देश के 17 और राज्यों में भी चल रहे हैं उप चुनाव, जानिए मुख्य बातें.

चुनावी माहौल में कितना कुछ दांव पर होता है ये उम्मीदवारों के चुनावी सभाओं में लगाए जा रहे दमखम से साफ नजर आता है. लेकिन चुनावी सभाओं के बाद ये तो जनता पर है कि वो किसे अपना योग्य उम्मीदवार चुनती है.  

Last Updated : Oct 21, 2019, 01:33 PM IST
    • बिहार में 'डायनेस्टिक पॉलिटिक्स' का खेल
    • उत्तर प्रदेश के 11, गुजरात के 6, बिहार के 5 सीटों पर
देश के 17 और राज्यों में भी चल रहे हैं उप चुनाव, जानिए मुख्य बातें.

नई दिल्ली:  सोमवार को देश के दो राज्यों महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के अलावा अन्य 17 राज्यों में उपचुनाव चल रहा है. जिसमें उत्तर प्रदेश के 11, गुजरात के 6, बिहार के 5,  केरल के 5, पंजाब के 4, असम के 4, सिक्किम के 3, राजस्थान के 2, तामिलनाडू के 2, हिमाचल प्रदेश के 2, अरूणाचल प्रदेश के 1, छत्तीसगढ़ के 1, मध्यप्रदेश के 1, ओडिशा के 1, मेघालय के 1, पुद्दुचेरी के 1 और तेलांगना के 1 सीट पर उपचुनाव चल रहा है. इसके अलावा बिहार के समस्तीपुर और महाराष्ट्र के सतारा लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव चल रहा है.

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के वर्चस्व की परीक्षा
उत्तर प्रदेश के सभी 11 सीटें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परीक्षा मानी जा रही है. 11 विधानसभा सीटों में से 8 विधानसभा सीटें 2017 में भाजपा के खाते में थीं. एक सीट प्रतापगढ़ भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के पास, रामपुर की सीट समाजवादी पार्टी तो जलालपुर की सीट बहुजन समाजवादी पार्टी के पास थी. 2017 विधानसभा चुनाव में 8 विधानसभा सीटों पर जीत चुकी भाजपा के लिए इस बार कई सीटों पर किला बचाने की दौड़ है. उत्तरप्रदेश उपचुनाव में घोसी विधानसभा सीट चर्चा के केंद्र में है. दरअसल, घोसी सीट से जीते भाजपा विधायक फग्गु चौहान को फिलहाल बिहार का गवर्नर नियुक्त कर दिया गया है. योगी आदित्यनाथ के बैनर तले लड़ रही भाजपा को अपने विपक्षी पार्टियों से कम से कम 5 सीटों पर कड़ा मुकाबला मिल रहा है. वहीं रामपुर विधानसभा सीट पर आजम खान और जया प्रदा के बीच एक बार फिर जुबानी जंग देखने को मिली. रामपुर सीट को बचाना समाजवादी पार्टी खासकर आजम खां की पत्नी तंजीन फातिमा के लिए अपनी नाक बचाने जैसा हो गया है. 

बिहार के 'डायनेस्टिक पॉलिटिक्स' में कौन मारेगा बाजी
वहीं बिहार की 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव महागठबंधन के लिए लिटमस टेस्ट माना जा रहा है. महागठबंधन में राजद की कमान संभाल रहे तेजस्वी के रवैये से नाराज घटक दल के नेताओं में खींचातानी पहले से मुसीबत बनी हुई है. किशनगंज सीट कांग्रेस के पास थी जिसपर अब ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार का बढ़ता प्रभाव नजर आने लगा है. बिहार के उपचुनाव की दिलचस्प बात ये है कि यह फिलहाल पारिवारिक राजनीति का होम ग्राउंड बन गया है. बेलहर से बांका सांसद गिरिधारी यादव के भाई लालधर यादव खड़े हैं तो सीवान के दरौंदा में सांसद कविता सिंह के पति अजय सिंह चुनावी मैदान में दंगल मारने को तैयार हैं तो समस्तीपुर लोकसभा सीट से लोक जनशक्ति पार्टी के दिवंगत सांसद रामचंद्र पासवान के पुत्र प्रिंस राज हाथ आजमाने को तैयार हैं. किशनगंज से कांग्रेस सांसद डॉ जावेद की मां सैय्यदा बानू चुनावी मैदान में हैं. वहीं किशनगंज से ही पहली बार सीपीआई ने अपना उम्मीदवार भी उतारा है जिसके प्रचार के लिए जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार प्रचार के लिए गए थे. 

मध्यप्रदेश में दो भाजपा नेताओं पर आचार संहिता के उल्लंघन का मामला
मध्यप्रदेश के झाबुआ सीट पर चल रहे उपचुनाव के दौरान दो भाजपा विधायकों को आचार संहिता के उल्लंघन के तहत दोषी पाया गया है. छत्तीसगढ़ के चित्रकूट में उपचुनाव के दौरान ईवीएम को आधे घंटे तक तकनीकी समस्या के कारण वोटिंग को रोक दी गई. चित्रकूट के एक नक्सल प्रभावित गौरेला गांव में 1 बजे तक मात्र 12 वोट पड़े हैं. महाराष्ट्र में एनसीपी के श्रीमंत उड़यनराजे प्रतापसिन्हा भोंसले के सतारा लोकसभा सीट खाली कर देने के बाद उस पर शिवसेना और एनसीपी के उम्मीदवारों में मुकाबला टक्कर का माना जा रहा है. 
    

 

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