गृहमंत्री अमित शाह के बयान से 'रिचार्ज' हो गए बिहार के CM नीतीश कुमार

बिहार में सियासी पारा जितनी जल्दी उफान लेता है, कई बार एक फरमान से तुरंत थम भी जाता है.  गृहमंत्री अमित शाह के बयान के बाद कुछ ऐसा ही हुआ. क्या था वो बयान और क्यों लय में लौट आए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आइए जानते हैं.  

Last Updated : Oct 17, 2019, 08:46 PM IST
    • गिरिराज सिंह को मिला करारा जवाब
    • सीट बंटवारे को लेकर दोनों दलों में तनातनी की आशंका
गृहमंत्री अमित शाह के बयान से 'रिचार्ज' हो गए बिहार के CM नीतीश कुमार

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज बहुत दिनों बाद चुनावी मूड में दिखे. चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न सिर्फ विपक्ष पर बल्कि उनके ऊपर बयानबाजी कर रहे एनडीए के राजनेताओं पर भी जमकर प्रहार किया. मौका था बिहार में 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का. सिवान के दरौंदा में एनडीए की ओर से जदयू प्रत्याशी अजय सिॆह के चुनाव प्रचार में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और सूबे के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पहुंचे थे. इस दौरान मुख्यमंत्री पिछले कुछ दिनों से तमाम आलोचनाएं झेलने के बाद लय में दिखे. 

लय में लौटे और कर दी सबकी छुट्टी 

दरअसल, मुख्यमंत्री की इस खुशी का राज गृह मंत्री अमित शाह के दिए गए बयान में छिपा है. पिछले कुछ दिनों से बिहार की राजनीति में तमाम उथल-पुथल के बाद अमित शाह के एक फरमान ने कम से कम नीतीश को चैन की सांस दिला दी. अमित शाह ने कहा कि बिहार में एनडीए मजबूत है और उसी मजबूती के साथ वो 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरेगी. इसके बाद तो जैसे बयानबाजियों का बाजार थम सा गया. एनडीए के अटूट बने रहने की भनक पाते ही मुख्यमंत्री अपने चिर-परिचित अंदाज में लौटे. इसके बाद बिहार की राजधानी पटना में भारी जलजमाव के बाद विपक्षियों के साथ-साथ भाजपा के कुछ नेताओं के द्वारा की गई आलोचना पर इशारों-इशारों में मंच से ही जवाब दे डाला. उन्होंने कहा कि एनडीए के सभी दलों में एकजुटता है. जो कुछ लोग भी इधर से उधर बोलते रहते हैं, उसके चक्कर में मत पड़िएगा. क्योंकि ऐसे लोग तो बस अखबार में कुछ-कुछ छपते रहे इस चक्कर में ऐसी बातें करते रहते हैं. 

गिरिराज सिंह को मिल गया होगा करारा जवाब

नीतीश कुमार के इस बयान को भाजपा के फायर ब्रांड नेता व केंद्रीय मंत्री  गिरिराज सिंह पर तंज के रूप में देखा जा रहा है. मालूम हो कि पिछले दिनों जब पटना में जलजमाव के बाद स्थिति बदतर हो चुकी थी तब केंद्रीय मंत्री ने नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए एक ट्वीट किया था. इस ट्वीट में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्ता के नशे में चूर हो कर कुछ न करने जैसी बातें लिखी थी. जिसके बाद जदयू नेता अशोक चौधरी बचाव में उतरे थे. हालांकि, उस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामले पर चुप्पी साधी हुई थी, लेकिन जैसे ही गृहमंत्री अमित शाह का एनडीए की एकजुटता को ले कर बयान आया, मुख्यमंत्री कुमार भी फॉर्म में आ गए. 

ऐसा होता तो अलग हो सकती थी भाजपा और जदयू की राहें

बिहार के सियासी खेल को भांप रहे कुछ राजनीतिक पंडितों की मानें तो भाजपा अपने सहयोगी दल जदयू को सबक सिखाने के फिराक में थी, लेकिन भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद जदयू को कही राजद का साथ फिर से न मिल जाए, इस वजह से भाजपा जदयू पर दबाव तो बना रही है पर उसका साथ छोड़ने को तैयार नहीं. फिर भी विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही सीट बंटवारे को लेकर दोनों दलों में कही तनातनी न हो जाए, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. 

 

 

 

 

 

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