Bhagwant Mann ने `रंग दे बसंती` के नारों के बीच ली पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ
बसंती की लहर और क्रांतिकारी गीत `रंग दे बसंती` के नारों के बीच, आप नेता और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को लगभग 4 लाख से अधिक दर्शकों की भीड़ के बीच देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के इस गांव में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
नई दिल्ली: बसंती की लहर और क्रांतिकारी गीत 'रंग दे बसंती' के नारों के बीच, आप नेता और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को लगभग 4 लाख से अधिक दर्शकों की भीड़ के बीच देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के इस गांव में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
चार दशकों में पंजाब के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री
48 वर्षीय पूर्व कॉमेडियन मान, कांग्रेस के चरणजीत चन्नी की जगह मुख्यमंत्री बने हैं, जो लगभग चार दशकों में पंजाब के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बन गए हैं.
राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मान को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण के बाद मान ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने राज्य के सभी निवासियों के साथ मुख्यमंत्री के रूप में भी शपथ ली है. उन्होंने कहा, "आप सभी मुख्यमंत्री होंगे."
मान शाम को पदभार ग्रहण करेंगे, जबकि नवनिर्वाचित विधायकों को गुरुवार को राज्य की राजधानी में होने वाले एक दिवसीय विधानसभा सत्र के दौरान शपथ दिलाई जाएगी.
हालांकि मान की कैबिनेट शनिवार को चंडीगढ़ के राजभवन में शपथ लेगी.
ये विधायक बन सकते हैं मान सरकार में कैबिनेट मंत्री
मान की कैबिनेट की सूची में हरपाल चीमा, अमन अरोड़ा, बलजिंदर कौर, मीत हायर, सर्वजीत कौर मनुके और दूसरी बार विधायक बने बुध राम के शामिल होने की संभावना है.
शपथ ग्रहण स्थल के मंच पर तीन पोडियम बनाए गए थे. जबकि राज्यपाल और मान केंद्रीय मंच पर थे, दूसरे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल का कब्जा था और तीसरे पर आप पार्टी के 91 विधायकों का कब्जा था.
मान ने भगत सिंह के पैतृक गांव में ली शपथ
मान ने शपथ लेने से पहले कहा, "सूरज की सुनहरी किरण बुधवार को एक नई सुबह लेकर आई है."
मान ने ट्वीट कर कहा, "सूरज की सुनहरी किरण आज एक नया सवेरा लेकर आई है. शहीद भगत सिंह और बाबा साहब के सपनों को साकार करने के लिए पूरा पंजाब आज खटकर कलां में शपथ लेगा."
भाजपा ने भी महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह का आह्वान करने का प्रयास किया था.
2015 में, 'बसंती' पगड़ी पहनकर, नरेंद्र मोदी पंजाब के फिरोजपुर जिले के हुसैनीवाला का दौरा करने वाले दूसरे प्रधानमंत्री बने थे.
हुसैनीवाला वह स्थान है जहां 23 मार्च, 1931 को लाहौर में फांसी देने के बाद तीनों स्वतंत्रता सेनानियों का अंतिम संस्कार किया गया था.
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