अमहदाबाद: कमलेश तिवारी की हत्या करने वाले मुख्य आरोपी अशफाक हुसैन जाकिर हुसैन शेख और मोइनुद्दीन खुर्शीद पठान तब गुजरात एटीएस की गिरफ्त में आए, जब वो दोनों राजस्थान से होते हुए गुजरात की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे. इन दोनों को गुजरात में अरवल्ली जिले के शामलाजी से गिरफ्तार किया गया. लेकिन इस मामले में अब तक कई ऐसे राज हैं जिनसे पर्दा उठना बाकी है.
फोन कॉल से हुई गिरफ्तारी
गुजरात एटीएस ने एक फोन कॉल से मिली सूचना के आधार पर मोइनुद्दीन और अशफाक को गिरफ्तार किया. उन्होंने गुजरात के सूरत में अपने परिवार से संपर्क करके पैसों का इंतजाम करने के लिए कहा था. यह कॉल गुजरात पुलिस ने ट्रेस कर ली. जिसके बाद इन आरोपियों का पीछा करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इसके पहले इन दोनों के लिए उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पुलिस ने जाल बिछा रखा था. लेकिन दोनों हत्यारोपी पुलिस को चकमा देते हुए यूपी से निकल गए थे.
Gujarat ATS DIG Himanshu Shukla: The two wanted accused Ashfaq and Moinuddin Pathan have been arrested from Gujarat-Rajasthan border near Shamlaji. Gujarat ATS had info that they are going to enter Gujarat, on that basis we moved our team to the border & apprehended them. https://t.co/4rBe0Fx71C pic.twitter.com/1A7FGkSGwZ
— ANI UP (@ANINewsUP) October 22, 2019
कबूल कर लिया है गुनाह
अशफाक मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव का काम करता था और सूरत की ग्रीन व्यू अपार्टमेन्ट में रहता था. जबकि मोइनुद्दीन फूड डिलीवरी करता था और सूरत के उमरवाड़ा की एक बस्ती में रहता है. यह दोनों कमलेश तिवारी की हत्या करने के लिए 17 अक्टूबर की रात लखनऊ पहुंचे थे. गुजरात एसआईटी के डीआईजी ने बताया है कि इन दोनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है.
मामले में कई और लोगों के शामिल होने का शक
पुलिस को जानकारी मिली है कि इन दोनों हत्यारोपियों को पुलिस की हर गतिविधि की जानकारी थी. उन्हें बरेली में स्मार्टफोन दिया गया. जबकि सूरत में एक कमांड सेन्टर से इन्हें पुलिस की गतिविधि से संबंधित सारी जानकारी फोन पर मुहैया कराई जाती थी. इस केस में नागपुर से भी एक आरोपी सैयद असीम अली को गिरफ्तार किया गया है. जबकि तीन आरोपी राशिद, फैजान और मोहसिन पहले से ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
जिस तरह से इन दोनों की मदद के लिए पूरा सिंडिकेट लगा हुआ था और देश के कई राज्यों से इन्हें मदद मुहैया कराई जा रही थी. इसे देखकर लगता है कि कमलेश तिवारी हत्याकांड का मामला साधारण नहीं है. इसके पीछे एक पूरा संगठित नेटवर्क काम कर रहा था. इस मामले में बारीकी से तफ्तीश की जरुरत है. जिससे इसकी सभी परतें खोली जा सकें.
इससे पहले हत्या की साजिश रचने वाले गुजरात के सूरत निवासी रशीद अहमद पठान उर्फ राशिद, मौलाना मोहसिन शेख व फैजान यूनुस को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया. लखनऊ पुलिस तीनों आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आई है. पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि तीनों साजिशकर्ताओं को कड़ी सुरक्षा में एक गोपनीय स्थान पर रखा गया है. उन्होंने बताया कि तीनों साजिशकर्ताओं को रविवार देर रात लखनऊ लेकर आया गया था. इस बीच कानपुर देहात का टैक्सी चालक, कानपुर के रेल बाजार स्थित मोबाइल फोन दुकानदार समेत तीन लोगों को भी लखनऊ लाया गया. एसआईटी ने साजिशकर्ताओं व उपरोक्त तीन संदिग्धों से करीब चार घंटे तक पूछताछ की.