इंग्लैंड के हालातों को देखते हुए 'मिस इंग्लैंड' ने लिया डॉक्टरी पेशे में लौटने का फैसला

भारतीय मूल की भाषा मुखर्जी पिछले साल 2019 में मिस इंग्लैंड का खिताब अपने नाम किया था. भाषा पेशे से डॉक्टर हैं और उन्होंने इंग्लैंड से ही अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की है. कोरोना की इस मुश्किल घड़ी में भाषा इंग्लैंड लौटकर वहां के लोगों की सेवा करना चाहती हैं.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 8, 2020, 03:02 PM IST
    • ‘मिस इंग्लैंड-2019’ का ताज अपने नाम कर चुकी
    • भाषा का परिवार भारत का मूल निवासी हैं
    • डॉक्टरी पेशे में लौटने का फैसला किया
इंग्लैंड के हालातों को देखते हुए 'मिस इंग्लैंड' ने लिया डॉक्टरी पेशे में लौटने का फैसला

नई दिल्ली: भाषा मुखर्जी का जन्म कोलकाता में हुआ लेकिन वह सिर्फ 9 साल की थी जब अपने परिवार के साथ इंग्लैंड चली गई. भाषा ने वहीं से अपनी पढ़ाई भी पूरी की.

डॉक्टरी पेशे में लौटने को तैयार भाषा

बता दें कि भाषा पेशे से एक डॉक्टर हैं, उनके पास मेडिकल साइंस में और मेडिसिन एंड सर्जरी में दो डिग्रियां हैं. पिछले साल भाषा ने मिस इंग्लैंड का खिताब अपने नाम किया था. खिताब जीतने के बाद भाषा ने डॉक्टरी का पेशा छोड़ दिया था और मॉडलिंग व सोशल काम से जुड़ गईं. लेकिन इस समय इंग्लैंड के हालातों को देखते हुए भाषा एक बार फिर से डॉक्टरी के पेशे में वापस लौटना चाहती हैं. 

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मिस इंग्लैंड 2019 रह चुकी हैं

खबरों की मानें तो भाषा अगस्त तक मरीजों की सेवा करेंगी और जरूरत पड़ी तो आगे भी अपने पेशे से जुड़ी रहेंगी. भाषा मिस इंग्लैंड बनने से पहले तक जूनियर डॉक्टर के पद पर काम कर रही थीं. भाषा का मानना है कि वह मानवता के कार्यों के लिए ही मिस इंग्लैंड बनी थीं और जब इस वक्त इंग्लैंड को उनकी जरूरत है तो वह मदद के लिए तैयार है.

भाषा पांच भाषाएं बोल सकती हैं, वह अंग्रेजी और हिंदी के साथ बांग्ला, जर्मन और फ्रेंच भाषा जानती हैं. भाषा का आईक्‍यू 146 है जबकि मशहूर वैज्ञानिक आइंस्‍टीन का आईक्‍यू लेवल 160 था. भाषा बुद्दिमानता और सुंदरता का एक उदाहरण हैं. भाषा ने इस प्रतियोगिता में दक्षिण-एशियाई समुदाय, अल्पसंख्यक समुदाय और डर्बी का प्रतिनिधित्व किया था. 

 

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