नई दिल्ली: महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार का कार्यकाल खत्म हो चुका है, हालांकि बतौर कार्यवाहक मुख्यमंत्री फिलहाल प्रदेश का जिम्मा उन्हीं के कंधों पर है. लेकिन सवाल तो ये है कि महाराष्ट्र में आखिर कब मुख्यमंत्री का चेहरा साफ होगा? कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी? राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा को सरकार बनाने का ऑफर तो दिया है, लेकिन भाजपा का इसे लेकर क्या रुख होगा, ये सवाल फिलहाल बरकरार है.
संजय राउत की खुली चुनौती
जहां एक तरफ महाराष्ट्र में सरकार को लेकर अबतक संशय बरकरार है, वहीं शिवसेना नेता संजय राउत लगातार भाजपा को ताना मार रहे हैं. अब संजय राउत ने गठबंधन में अपनी सहयोगी पार्टी पर तीखा तंज कसते हुए ये बोल दिया कि 'अगर को सरकार बनाने को तैयार नहीं है तो शिवसेना ये जिम्मा ले सकती है.'
Shiv Sena leader Sanjay Raut: Agar koi sarkaar banane ko taiyar nahi hai toh Shiv Sena yeh zimma le sakti hai. #Maharashtra pic.twitter.com/hYO1HHbuRq
— ANI (@ANI) November 10, 2019
संजय राउत यहीं नहीं रुके, भाजपा पर हमला करते-करते वो अपनी विरोधी पार्टी कांग्रेस की सराहना भी करने लगे. उन्होंने ये भी कहा कि 'कांग्रेस प्रदेश की दुश्मन नहीं है. सभी पार्टियों में कुछ मुद्दों पर अंतर होता है.'
Shiv Sena leader Sanjay Raut: Congress is not the enemy of the State. All parties have differences on some issues. https://t.co/ckIfQzI4TP
— ANI (@ANI) November 10, 2019
जिस कांग्रेस की नीतियों का शिवसेना लगातार विरोध करते रही उसने आज अपने विचार के साथ-साथ अपने विरोधी दल की पीठ भी थपथपाना शुरू कर दिया. इसके पीछे की असल वजह क्या है, ये समझना ज्यादा मुश्किल नहीं है. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने एक तरफ भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, इसके साथ ही वो जिस मुखपत्र सामना के संपादक हैं उसमें भी शिवसेना ने भाजपा पर जोरदार हमला किया है.
शिवसेना ने सामना के लेख में बीजेपी की तुलना हिटलर से कर दी है. इस लेख में कहा गया है कि पांच साल औरों को डर दिखाकर शासन करनेवाली टोली आज खुद खौफजदा है.
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सरकार बनाने के ऑफर से छिड़ा घमासान
महाराष्ट्र के राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया तो इसपर NCP ने नाराजगी जताई है. विपक्षी दलों ने इसे लेकर कहा है कि 'राज्यपाल को पहले इस बात की जानाकरी ले लेनी चाहिए थी कि बीजेपी के पास स्पष्ट बहुमत है या नहीं.'
इस बीच ये भी खबर आ रही है कि महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के बीच बढ़ी दूरी, तो NCP और शिवसेना में दोस्ती बढ़ रही है. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार शिवसेना के साथ आने को तैयार हैं. हालांकि हाल ही में पवार ने ये साफ किया था कि प्रदेश की जनता ने उनकी पार्टी कांग्रेस-एनसीपी के गठबंधन पर भरोसा नहीं जताया है, तो वह विपक्ष में ही बैठना पसंद करेंगे.