मुंबई: महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को चुनाव परिणाम आ चुके थे. लेकिन सरकार का गठन अब तक नहीं हो पाया है. भाजपा से गठबंधन तोड़कर कांग्रेस एनसीपी के साथ सरकार बनाने की कवायद को लेकर कई शिवसेना विधायक अपने नेतृत्व से नाराज बताए जा रहे हैं.
शिवसेना विधायकों का एक खेमा है नाराज
मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना-भाजपा में बात नही बनी तो ठाकरे परिवार ने ने कांग्रेस एनसीपी जैसे विपरीत विचारधारा के दलों के साथ सरकार बनाने की पहल शुरु की. लेकिन इसका भी कोई ठोस परिणाम नजर नहीं आया. एनसीपी प्रमुख शरद पवार द्वारा शिवसेना को लगातार टाले जाने से उसके विधायक नाराज है. ऐसे मे शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी को 1 दिसंबर तक अल्टीमेटम देने का मन बनाया है.
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शिवसेना विधायकों में बढ़ रहा है शक
महाराष्ट्र में सरकार का गठन कब होगा? शिवसेना के विधायक इस सवाल का जवाब पार्टी के विधायक अपने पार्टी नेताओं से चाहते हैं. लेकिन उन्हें जवाब नहीं मिल पा रहा है. जिसकी वजह से शिवसेना का एक खेमा नाराज भी हो गया है अब उन्हें लगने लगा है कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार उनकी पार्टी के साथ कोई चाल तो नहीं चल रहे हैं.
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शिवसेना विधायकों के ये हैं सवाल
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि शिवसेना विधायक अपने पार्टी सुप्रीमो से पूछ रहे है कि जब कांग्रेस-एनसीपी शिवसेना की गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है तो शरद पवार ऐसा क्यों कह रहे है कि गठबंधन को लेकर कोई बातचीत नही चल रही है? पवार क्यों खुलकर नहीं बोल रहे हैं? क्या पवार कोई चाल तो नही चल रहे हैं? कांग्रेस-एनसीपी शिवसेना को समर्थन देने मे क्यों समय लगा रही है, जबकि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर चर्चा आखिरी चरण में है? आखिर गठबंधन को लेकर इतना ज्यादा कन्फ्यूजन क्यों है?
शिवसेना के विधायकों ने अपने प्रमुख उद्धव ठाकरे से ये विनती भी की है कि अब वह कहीं भी बैठक करने के लिए नहीं जाएं. जब बात फाइनल हो जाए तभी किसी बैठक के लिए निकलें.
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शिवसेना विधायकों में पड़ी फूट
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर शिवसेना विधायक दो गुटों में बंट गए हैं. यह झगड़ा होटल रिट्रीट मे हुआ था जहां विधायक कुछ दिनो पहले ठहराए गए थे. झगड़े की वजह ये थी कि विधायकों का एक गुट कांग्रेस-एनसीपी से गठबंधन का पक्षधर था, वहीं दूसरा गुट इसका विरोध कर रहा था. विरोध करनेवाले विधायकों का कहना था कि जिस कांग्रेस एनसीपी के विरोध में जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है, वह उनका ही समर्थन कैसे कर सकते हैं. ऐसे में वे जनता को क्या जवाब देंगे?
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घबराहट में हैं उद्धव ठाकरे
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने विधायकों की मनोदशा से भली भांति वाकिफ हैं. इसलिए अब वह फैसला लेने में देर नहीं करना चाहते हैं. उद्धव ये जान गये है कि उनके विधायक असंतुष्ट है, ऐसे मे उद्धव ने पार्टी के आला नेताओ से बात करके कांग्रेस-एनसीपी को 1 दिसंबर तक का अल्टीमेटम देने का मन बनाया है. अगर इसके बाद भी बात नहीं बनी तो उद्धव ठाकरे कुछ अलग फैसला ले सकते हैं.
क्या विधायकों को बाहर भेजने की तैयारी मे हैं उद्धव ठाकरे?
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने विधायकों के प्रश्नों का जवाब देने के लिए शुक्रवार यानी 22 नवंबर का दिन तय किया है. लेकिन शायद उद्धव ठाकरे अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए उन्हें एक साथ रखने या फिर बाहर भेजने की तैयारी में हैं. इस बात का अंदेशा इस बात से होता है कि शुक्रवार की बैठक के लिए उद्धव ठाकरे ने अपने विधायकों को आधार कार्ड और पहचान पत्र के साथ बुलाया है. इसके अलावा उन्हें पांच दिन के लिए कपड़े भी लेकर आने के लिए कहा गया है.
Abdul Sattar, Shiv Sena: All MLAs have been called for a meeting on 22 Nov. We've been asked to bring our ID cards&clothes for 5 days. I think we'll have to stay at a place for 2-3 days, then the next step will be decided. Uddhav Thackeray ji will be Maharashtra CM for sure. pic.twitter.com/ZBa95Wbzow
— ANI (@ANI) November 20, 2019
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