कौन हैं सिद्धार्थ नाथ सिंह और क्या है लाल बहादुर शास्त्री से उनका नाता?
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और योगी कैबिनेट में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह पर नामांकन के दौरान जानलेवा हमले की कोशिश की बात का खंडन हो गया है. क्या आप जानते हैं कि सिद्धार्थ नाथ सिंह का देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री से गहरा नाता है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान परवान चढ़ चुका है, लेकिन इस बीच खबर आई कि प्रयागराज में नामांकन भरने जा रहे योगी के मंत्री पर जानलेवा हमले की कोशिश हुई, लेकिन थोड़ी देर बाद ही इस बात का पुलिस ने खंडन कर दिया. क्या आप सिद्धार्थ नाथ सिंह को जानते हैं?
ABVP से हुई थी सियासी सफर की शुरुआत
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का साथ पकड़ लिया था. यहीं से उनके सियासी सफर की शुरुआत हुई.
सिद्धार्थ नाथ सिंह एक प्रतिष्ठित कायस्थ परिवार से संबंध रखते हैं. उनके चाचा नौनिहाल सिंह यूपी की एनडी तिवारी और वीपी सिंह सरकार में मंत्री रहे. यूपी की सियासत में कदम रखने से पहले सिद्धार्थनाथ सिंह कई राज्यों में बीजेपी के प्रभारी रह चुके हैं.
योगी के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को जानिए
1 अक्टूबर 1963 को देश की राजधानी दिल्ली में जन्मे सिद्धार्थ नाथ सिंह के पिता का नाम विजय नाथ सिंह और माता का नाम सुमन शास्त्री था. वो देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की सबसे छोटी बेटी के पुत्र हैं.
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के हिंदू कॉलेज से अर्थशास्त्र में पढ़ाई बीए ऑनर्स से की है. उनकी पत्नी नीता सिंह दिल्ली में एक डेंटिस्ट हैं. सिद्धार्थनाथ सिंह के दो बच्चे हैं. एर का नाम सिद्धांत और दूसरे का निशांत सिंह है.
1998 में सिद्धार्थ नाथ सिंह को बीजेपी युवा मोर्चा में दिल्ली प्रदेश के राष्ट्रीय कार्य समिति का सदस्य बनाया गया. वर्ष 2000 में युवा मोर्चा में राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य और मीडिया सचिव बनाया गया.
वर्ष 2002 में सिद्धार्थ नाथ सिंह को बीजेपी की केंद्रीय मीडिया सेल का सहसंयोजक बनाया गया. इस दौरान उन्हें गुजरात और कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मीडिया समन्वयक का काम सौंपा गया.
वर्ष 2009 में सिद्धार्थ नाथ सिंह को बीजेपी का राष्ट्रीय प्रवक्ता और लोकसभा चुनाव का समन्वयक बनाया गया. इसके ठीक बाद उन्होंने वर्ष 2010 में पश्चिम बंगाल के सह प्रभारी के तौर पर कार्य किया.
गुजरात विधानसभा चुनाव 2012 के दरान उन्हें पार्टी ने केंद्रीय समन्वय का जिम्मा सौंपा और आंध्र प्रदेश के प्रभारी भी बनाया गया.
जब इलाहाबाद में फहराया जीत का परचम
वर्ष 2017 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भजापा ने उन्हें बीजेपी ने इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट से मैदान में उतारा. 10 साल से विधायक रहीं पूजा पाल को उन्होंने करारी शिकस्त दी.
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हालांकि इस चुनावी जंग में पूजा पाल तीसरे स्थान पर खिसक गईं. 2017 में सिद्धार्थ नाथ सिंह की लड़ाई सपा उम्मीदवार रिचा सिंह से थी. सरकार बनते ही उन्हें योगी कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया. फिलहाल वो उत्तर प्रदेश सरकार के आधिकारिक प्रवक्ता हैं.
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