नई दिल्ली: बॉलीवुड में  #MeToo मूवमेंट जोर पकड़ने के बाद पिछले दिनों टीवी सीरियल लेखिका और निर्माता विनता नंदा ने अपने फेसबुक अकाउंट से पोस्ट लिखकर बॉलीवुड के 'संस्कारी' एक्टर कहे जाने वाले अलोक नाथ पर रेप का आरोप लगाया था. इस आरोप के बाद अलोक नाथ ने विनता पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था और उनकी पत्नी आशू सिंह ने मुंबई के डिंडोशी सेशन कोर्ट में याचिका दाखिल कर के यह मांग की थी कि जब तक आरोप सिद्ध नहीं हो जाते है, तब तक विनता के किसी भी प्लेटफार्म पर बयान देने से रोक लगा दी जाये. 


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आज शुक्रवार को डिंडोशी सेशन कोर्ट अलोक नाथ की पत्नी की इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि विनता के पास अभिव्यक्ति की आजादी है, जिसके कारण वो कहीं भी किसी भी प्लेटफॉर्म पर अपनी बात रख सकती हैं. इसलिए हम उनके खिलाफ ऐसी कोई भी पाबंदी नहीं लगा सकते है.


 



 


पिछले दिनों इस मामले को लेकर अलोक नाथ ने विनता पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद मीडिया को आलोकनाथ के वकील अशोक सरावगी ने बताया, ''हमने अदालत से आरोपों की जांच करने के लिए पुलिस को आदेश देने का अनुरोध किया है. हमारे मुवक्किल की छवि को खराब करने के लिए आरोप लगाए हैं. मानहानि में हम केवल एक रुपये के मुआवजे की मांग कर रहे हैं, हम पैसे नहीं चाहते हैं.''


जब यह मामला हाईलाइट हुआ था तब आलोक नाथ ने एक न्यूज से बातचीत में अपना पक्ष रखते हुए कहा था, 'कुछ तो लोग कहेंगे...' विंता नंदा के आरोपों को नकारते हुए आलोकनाथ ने कहा, "मैं न तो इन आरोपों को नकार रहा हूं और न ही इनसे सहमत हूं. यह (बलात्‍कार) हुआ तो होगा, लेकिन किसी और ने किया होगा. मैं अब इसके बारे में ज्‍यादा बात नहीं करना चाहता, क्‍योंकि अगर यह बाहर आएगा तो और भी खिंचेगा."


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