कई महीने तक माहौल बनाने के बावजूद UP के चुनावी रण में क्यों नहीं कूदी TMC, जानें असली कारण

पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वो उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 19, 2022, 07:17 AM IST
  • अक्टूबर महीने में कई नेताओं ने ज्वाइन की तृणमूल
  • त्रिपुरा में जबरदस्त झटका खा चुकी है टीएमसी
कई महीने तक माहौल बनाने के बावजूद UP के चुनावी रण में क्यों नहीं कूदी TMC, जानें असली कारण

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वो उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी. समाजवादी पार्टी के उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने मंगलवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की. 

मुलाकात के बाद नंदा ने प्रेस से कहा-ममता बनर्जी 8 फरवरी को लखनऊ आएंगी और अखिलेश यादव से मिलेंगी. दोनों नेता एक वर्चुअल बैठक को साथ में संबोधित करेंगे. इसके बाद एक प्रेस कांफ्रेंस की जाएगी. इसके बाद वाराणसी में एक रैली को भी दोनों नेता संबोधित करेंगे.

नंदा ने साफ कर दिया कि ममता बनर्जी की पार्टी यूपी में चुनाव नहीं लड़ेगी और सभी 403 सीटों पर समाजवादी पार्टी को समर्थन देगी. टीएमसी को लेकर यह घोषणा चुनावों के ठीक पहले हुई है. 

इस वक्त यूपी में चुनाव लड़ रही सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर रही हैं. लेकिन टीएमसी ने चुनावी मैदान में न उतरने का फैसला किया है.

कई महीने से संगठन मजबूत करने की कोशिश कर रही थी टीएमसी

दरअसल बीते मई महीने में पश्चिम बंगाल में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद बाद ही तृणमूल कांग्रेस की तरफ से राज्य के बाहर पैर जमाने के प्रयास तेज कर दिए गए. इसी क्रम पार्टी उत्तर प्रदेश में भी अपना जनाधार मजबूत कर रही थी. 

अगस्त महीने में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नीरज राय ने एक वेबसाइट से बातचीत में कहा था कि हम संगठन को हर जिले में खड़ा करना चाहते हैं. हालांकि उन्होंने कहा था कि चुनाव तो समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर ही लड़ा जाएगा. 

अक्टूबर महीने में कई नेताओं ने ज्वाइन की तृणमूल

इसके बाद अक्टूबर महीने में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के पोते और पूर्व कांग्रेसी विधायक ललितेश पति त्रिपाठी ने टीएमसी ज्वाइन की थी. ललितेश के साथ उनके पिता राजेशपति भी टीएमसी में शामिल हुए थे. 

कई अन्य नेताओं ने भी पार्टी ज्वाइन की थी. ये खबर खूब सुर्खियों में रही. लेकिन इसके बावजूद तृणमूल यूपी में कोई ऐसा तलाश पाने में नाकामयाब रही है जो प्रदेशभर में लोकप्रिय है. 

त्रिपुरा में जबरदस्त झटका खा चुकी है टीएमसी

ऐसा नहीं है तृणमूल सिर्फ यूपी में अपने पैर पसारने की कोशिश कर रही है. इस दौरान त्रिपुरा, मेघालय और गोवा में भी उसने अभियान तेज किया है. 

हालांकि त्रिपुरा के निकाय चुनाव में उसे जबरदस्त मायूसी हाथ लगी है. इधर उत्तर प्रदेश में भी पार्टी को जनाधार और मजबूत करना है. 

समाजवादी पार्टी ने किया था समर्थन

एक पक्ष यह भी है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी ने टीएमसी को समर्थन दिया था. अब टीएमसी भी कुछ वैसा ही कर रही है. 

यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट वाराणसी में रैली कर ममता बनर्जी प्रतीकात्मक संदेश देने की कोशिश भी करेंगी.

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