बनारसः CAA के विरोध ने दुधमुंही बच्ची से मां को किया दूर

19 दिसंबर 2019 को कुछ लोगों की ओर से बिना अनुमति के बनारस के बेनियाबाग क्षेत्र में जुलूस निकाला गया और राष्ट्रविरोधी नारेबाजी भी हुई. मना करने पर जुलूस में शामिल लोग पुलिस बल के साथ धक्कामुक्की करने लगे. इसके बाद पुलिस ने चंपक के पिता रवि शेखर, मां एकता शेखर के अलावा सानिया खां, समेत 56 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 2, 2020, 08:20 PM IST
बनारसः CAA के विरोध ने दुधमुंही बच्ची से मां को किया दूर

वाराणसीः नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में बेनियाबाग में प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार डेढ़ साल की बच्ची चंपक के माता-पिता सहित 56 आरोपियों की बुधवार को जमानत अर्जी कोर्ट ने मंजूर कर ली है. अदालत ने 25-25 हजार रुपये के दो जमानतदार के बॉन्ड दाखिल करने पर रिहाई का आदेश दिया है. बॉन्ड भरने के बाद बच्ची की मां और एक अन्य महिला का परवाना देर शाम जिला जेल पहुंचा. जेलर ने बताया कि तय समय बीतने के कारण रिहाई नहीं हो सकी. 

बताया गया कि 19 दिसंबर 2019 को कुछ लोगों की ओर से बिना अनुमति के बेनियाबाग क्षेत्र में जुलूस निकाला गया और राष्ट्रविरोधी नारेबाजी भी हुई. मना करने पर जुलूस में शामिल लोग पुलिस बल के साथ धक्कामुक्की करने लगे. इसके बाद पुलिस ने चंपक के पिता रवि शेखर, मां एकता शेखर के अलावा सानिया खां, समेत 56 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था.  

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निचली अदालत में जमानत अर्जी खारिज होने के बाद आरोपितों की ओर से सत्र न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल हुई. जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी व अनिल कुमार सिंह ने पक्ष रखा. अपर जिला जज (सप्तम) सर्वेश कुमार पांडेय की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर और पत्रावली के अवलोकन के बाद जमानत अर्जी स्वीकार कर ली. आरोपितों में एक की ओर से अर्जी दाखिल नहीं की गई थी.

देर से पहुंचा परवाना, गुरुवार को होगी रिहाई
जेलर ने बताया कि दो महिलाओं की रिहाई का परवाना शाम पांच बजे के बाद पहुंचा. बताया कि नियमानुसार शाम 4.30 बजे तक परवाना आ जाता तो रिहाई कर दी जाती. गुरुवार की सुबह 7 से 8 बजे के बीच महिलाओं की रिहाई होगी. कोर्ट से जमानत अर्जी स्वीकार होने के बाद कई आरोपितों की रिहाई के लिए शाम को उनके परिजन, जिला जेल के बाहर इकट्ठा हुए. फिर पता चला कि रिहाई गुरुवार को हो सकेगी, इसके बाद मायूस हुए. 

बच्ची के साथ शाम के लिए फिर इंतजार
जेल में बंद एकता शेखर और उनके पति रवि शेखर को उम्मीद थी कि बुधवार को अपनी रिहाई के बाद अपनी सवा साल की बच्ची चंपक से मिलेंगे, उसे दुलार करेंगे. नियमों के बंधन के कारण यह इंतजार और बढ़ गया. एकता के परिवार के लोग भी इस हसरत में कोर्ट से लेकर जिला जेल तक का चक्कर लगाते रहे. जेलर से भी बात की. कोर्ट के आदेश का हवाला दिया. फिर पता चला कि जेल प्रशासन भी नियमों से बंधा हुआ है तो लौट गये. रवि के बड़े भाई शशिकांत तिवारी ने बताया कि अगली सुबह बच्ची मां से मिल पाएगी. बता दें कि 19 दिसंबर को गिरफ्तारी के दिन से ही मां एकता व रवि अपनी बच्ची से दूर हैं. 

प्रियंका ने किया ट्वीट- सरकार बेगुनाह मां को घर जाने दे
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने फिर से बुधवार को ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर हमला बोला. सवा साल की चंपक की मां व पिता के जेल में होने पर ट्वीट किया कि ‘यह सरकार का नैतिक कर्तव्य है कि वह इस बच्चे की बेगुनाह मां को घर जाने दे. इसके पहले प्रियंका गांधी ने एक और ट्वीट किया है, लिखा है, ‘भाजपा सरकार ने नागरिक प्रदर्शनों को दबाने के लिए ऐसी अमानवीयता दिखाई है कि एक छोटे से बच्चे को मां-बाप से जुदा कर दिया है. चंपक की तबीयत खराब हो गई है लेकिन भाजपा सरकार की खराब नियत पर कोई असर नहीं पड़ा है. चंपक के माता पिता शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के चलते जेल में हैं.

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