Uttarakhand Lok sabha Chunav: ठाकुर बहुल पौड़ी सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवारों के बीच जंग, बीजेपी-कांग्रेस ने क्यों चला ये दांव?
Uttarakhand Loksabha Election: उत्तराखंड में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है. सूबे के दोनों ही प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. पांच लोकसभा सीटों वाले इस राज्य की पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला हो रहा है जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इस ठाकुर बहुल सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवार उतारे हैं. दोनों ही दलों ने इस सीट के इतिहास को देखते हुए यह रणनीतिक दांव खेला है.
नई दिल्लीः Uttarakhand Loksabha Election: उत्तराखंड में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है. सूबे के दोनों ही प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. पांच लोकसभा सीटों वाले इस राज्य की पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला हो रहा है जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इस ठाकुर बहुल सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवार उतारे हैं. दोनों ही दलों ने इस सीट के इतिहास को देखते हुए यह रणनीतिक दांव खेला है.
जानिए कौन हैं बीजेपी-कांग्रेस के प्रत्याशी
पौड़ी सीट पर बीजेपी ने पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी को उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और दो बार विधायक रह चुके गणेश गोदियाल को टिकट दिया है. दोनों ही उम्मीदवार पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और इस सीट पर नए हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी ने तीरथ सिंह रावत को प्रत्याशी बनाया था जबकि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूडी के बेटे मनीष खंडूडी को टिकट दिया था. तब तीरथ सिंह रावत को जीत मिली थी.
क्या है पौड़ी सीट का जातीय समीकरण
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पौड़ी गढ़वाल सीट ठाकुर बहुल है. इस सीट पर 45 प्रतिशत ठाकुर हैं जबकि ब्राह्मण 30 फीसदी हैं. वहीं दलित आबादी 18 प्रतिशत है. भले ही यह सीट ठाकुर बहुल हो लेकिन 1991 के बाद से इस पर ज्यादातर ब्राह्मण उम्मीदवारों की जीत का इतिहास रहा है.
एचएन बहुगुणा, खंडूडी भी यहां से जीत चुके हैं
1980 के दशक में इस सीट पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व मंत्री रह चुके कद्दावर नेता हेमवंती नंदन बहुगुणा का कब्जा रहा था. वहीं इसके बाद उनके भांजे और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके रिटायर्ड मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूडी इस सीट से 5 पांच बार जीते. हालांकि 1991 के बाद इस सीट से सतपाल महाराज (रावत), तीरथ सिंह रावत के तौर पर ठाकुर उम्मीदवार जीते.
लंबे समय से बना रहा है बीजेपी का दबदबा
वहीं 1991 से इस सीट पर सिर्फ दो बार छोड़कर बीजेपी ही जीतती हुई आई है. साल 1996 में तिवारी कांग्रेस के टिकट पर और 2009 में कांग्रेस के टिकट पर सतपाल महाराज को पौड़ी गढ़वाल सीट पर जीत मिली थी. बीजेपी को पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 68 फीसदी वोट मिले थे.
पूर्व सैनिकों का वोट भी रखता है मायने
इस सीट पर रिटायर्ड सैनिकों की संख्या ठीकठाक है. ऐसे में राजनीतिक जानकार मानते हैं कि अग्निवीर, पलायन, बेरोजगारी जैसे मुद्दे बीजेपी के लिए चुनौती बन सकते हैं, लेकिन पीएम मोदी की लोकप्रियता, अनिल बलूनी की बीजेपी आलाकमान से नजदीकी और इस क्षेत्र में उनकी ओर से करवाए गए काम उन्हें एक वर्ग के बीच लोकप्रिय भी बनाते हैं.
बलूनी ने जताई बड़ी जीत की उम्मीद
अनिल बलूनी के नामांकन के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे और उन्होंने पौड़ी के रामलीला मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए 2024 में 2019 से बड़ी जीत देने के लिए कहा. इस दौरान केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी मौजूद रहीं. वहीं नामांकन के अवसर पर उन्होंने एक मीडिया चैनल से कहा, उन्हें पौड़ी सीट पर बीजेपी के 5 लाख वोटों के अंतर से जीतने की उम्मीद है.
गोदियाल बोले- जनता ही हमारी स्टार प्रचारक
वहीं मौजूदा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार गणेश गोदियाल भी नामांकन भर चुके हैं. उन्होंने बुधवार को नामांकन के बाद रामलीला मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए कहा, हमें स्टार प्रचारकों की जरूरत नहीं है. उत्तराखंड की जनता व संगठन के लोग ही उनके स्टार प्रचारक है.
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