नई दिल्लीः सोमवार से शुरु हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने शनिवार शाम विभिन्न दलों के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक की. इस सत्र के दौरान विभिन्न अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श और चर्चा के लिहाज से यह बैठक बुलाई गई ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सत्र सफलता पूर्व संचालित हो. शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरू हो रहा है.
गरीब बच्चों को आईएएस बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बना रहे हैं कुछ इस तरह योजना
शिवसेना से विनायक राउत पहुंचे
शनिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई अन्य पार्टियों के सांसद शामिल हुए. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी पहुंचे. वहीं अनौपचारिक तरीके से एनडीए से अलग हुई शिवसेना की ओर से विनायक राउत बैठक में भाग लेने पहुंचे. इस बैठक में अर्जुन राम मेघवाल, टीआर बालू, सुदीप बंदोपाध्याय, दानिश अली, मिधुन रेड्डी, चिराग पासवान, अधीर रंजन चौधरी, प्रहलाद जोशी, लल्लन सिंह और अनुप्रिया पटेल भी पहुंचे थे. टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने बैठक से निकलकर कहा कि पश्चिम बंगाल में राज्यपाल एक समानांतर प्रशासन चला रहे हैं, जबकि उन्हें कार्य करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए. राज्यपाल रोज सरकार को बिना बताए अधिकारियों को एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर कर रहे हैं.
Delhi: Prime Minister Narendra Modi arrives for the all party meeting, ahead of the winter session of Parliament. pic.twitter.com/PFdP9VKcPH
— ANI (@ANI) November 16, 2019
ब्रिक्स से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लिए ये उपहार लेकर आए,पूरी खबर यहां पढ़ें
सत्र में कई मुद्दों पर होगी
शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के उद्देश्य से नागरिकता (संशोधन) विधेयक समेत कई अहम बिल पेश करेगी. नागरिकता कानून में बदलाव के जरिए सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के बाद भारत आकर बसे गैर-मुस्लिमों जैसे- हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को स्थाई नागरिकता देना चाहती है. मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी नागरिकता विधेयक को संसद में पेश किया था, लेकिन विपक्षी दलों के विरोध के कारण इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका.
अब किन मुद्दों पर ध्यान दे सकते हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जानिए यहां
सिर्फ छह साल भारत में गुजारने पर भी मिल सकेगी नागरिकता
नागरिकता बिल के जरिए 1955 के कानून को संशोधित किया जाएगा. इसमें नागरिकों को 12 साल की बजाय सिर्फ छह साल भारत में गुजारने और बिना उचित दस्तावेजों के बिना भी भारतीय नागरिकता मिल सकेगी. पूर्वोत्तर के लोगों का विरोध है कि यदि यह बिल पास होता है तो इससे राज्यों की सांस्कृतिक, भाषाई और पारंपरिक विरासत खत्म हो जाएगी. इस बिल के माध्यम से 31 दिसंबर 2014 से पहले आए सभी लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है. जबकि असम समझौते के अनुसार 1971 से पहले आए लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान था.
All party meeting under chairmanship of Lok Sabha Speaker Om Birla, ahead of winter session of Parliament, underway in Delhi. https://t.co/VbqzsbsxO0 pic.twitter.com/Yb4gRRbhIz
— ANI (@ANI) November 16, 2019