मुंबईः महाराष्ट्र में सरकार बनाने की राह में अब कुछ तेजी आनी शुरू हुई है, रविवार रात एनसीपी ने शिवसेना के सामने समर्थन के लिए शर्त रखी थी. भाजपा के साथ गठबंधन वाली पार्टी ने इस शर्त को मान लिया है. सरकार बनाने के लिए शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की शर्तों को मानते हुए केंद्र में बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ने का फैसला किया है. शिवसेना कोटे से मोदी सरकार में मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार को इस्तीफा देने का ऐलान किया.
भारी उद्योग मंत्री थे अरविंद
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच 30 साल पुराना गठबंधन टूट की कगार पर है. मुख्यमंत्री पद पर सहमति नहीं बन पाने के बाद शिवसेना और भाजपा के रास्ते अलग-अलग हो गए हैं. शिवसेना नेता और केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता के बंटवारे का फॉर्मूला तैयार किया गया था. शिवसेना और बीजेपी दोनों आश्वस्त थे. अब इस फॉर्मूले को नकारना शिवसेना के लिए गंभीर खतरा है. महाराष्ट्र में भाजपा ने झूठ का माहौल बना रखा है. शिवसेना हमेशा सच्चाई के पक्ष में रही है.
इतने झूठे माहौल में दिल्ली सरकार में क्यों रहे? और इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं. हालांकि महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के भी समर्थन जरूरत पड़ेगी. लेकिन कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि आज 10 बजे मीटिंग होने वाली है और उसमें आलाकमान के निर्देश के मुताबिक फैसला लिया जाएगा. लेकिन उसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक का जो फैसला है कि हमें विपक्ष में ही बैठना चाहिए.
लोकसभा निवडणुकी आधी जागा वाटप आणि सत्ता वाटपाचा एक फॉर्म्युला ठरला होता. दोघांना तो मान्य होता.आता हा फॉर्म्युला नाकारून शिवसेनेला खोटे ठरवण्याचा प्रकार धक्कादायक तसेच महाराष्ट्राच्या स्वाभीमानास कलंक लावणारा आहे. खोटेपणाचा कळस करत महाराष्ट्रात भाजपाने फारकत घेतलीच आहे.. 1/2
— Arvind Sawant (@AGSawant) November 11, 2019
इसके पहले एनसीपी ने रखी थी शर्त
रविवार रात एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा था कि हमने 12 नवंबर को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है. अगर शिवसेना हमारा समर्थन चाहती है, तो उन्हें यह घोषणा करनी होगी कि उनका भाजपा के साथ कोई संबंध नहीं है और उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से बाहर होना होगा.
उनके सभी मंत्रियों को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना होगा. सूचना थी कि एनसीपी, शिवसेना के साथ कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाएगी, जिसमें यह तय होगा कि सरकार चलाने के लिए किन मुद्दों पर साथ आया जाए. एनसीपी ने शिवसेना के सामने भाजपा से पूरी तरह अलग होने की शर्त रखी थी, इसके बाद ही एनसीपी, शिवसेना को समर्थन देने की बात कही थी.
Shiv Sena needs to exit BJP-led NDA, says Nawab Malik https://t.co/EPerqegkqK
— Nawab Malik (@nawabmalikncp) November 11, 2019
एनसीपी की शर्तः केंद्र से इस्तीफा दें मंत्री, एनडीए से हटे शिवसेना तब देंगे समर्थन