शिवसेना ने मानी एनसीपी की शर्त, मोदी सरकार से इस्तीफा देंगे अरविंद सावंत

सरकार बनाने के बीच महाराष्ट्र में जारी गतिरोध कुछ आगे बढ़ा है. शिवसेना ने एनसीपी की ओर से मिली शर्त को स्वीकार कर लिया है और इसी के तहत केंद्र सरकार में शिवसेना के एक मात्र मुख्यमंत्री अरविंद सावंत ने इस्तीफा दे दिया है. अरविंद भारी उद्योग मंत्री थे.

Last Updated : Nov 11, 2019, 08:46 AM IST
    • भाजपा-शिवसेना गठबंधन टूट के कगार पर
    • एनसीपी ने शिवसेना के सामने भाजपा से पूरी तरह अलग होने की शर्त रखी थ
शिवसेना ने मानी एनसीपी की शर्त, मोदी सरकार से इस्तीफा देंगे अरविंद सावंत

मुंबईः महाराष्ट्र में सरकार बनाने की राह में अब कुछ तेजी आनी शुरू हुई है, रविवार रात एनसीपी ने शिवसेना के सामने समर्थन के लिए शर्त रखी थी. भाजपा के साथ गठबंधन वाली पार्टी ने इस शर्त को मान लिया है. सरकार बनाने के लिए शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की शर्तों को मानते हुए केंद्र में बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ने का फैसला किया है. शिवसेना कोटे से मोदी सरकार में मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार को इस्तीफा देने का ऐलान किया.

भारी उद्योग मंत्री थे अरविंद
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी  और शिवसेना के बीच 30 साल पुराना गठबंधन टूट की कगार पर है. मुख्यमंत्री पद पर सहमति नहीं बन पाने के बाद शिवसेना और भाजपा के रास्ते अलग-अलग हो गए हैं. शिवसेना नेता और केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता के बंटवारे का फॉर्मूला तैयार किया गया था. शिवसेना और बीजेपी दोनों आश्वस्त थे. अब इस फॉर्मूले को नकारना शिवसेना के लिए गंभीर खतरा है. महाराष्ट्र में भाजपा ने झूठ का माहौल बना रखा है. शिवसेना हमेशा सच्चाई के पक्ष में रही है.

इतने झूठे माहौल में दिल्ली सरकार में क्यों रहे? और इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं. हालांकि महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के भी समर्थन जरूरत पड़ेगी. लेकिन कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि आज 10 बजे मीटिंग होने वाली है और उसमें आलाकमान के निर्देश के मुताबिक फैसला लिया जाएगा. लेकिन उसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक का जो फैसला है कि हमें विपक्ष में ही बैठना चाहिए. 

इसके पहले एनसीपी ने रखी थी शर्त
रविवार रात एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा था कि हमने 12 नवंबर को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है. अगर शिवसेना हमारा समर्थन चाहती है, तो उन्हें यह घोषणा करनी होगी कि उनका भाजपा के साथ कोई संबंध नहीं है और उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से बाहर होना होगा.

उनके सभी मंत्रियों को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना होगा. सूचना थी कि एनसीपी, शिवसेना के साथ कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाएगी, जिसमें यह तय होगा कि सरकार चलाने के लिए किन मुद्दों पर साथ आया जाए. एनसीपी ने शिवसेना के सामने भाजपा से पूरी तरह अलग होने की शर्त रखी थी, इसके बाद ही एनसीपी, शिवसेना को समर्थन देने की बात कही थी. 

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