नई दिल्ली: केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने देश की सर्वोच्च अदालत और उच्च न्यायालयों के जजों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने को लेकर एक बार फिर से इंकार किया है. राजस्थान के उदयपुर में यूनियन ऑफ इंडिया काउंसिल वेस्ट जोन कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन समारोह के पश्चात मीडिया से बातचीत करते हुए विधि मंत्री ने कहा कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.


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तत्काल संविधान संशोधन करने का भी सुझाव
गौरतलब है कि दो दिन पूर्व ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने देश की सुप्रीम कोर्ट से लेकर सभी हाईकोर्ट के जजों के रिटायरमेंट की आयु बढ़ाने की मांग की है. बार की ज्वाइंट मीटिंग में आयु सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव को देश के प्रधानमंत्री और केंद्रीय कानून मंत्री को भेजकर तत्काल संविधान संशोधन करने का भी सुझाव दिया गया है.


इस  प्रस्ताव में देश के सभी हाईकोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की उम्र 62 साल से बढ़ाकर 65 साल और सुप्रीम कोर्ट जजों की रिटायरमेंट की उम्र को 65 साल से बढ़ाकर 67 साल करने की मांग की गयी है. इसके लिए देश के संविधान में तत्काल संशोधन करने का भी सुझाव दिया गया.


बीसीआई ने की शीघ्र कार्यवाही करने की मांग
बीसीआई ने इस ज्वाइंट मीटिंग में लिए गए प्रस्तावों को प्रधानमंत्री और केंद्रीय कानून मंत्री को भेजकर उन पर शीघ्र कार्यवाही करने की मांग करने का निर्णय लिया था.


उदयपुर में दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन के पश्चात रिजिजू मीडिया से बातचीत कर रहे थे. इस दौरान उनसे बीसीआई के इस सुझाव को लेकर सवाल किया गया. जिसका जवाब में उन्होंने  ऐसे किसी प्रस्ताव से साफ इनकार किया है.


गौरतलब हैं कि संसद के मॉनसून सत्र में 21 जुलाई 2022  सरकार ने अपने जवाब में हुए साफ इंकार किया था कि उनके पास ऐसा कोई प्रस्ताव है. अब एक बार फिर से केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री ने जजो की उम्र बढ़ने से इंकार किया है.


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