नई दिल्ली: फेसबुक... सोशल मीडिया नेटवर्किंग का वो प्लेटफॉर्म जिससे दूरी सही नहीं जाती है. फेसबुक, यानी वो वर्चुअल अड्डा जहां हाजिरी लगाए बगैर जी नहीं मानता. क्या युवा, क्या उम्रदराज, क्या महिला क्या छात्र... हर उम्र के लोग फेसबुक की ऑनलाइन दुनिया में रच-बस गए हैं.
अपनी बात पोस्ट करनी हो, या फोटो अपलोड करना हो, या फिर वीडियो शेयर करना हो... हर सवाल का जवाब फेसबुक ही है. आलम ये है कि देश का हर दसवां आदमी इन दिनों फेसबुक पर सक्रिय है. दुनिया में जितने फेसबुक यूजर्स हैं उनमें से हर तेरहवां यूजर भारत का है. लेकिन फेसबुक ने एक ऐसा प्रस्ताव रखा कि भारत के यूजर्स हैरान रह गए और कई तो हलकान हो गए.
दरअसल, फेसबुक से LIKES को सार्वजनिक तौर पर नहीं दिखाना प्रस्ताव है. इसे ऐसे समझिए कि अगर आपने कुछ पोस्ट किया तो उस पर जितने LIKES आ रहे हैं उसे आप तो देख पाएंगे. लेकिन बाकी लोग नहीं देख पाएंगे यानी दूसरों को पता ही नहीं चल पाएगा कि आपके पोस्ट को कितने LIKES मिले?
साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसा नहीं है कि LIKES पूरी तरह से लुप्त होने वाले हैं. जब आप पोस्ट करेंगे तो आपके सामने LIKES का आंकड़ा आ जाएगा कि कितने लाइक्स हुए, कितने के रिएक्शन्स आए. लेकिन जो नॉर्मल यूजर्स हैं, उसको कुछ पता नहीं लग पाएगा.
फेसबुक यूजर्स कह रहे हैं कि ये भी कोई बात हुई कि हम पोस्ट करें और दुनिया को पता ही नहीं चल पाए कि उस पोस्ट पर कितने LIKES आए. कई फेसबुक यूजर्स तो इसीलिए पोस्ट करते हैं, फोटो-वीडियो अपलोड करते हैं कि उसे अधिक से अधिक LIKES आए और दुनिया को पता चल सके कि उसके पोस्ट में कितना दम है? अब जब फेसबुक सार्वजनिक तौर पर ये बताना ही बंद कर देगा कि किसी पोस्ट को कितने LIKES मिले हैं तो फिर पोस्ट करने की दीवानगी तो छू-मंतर हो जाएगी.
ये बात सच है कि फेसबुक पोस्ट पर कितने LIKES आए हैं, इसे जानने के लिए लोग बेचैन रहते हैं. पोस्ट किया नहीं कि वो बार-बार स्क्रॉल करते हैं कितने LIKES मिले. वहीं दूसरे लोग भी ये देखते रहते हैं किसी के फेसबुक पोस्ट पर कितने LIKES आए. किसे कितने LIKES मिले, इसे लेकर कंपीटिशन का दौर शुरू हो जाता है. ईर्ष्या और जलन की भावना भी पैदा होने लगती है.
फेसबुक पर LIKES, शेयर, कमेंट्स, फॉलोअर्स को लेकर सनक की हद तक दीवानगी बढ़ती जा रही है जिसे लेकर मनोवैज्ञानिक भी चिंतित रहते हैं. हाल ये है कि फेसबुक को लेकर ये दीवानगी धीरे-धीरे सनक में तब्दील होती जा रही है.
स्कूली बच्चों में भी फेसबुक को लेकर बहुत क्रेज है. ऐसे में अधिक से अधिक LIKES पाने और उसे दुनिया को बताने की सनक उनमें भी बढ़ने लगी है. हालत ये हो जाती है कि जिन्हें कम LIKES मिलते हैं, उन बच्चों के दिलोदिमाग में हीन भावना घर करने लगती है.
फेसबुक के प्रस्ताव के पीछे तर्क ये है कि ज्यादा LIKES का हौव्वा दिखाकर खुद को ज्यादा मशहूर मानने की हनक खत्म हो. कई युवा मानते हैं कि फेसबुक के इस प्रस्ताव से LIKES के चलते आपस में होने वाली तुलना खत्म होगी और ये अच्छा कदम साबित होगा. फेसबुक के इस कदम का पॉजिटिव और निगेटिव दोनों ही पहलू सामने आ सकते हैं. निगेटिव ये हो सकता है कि LIKES की काउंटिंग को सार्वजनिक तौर पर जाहिर होने से फेसबुक ने रोका तो इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के प्रति लोगों का रुझान कम हो सकता है.
फेसबुक अभी LIKES की काउंटिंग को छुपाने को लेकर टेस्टिंग कर रहा है. टेस्टिंग के बाद ही इसे लागू करने का फैसला किया जाएगा. हालांकि इस तरह का एक प्रयोग ऑस्ट्रेलिया में शुरू कर दिया गया है और अब शायद भारत की बारी है.