चंडीगढ़. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की बदहाल स्थिति के बीच पंजाब में मंगलवार को पराली जलाने के 1,776 मामले सामने आए, जिसके साथ ही ऐसे मामलों की कुल संख्या बढ़कर 28,117 हो गई. हरियाणा और पंजाब में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'बहुत खराब' श्रेणी में रहा.राज्य में पराली जलाने के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं.
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब होने में पराली का भी हाथ
अक्टूबर और नवंबर में दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि के पीछे पंजाब और हरियाणा में धान की पराली जलाना एक अहम कारण माना जाता है.पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को पराली जलाने के सबसे ज्यादा 258 मामले बठिंडा में सामने आए, इसके बाद बरनाला में 253, संगरूर में 188, मोगा में 181, फिरोजपुर में 176 और फजिल्का एवं फरीदकोट में 149-149 मामले सामने आए.
सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले संगरूर में
अब तक पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले संगरूर (4,961) में आए हैं. इसके बाद फिरोजपुर में 2,554, मनसा में 2,063, बठिंडा में 2,061 और तरन तारन में 1,976 मामले सामने आए.हरियाणा के गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 383 दर्ज किया गया. इसके अलावा फरीदाबाद में एक्यूआई 381, हिसार में 356, नारनौल में 340, रोहतक में 334, कैथल में 321, फतेहाबाद में 313, पानीपत में 300, फतेहाबाद में 299, सोनीपत में 273 और भिवानी में 263 रहा.
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