दिल्ली: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने वही किया, जिसका कांग्रेस ने साल 1958 और 2003 में वादा किया था. सामान्यता से समझने वाली बात है कि पाकिस्तान में मुसलमानों का उत्पीड़न हो ही नहीं सकता क्योंकि वो घोषित मुस्लिम राष्ट्र हैं.
कांग्रेस का वादा मोदी ने किया पूरा
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि मोदी सरकार ने वही किया, जिसका कांग्रेस ने साल 1958 और 2003 में वादा किया था. उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान का निर्माण ही मुस्लिम देश के रूप में हुआ. इसलिए वहां पर मुसलमानों को प्रताड़ित क्यों किया जाएगा. मैं मानता हूं कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से मुसलमान भारत आए हैं लेकिन किसी धार्मिक उत्पीड़न की वजह से नहीं बल्कि रोजगार की तलाश में.'
जानिये आरिफ मोहम्मद खान के बारे में
आपको बता दें कि बहुचर्चित शाह बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी सरकार द्वारा अमान्य घोषित करने के विरोध में आरिफ मोहम्मद खान ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.
पिछले दिनों आरिफ मोहम्मद खान के बयान का ही हवाला देकर पीएम मोदी ने संसद में कहा था, कांग्रेस के नेता ने कहा था कि मुस्लिम अगर गढ्ढे में रहना चाहते हैं तो रहने दो क्या हम मुस्लिमों के समाज सुधारक हैं. आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) को मोदी सरकार ने केरल का राज्यपाल नियुक्त किया है.
महात्मा गांधी ने किया था वादा
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि केंद्र सरकार ने CAA के तहत महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू के उस वादे को पूरा किया है, जो उन्होंने उन लोगों से किए थे जो पाकिस्तान में दुखद जीवन जी रहे थे. उन्होंने कहा कि इस कानून की बुनियाद साल 1985 और 2003 में रखी गई थी। मोदी सरकार ने केवल इसे कानूनी जामा पहनाया है. उन्होंने कहा कि पारकिस्तान में हिंदुओं के साथ अमानवीय और रूह कंपा देने वाला अत्याचार हुआ है. बता दें कि नागरिकता का यह कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, बौद्ध, इसाई समेत 6 गैर-मुस्लिम समुदाय के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान करता है.
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