जेएनयू की आइशी घोष का देशविरोधी चेहरा सामने आया, कश्मीर के बहाने देश पर हमला

जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के बीच कश्मीर का मुद्दा नहीं छोड़ा जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर संविधान छीनने के भी आरोप लगाए. आइशी घोष ने अभी तक जेएनयू की फीस वृद्धि के खिलाफ मोर्चा बुलंद किया हुआ था. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 15, 2020, 08:41 PM IST
    • आइशी बुधवार को नागरिकता कानून के विरोध में जामिया पहुंची थीं
    • आइशी ने कहा, हम इस लड़ाई में कश्मीर का मुद्दा नहीं छोड़ सकते
जेएनयू की आइशी घोष का देशविरोधी चेहरा सामने आया, कश्मीर के बहाने देश पर हमला

नई दिल्लीः जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि मामले के खिलाफ आवाज उठाने वाला जेएनयू छात्रसंघ बुधवार को कश्मीर के लिए चिंतित होने लगा है. इस तरह से एक बार फिर जेएनयू के वामपंथियों का राष्ट्रविरोधी चेहरा सामने आ रहा है. हालांकि मुद्दे से भटकना उनका पुराना रवैया रहा है, लेकिन मौजूदा छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने एक बार फिर इसे जाहिर भी किया.

फीस मामले से आवाज बुलंद करने वाली आइशी बुधवार को नागरिकता कानून के विरोध में जामिया पहुंची थीं, और यहां वह कश्मीर में आर्टिकल 370 के प्रावधानों में बदलाव का विरोध कर रही थीं. यानी मुस्लिम बहुल छात्रों को देखकर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश में लग गईं. 

बुधवार को जामिया पहुंची आइशी
जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के बीच कश्मीर का मुद्दा नहीं छोड़ा जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर संविधान छीनने के भी आरोप लगाए. CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा और आज जेएनयू स्टूडेंट्स जामिया मिल्लिया इस्लामिया पहुंचे थे. यहां आइशी ने 370 का मसला उठाया.

आइशी ने कहा, हम इस लड़ाई में कश्मीर का मुद्दा नहीं छोड़ सकते और न ही उनकी बात भूल सकते हैं. उनके साथ जो हो रहा है, कहीं न कहीं वहीं से ही सरकार ने शुरू किया था. 

रेलवे करेगा CAA प्रदर्शनकारियों से 88 करोड़ की वसूली

कहा-कश्मीर से हुई संविधान को छीनने की शुरुआत
हमारे संविधान को हमसे छीने जाने की शुरुआत कश्मीर से हुई थी. दरअसल 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधानों में बदलाव किया था. प्रावधानों को हटा दिया और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया. सुरक्षा कारणों से कुछ प्रतिबंध भी लगाए थे जिसे धीरे-धीरे हटाया जा रहा है. आइशी घोष ने कहा, हमें डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि शाहीन बाग की हिम्मती महिलाओं से सीखने व प्रेरणा लेने की जरूरत है.

दिल्ली पुलिस ने जामिया यूनिवर्सिटी के अंदर घुसकर छात्रों से हिंसा की है. यहां की लाइब्रेरी पुलिस ने तोड़ी. उन्होंने सवाल उठाया कि CAA व NRC के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में पुलिस मस्जिद और लाइब्रेरी कैसे तोड़ सकती है. 

देशद्रोह के संगीन मामले पर भी धर्म की राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं कांग्रेसी

 

ट्रेंडिंग न्यूज़