वायुसेना को झटका! HAL के देसी ट्रेनर विमान पर लगा ब्रेक; 2026 तक नहीं मिलेंगे नए ट्रेनर जेट?

Indian Air Force Training Jets: भारतीय वायुसेना को मिलने वाले स्वदेशी HTT-40 बेसिक ट्रेनर विमानों की डिलीवरी अब 2026 की शुरुआत तक टल गई है. वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने बताया कि इंजन सप्लाई में दिक्कतों के कारण यह देरी हो रही है.

Written by - ritesh jaiswal | Last Updated : Oct 5, 2025, 07:39 PM IST
  • इंजन सप्लाई से प्रोजेक्ट में देरी
  • अब 2026 में मिलेगी पहली खेप
  • HAL बनाएगा 70 ट्रेनर विमान
वायुसेना को झटका! HAL के देसी ट्रेनर विमान पर लगा ब्रेक; 2026 तक नहीं मिलेंगे नए ट्रेनर जेट?

Indian Air Force Training Jets: Hindustan Turbo Trainer-40 एक स्वदेशी बेसिक ट्रेनर एयरक्राफ्ट है. इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बनाया है. 2023 में HAL और वायुसेना के बीच ₹6,828 करोड़ की डील हुई थी. जिसके तहत 70 विमान बनाए जाने हैं. इनका मकसद पुराने ट्रेनर विमानों की जगह लेना है और भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षण बेड़े को एडवांस बनाना है.

 

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इंजन सप्लाई बनी सबसे बड़ी रुकावट
वायुसेना प्रमुख का साफ कहना है कि HTT-40 प्रोजेक्ट में देरी की मुख्य वजह इंजन सप्लाई की समस्या है. अमेरिका की कंपनी Honeywell से मिलने वाले TPE331-12B टर्बोप्रॉप इंजन समय पर नहीं मिल पाए हैं. HAL ने कंपनी से इंजन की सप्लाई तेज करने की अपील की है. उम्मीद है कि पहला नया इंजन नवंबर 2025 तक आ जाएगा और मार्च 2026 तक कम से कम 7 और इंजन मिलने की संभावना है.

जारी रहेगा वायुसेना का प्रशिक्षण 
एयर चीफ मार्शल सिंह ने बताया कि वायुसेना अपने सीमित ट्रेनर विमानों से फिलहाल काम चला रही है. उन्होंने कहा “हमारे पास जो संसाधन हैं उन्हीं से पायलट ट्रेनिंग जारी है”. उन्होंने चेतावनी दी कि यह स्थिति लंबे समय तक नहीं चल सकती और इसका जल्द समाधान करना बहुत जरूरी है.

पुराने विमानों की जगह लेगा HTT-40
HTT-40 को पुराने HPT-32 दीपक विमानों और विदेशी Pilatus PC-7 MkII ट्रेनर्स की जगह शामिल किया जाएगा. बता दें कि यह विमान पूरी तरह स्वदेशी है और भारत की आत्मनिर्भर रक्षा योजना का भी अहम हिस्सा माना जा रहा है.

HAL का अगला कदम
HAL का कहना है कि पहला HTT-40 विमान जनवरी 2026 तक वायुसेना को सौंप दिया जाएगा. इसके बाद मार्च 2026 तक 11 और विमानों को भी डिलीवर कर दिया जाएगा. इस विमान में एडवांस ग्लास कॉकपिट, जीरो-जीरो इजेक्शन सीट्स, और एरोबैटिक क्षमता जैसी आधुनिक खूबियां होंगी. बता दें कि भविष्य में Honeywell से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के बाद इंजन भारत में ही बनाए जाएंगे जिससे हर महीने दो विमान बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

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ritesh jaiswal

डिजिटल पत्रकार और साइंस के जानकार हैं, ट्रैवल सेगमेंट में काम करने का 6 महीने से ज्यादा एक्सपीरियंस है. विज्ञान और ट्रैवल की बारीक खबरों का अपडेट देते हैं. ...और पढ़ें

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