नई दिल्लीः वाराणसी के ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर में जिस स्थान पर 'शिवलिंग' मिलने की बात की गई थी, उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अगले आदेश तक उस क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ा दी है. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने ज्ञानवापी विवाद से संबंधित सभी मुकदमों को एक साथ करने के लिए वाराणसी जिला न्यायाधीश के समक्ष आवेदन करने की हिंदू पक्षों को अनुमति दे दी. 


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तीन सप्ताह में जवाब देने का निर्देश
पीठ ने सर्वेक्षण आयुक्त की नियुक्ति के संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद की प्रबंधन समिति की ओर से दायर अपील पर हिंदू पक्षों को तीन सप्ताह के भीतर उनका जवाब पेश करने का भी निर्देश दिया. 


परिसर के अंदर सुरक्षा का दिया गया है अंतरिम आदेश
उच्चतम न्यायालय ने 17 मई को एक अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें वाराणसी के जिलाधिकारी को ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर के अंदर उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था, जहां सर्वेक्षण में 'शिवलिंग' मिलने की बात की गई थी.


'शिवलिंग' को कोई नहीं छुएगाः सुप्रीम कोर्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'शिवलिंग' को कोई नहीं छुएगा. यानी शिवलिंग को सुरक्षित रखा जाएगा. इससे पहले कोर्ट ने 12 नवंबर तक वजूखाने के संरक्षण का आदेश दिया था. 


ASI सर्वे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में होगी सुनवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इलाहाबाद हाई कोर्ट ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे कराने की मांग पर 28 नवंबर को सुनवाई करेगा. इसी तरह शृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद केस में जिला जज कृष्ण विश्वेश ने सुनवाई की. साथ ही अगली सुनवाई 5 दिसंबर को तय की है.


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