उद्धव गुट को झटका, SC ने कहा- चुनाव आयोग तय करेगा कौनसा खेमा असली शिवसेना है

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग को एकनाथ शिंदे समूह के असली शिवसेना होने के दावे पर फैसला करने से रोकने से इनकार कर दिया. पीठ ने ठाकरे गुट की तरफ से एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 27, 2022, 09:18 PM IST
  • उद्धव ठाकरे गुट ने दायर की थी याचिका
  • सिब्बल ने सदस्यता को लेकर उठाए सवाल
उद्धव गुट को झटका, SC ने कहा- चुनाव आयोग तय करेगा कौनसा खेमा असली शिवसेना है

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग को एकनाथ शिंदे समूह के असली शिवसेना होने के दावे पर फैसला करने से रोकने से इनकार कर दिया. जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने कहा कि उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच शिवसेना में अंतर-पार्टी विवाद का फैसला करने के लिए चुनाव आयोग के समक्ष कार्यवाही पर कोई रोक नहीं होगी.

उद्धव गुट ने दायर की थी याचिका
पीठ में जस्टिस एमआर शाह, कृष्ण मुरारी, हेमा कोहली और पी.एस. नरसिम्हा भी शामिल हैं. पीठ ने ठाकरे गुट की तरफ से एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. इसमें कहा गया था कि चुनाव आयोग को मामले में तब तक आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जब तक कि शीर्ष अदालत शिवसेना विधायकों की अयोग्यता से संबंधित याचिका पर फैसला नहीं कर लेती.

पीठ ने कहा, "हम निर्देश देते हैं कि भारत के चुनाव आयोग के समक्ष कार्यवाही पर कोई रोक नहीं होगी."

ठाकरे गुट का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि शिंदे अयोग्य होने के बाद चुनाव आयोग का रुख नहीं कर सकते हैं. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि केवल तथ्य का संदर्भ दिया गया है, यह एक संवैधानिक निकाय को यह तय करने से नहीं रोकता है कि क्या उसके पास कानून के तहत निर्णय लेने की शक्ति है.

सिब्बल ने सदस्यता को लेकर उठाए सवाल
सिब्बल ने तर्क दिया कि शिंदे चुनाव आयोग में जाना चाहते हैं और कहते हैं कि उनका गुट राजनीतिक दल है, लेकिन इससे बहुत पहले इन कार्यवाही में पार्टी की उनकी सदस्यता सवालों के घेरे में है, जिसका फैसला पहले किया जाना है.

ठाकरे गुट ने किया था सुप्रीम कोर्ट का रुख
ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे गुट की याचिका पर चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने की मांग की गई थी. शीर्ष अदालत ने दोनों गुटों के वकीलों और चुनाव आयोग के वकील की दलीलें सुनीं.

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