिंग का दौर जारी है, ऐसे में 3 हजार 237 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद हो रही है. जहां भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना सत्ता की चाभी अपने पास बचाने के लिए जंग-ए-मैदान में डटे हैं. तो वहीं कांग्रेस और NCP अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए जद्दोजहद कर रही है.

महाराष्ट्र का सियासी घमासान

288 विधानसभा सीटों वाले महाराष्ट्र के चुनावी मैदन में कई दिग्गज अपनी किस्मत को आजमा रहे हैं. सूबे के चुनावी रण में इस बार सियासी दिग्गजों की भिड़ंत के चलते कई विधानसभा सीटें हॉट सीट बन चुकी हैं. इस दफा कई विधानसभा सीटों पर सियासी दिग्गजों की मौजूदगी की वजह से चुनावी लड़ाई काफी दिलचस्प हो चली है.

Hot सीट नंबर 1

नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा महाराष्ट्र की हॉट सीट नंबर 1 है. क्योंकि यहां से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बीजेपी उम्मीदवार हैं.

2008 में परिसीमन के बाद वजूद में आई नागपुर साउथ-वेस्ट एसेंबली सीट पर अभी तक दो बार विधानसभा चुनाव हुए हैं और दोनों बार देवेंद्र फडणवीस को जीत मिली है. हालांकि दूसरे पायदान पर हमेशा कांग्रेस ही रही. नागपुर लोकसभा क्षेत्र में आने वाली इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने इस दफा आशीष देशमुख को सीएम फडणवीस के खिलाफ उतारा है. यहां से सीएम फडणवीस जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में दिख रहे हैं.

Hot सीट नंबर 2

वर्ली विधानसभा महाराष्ट्र की हॉट सीट नंबर 2 है. क्योंकि यहां शिवसेना की ओर से आदित्य ठाकरे पहली बार ताल ठोक रहे हैं.

मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे की उम्मीदवारी की वजह से ना केवल महाराष्ट्र में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में है. वर्ली में शिवसेना का ऐतिहासिक तौर पर दबदबा रहा है. इसलिए शिवसेना के नेता और कार्यकर्ता इस बात पर ज्यादा जोर दे रहे हैं कि वर्ली में असली चुनौती इस बार जीत के अंतर को बढ़ाने की है. किंगमेकर की बजाय किंग बनने का ख्वाब देख रही शिवसेना उम्मीद लगाए बैठी है कि वर्ली से आदित्य ठाकरे को ऐतिहासिक जीत मिलेगी और सीएम की कुर्सी के लिए पार्टी का दावा मजबूत होगा.

Hot सीट नंबर 3

परली विधानसभा महाराष्ट्र की हॉट सीट नंबर 3 है. क्योंकि यहां बीजेपी की पंकजा मुडे बनाम धनंजय मुंडे का दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है.

परली विधानसभा से उम्मीदवार पंकजा मुंडे दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं. उनके मुकाबले एनसीपी ने धनंजय मुंडे को उतारा है जो रिश्ते में पंकजा मुंडे के चचेरे भाई हैं. धनंजय मुंडे भी पहले बीजेपी में ही थे लेकिन साल 2013 में उन्होंने ये कहकर पार्टी छोड़ दिया था कि उनके चाचा गोपीनाथ मुंडे अपनी बेटी पंकजा मुंडे को प्रमोट करने के चक्कर में उनका कद बीजेपी में बढ़ने नहीं दे रहे थे. फिलहाल धनंजय मुंडे महाराष्ट्र विधान परिषद के विपक्ष के नेता हैं. साल 2014 के विधानसभा चुनाव में भी परली सीट पर पंकजा मुंडे और धनंजय मुंडे का आमना-सामना हुआ था. तब पंकजा मुंडे ने धनंजय को 25,895 वोटों से मात दी थी.

Hot सीट नंबर 4

बारामती विधानसभा महाराष्ट्र की हॉट सीट नंबर 4 है. क्योंकि यहां एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के भतीजे और प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम अजीत पवार फिर से चुनावी मैदान में हैं.

महाराष्ट्र के पुणे जिले की बारामती विधानसभा सीट से अजीत पवार 6 बार विधायक रह चुके हैं. अजीत पवार फिर एक बार बारामती सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. बारामती इलाका पवार परिवार का गढ़ है. यह विधानसभा सीट बारामती संसदीय क्षेत्र में आती है और उस पर भी दशकों से एनसीपी का कब्जा है. अजीत पवार की बारामती सीट बेहद सुरक्षित सीट मानी जाती है. इस बार अजीत पवार को बीजेपी तगड़ी चुनौती दे रही है. बीजेपी ने धनगर समाज के तगड़े नेता गोपीचंद पडालकर को चुनाव मैदान में उतारा है. पडालकर मराठा नेता संभाजी भिडे के शिष्य माने जाते हैं और इस इलाके में संभाजी भिडे की खासी पकड़ है.

Hot सीट नंबर 5

कराड दक्षिण विधानसभा महाराष्ट्र की हॉट सीट नंबर 5 है. क्योंकि यहां महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और दिग्गज कांग्रेसी नेता पृथ्वीराज चव्हाण फिर से चुनाव में खड़े हैं.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की सीट कांग्रेस के लिए नाक का सवाल बन गई है. पृथ्वीराज चव्हाण फिर से एक बार सातारा जिले की कराड दक्षिण विधानसभा सीट पर चुनाव लड रहे हैं. सातारा जिला प्रदेश के पश्चिम महाराष्ट्र में आता है. इस चुनाव क्षेत्र में पृथ्वीराज चव्हाण को बीजेपी के अतुल भोसले से कड़ी चुनौती मिल रही है. सातारा में लोकसभा का भी उपचुनाव हो रहा है क्योंकि एनसीपी के टिकट पर सांसद चुने गए उदयन राजे भोसले बीजेपी में आ चुके हैं. और इस बार उप-चुनाव में वो बीजेपी के टिकट पर सातारा लोकसभा उप-चुनाव में उम्मीदवार हैं. एनसीपी ने उनके खिलाफ श्रीनिवास पाटिल को खड़ा किया है.

Hot सीट नंबर 6

कोथरूड विधानसभा महाराष्ट्र की हॉट सीट नंबर 6 है. क्योंकि यहां से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल चुनाव लड़ रहे हैं.

महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री और सूबे की बीजेपी का मराठा चेहरा की पहचान रखने वाले प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की पुणे जिले की कोथरुड विधानसभा सीट खासी सुर्खियों में है. प्रदेश में सीएम कुर्सी के दावेदारों में से एक रहे चंद्रकांत पाटिल पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. चंद्रकांत पाटिल फिलहाल विधान परिषद के सदस्य हैं.

Hot सीट नंबर 7

कणकवली विधानसभा महाराष्ट्र की हॉट सीट नंबर 7 है. क्योंकि यहां बीजेपी के नितेश राणे का मुकाबला शिवसेना के सतीश सावंत है.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दिलचस्प लड़ाई सिंधुदुर्ग जिले की कणकवली सीट पर देखने को मिल रही है. कणकवली विधानसभा सीट से बीजेपी ने नारायण राणे के बेटे नितेश राणे को टिकट दिया है. बीजेपी की सहयोगी शिवसेना लगातार नितेश राणे के टिकट का विरोध कर रही थी, बावजूद इसके बीजेपी ने राणे को उतार दिया. बीजेपी के इस फैसले को शिवसेना ने स्वीकार नहीं किया और राणे के सामने अपने प्रत्याशी के तौर पर सतीश सावंत को खड़ा कर दिया. यानी गठबंधन होने के बावजूद कणकवली सीट पर बीजेपी और शिवसेना के प्रत्याशियों के बीच चुनावी जंग हो रही है.

साल 2014 में शिवसेना और भाजपा ने अलग-अलग विधानसभा चुनाव लड़ा था. जिसमें 288 सीटों में 122 पर बीजेपी ने कब्जा जमाया था. वहीं शिवसेना को इसका काफी नुकसान भरना पड़ा था. मोदी लहर के दौर में शिवसेना को सिर्फ 63 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था. इसके अलावा विपक्ष में कांग्रेस के खाते में 42 सीट, जबकि NCP की झोली में सिर्फ 41 ही गई थी. अब ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और शिवसेना का गठबंधन कारगर साबित होता है या फिर कांग्रेस-एनसीपी की वापसी होगी.

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