दीदी की सरकार में वित्त मंत्री नहीं रहना चाहते हैं अमित मित्रा, जानिए क्या है वजह?

तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता और ममता बनर्जी के खास अमित मित्रा बंगाल के वित्त मंत्री के रूप में अब काम नहीं करना चाहते हैं. आपको इस रिपोर्ट में इसके पीछे की वजह बताते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 11, 2021, 05:26 PM IST
  • ममता दीदी की सरकार में मंत्री रहने की ख्वाहिश नहीं
  • अमित मित्रा ने क्यों कहा कि वो चुनाव नहीं लड़ना चाहते
दीदी की सरकार में वित्त मंत्री नहीं रहना चाहते हैं अमित मित्रा, जानिए क्या है वजह?

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने करीब 10 साल तक काम करने के बाद अपने करीबी लोगों को बता दिया है कि वह अब चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. अब वो अपनी बेटी के साथ विदेश में कुछ समय बिताना चाहते हैं. तबीयत खराब होने के चलते उन्होंने विधानसभा में बजट भी पेश नहीं किया और सत्र के बाद वर्चुअली मीडिया से बातचीत की.

स्वास्थ्य कारणों से नहीं लड़ा था चुनाव

हालांकि अमित मित्रा ने खराब स्वास्थ्य के चलते विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ा था, लेकिन वित्त मंत्री के रूप में बने रहे. ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि वो उत्तर 24 परगना के खरदा विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ेंगे. नियमों के अनुसार, वह छह महीने तक वित्त मंत्री के रूप में बने रह सकते थे, लेकिन उस अवधि के भीतर मित्रा को निर्वाचित होना होगा. अब यदि वो चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं, तो उम्मीद है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य के लिए एक और वित्त मंत्री की तलाश करनी होगी.

पार्टी के सूत्रों ने संकेत दिया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व्यक्तिगत रूप से अमित मित्रा को मनाने की कोशिश करेंगी, जिससे वो राज्य के वित्त मंत्री के रूप में बने रह सकें. जानकारी ये भी सामने आ रही है कि अगर ऐसा संभव नहीं हुआ, तो उन्हें राज्य के वित्त सलाहकार के रूप में रहने के लिए अपील की जाएगी.

अमित मित्रा पर दीदी को कितना भरोसा?

टीएमसी नेता का कहना है कि राज्य में केवल दो विभाग हैं, जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दस वर्षों में कोई बदलाव नहीं किया है. एक अमित मित्रा का वित्त और दूसरा सुब्रत मुखर्जी द्वारा संचालित पंचायत विभाग है. यह उनके भरोसे को दर्शाता है.

एक नेता ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा, 'अमित मित्रा का मंत्रालय छोड़ना पार्टी और राज्य सरकार के लिए एक बड़ी क्षति होगी. जब उन्होंने दस साल पहले कार्यभार संभाला था, तब पश्चिम बंगाल कर्ज में डूबा हुआ था. उन्होंने ना केवल अकेले ही राज्य सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का प्रबंधन किया, साथ ही उन योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए राजस्व उत्पन्न किया.'

वरिष्ठ नेता ने ये भी कहा, 'इनके अलावा केंद्र द्वारा जीएसटी लागू करने में मित्रा की बहुत बड़ी भूमिका है. उन्होंने ना केवल राज्य में एसजीएसटी को सफलतापूर्वक लागू किया है, बल्कि वित्तीय समस्याओं को सुलझाने के लिए केंद्र के साथ अथक बातचीत भी की है.'

क्या मित्रा के बाद ममता खुद संभालेंगी मंत्रालय?

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की राय है कि यदि अमित मित्रा मंत्री पद छोड़ देते हैं तो मुख्यमंत्री द्वारा विभाग को अपने पास रखने की संभावना है, लेकिन यह चुनाव में उनकी जीत पर भी निर्भर करता है. स्थिति जो भी हो, राज्य ने पहले से ही एक टीम तैयार करना शुरू कर दिया है जो राज्य के दिन-प्रतिदिन के वित्त को संभालेगी.

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