Kaveri engine future plan: भारत के स्वदेशी कावेरी इंजन प्रोजेक्ट को एक नया बूस्टर मिलने जा रहा है. इसके लिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस को नया आफ्टरबर्नर सेक्शन डिजाइन करने की जिम्मेदारी दी गई है. यह आफ्टरबर्नर कावेरी डेरिवेटिव इंजन (KDE) की ताकत को 49kN से बढ़ाकर 78.4kN कर देगा. यह क्षमता भारत में इस्तेमाल हो रहे अमेरिकी GE F-404 इंजन के बराबर या उससे बेहतर मानी जा रही है. इस इंजन की सबसे बड़ी खासियत है कि बदलते मौसम में भी इसका परफॉरमेंस बरकरार रहेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही इसका सफल परीक्षण होता है, तेजस लड़ाकू विमान में इस्तेमाल किया जा सकता है.
कावेरी के लिए बनेगा नया आफ्टरबर्नर
भारत के कावेरी इंजन प्रोजेक्ट को अपग्रेड करने का प्लान है. इसके लिए कावेरी डेरिवेटिव इंजन (KDE) को अब आफ्टरबर्नर के साथ जोड़ा जाएगा. यह इंजन अब तक सिर्फ ड्राई थ्रस्ट (बिना आफ्टरबर्नर) के साथ विकसित किया गया था.
ऐसे में कावेरी इंजन की मौजूदा ताकत 49kN है. नया आफ्टरबर्नर इसमें 29.4kN अतिरिक्त पॉवर देगा. इससे कुल थ्रस्ट 78.4kN हो जाएगा, जो किसी भी मॉडर्न फाइटर जेट के बराबर है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह तेजस जैसे लड़ाकू विमानों को नई ताकत देने में सक्षम होगा.
क्या होता है आफ्टरबर्नर?
ऐसे में आपके मन में एक सवाल उठ रहा होगा कि आफ्टरबर्नर क्या होता है, तो बता दें यह एक खास टेक्नोलॉजी है. जो फाइटर जेट्स के इंजन में अतिरिक्त ताकत यानी ज़्यादा थ्रस्ट पैदा करने के लिए लगाई जाती है. यह इंजन के पिछले हिस्से में लगा होता है, जहां पहले से जल चुके गैसों में फिर से ईंधन इंजेक्ट किया जाता है. इस प्रोसेस से बहुत ज्यादा गर्म और तेज गैसें बाहर निकलती हैं, जिससे लड़ाकू विमानों को जबरदस्त स्पीड मिलती है.
जबकि ड्राई इंजन सिर्फ सामान्य उड़ानों के लिए काफी होता है, लेकिन जब फाइटर जेट को अचानक तेज रफ्तार या ऊंचाई चाहिए होती है, जैसे युद्ध या इमरजेंसी के दौरान तो आफ्टरबर्नर एक जरूरी सिस्टम बन जाता है. ऐसे में तेजस जैसे विमानों को दोगुनी ताकत देने के लिए कावेरी इंजन का अपग्रेडेड वर्जन दुश्मनों के लिए काल बनेगा.
ब्रह्मोस एयरोस्पेस को मिली जिम्मेदारी
IDRW की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी ब्रह्मोस एयरोस्पेस को दी गई है, जो अब तक मिसाइल की मैन्युफैक्चरिंग में सबसे आगे है. अब वह स्वदेशी इंजन टेक्नोलॉजी भी बनाने जा रही है. इसके लिए ब्रह्मोस एयरोस्पेस एक मॉड्यूलर और नई पीढ़ी का आफ्टरबर्नर डिजाइन कर रहा है. यह आफ्टरबर्नर हल्का, कुशल और इंस्टैंट रिएक्शन वाला होगा. इसे पहले ग्राउंड टेस्टिंग और फिर फ्लाइट ट्रायल्स में परखा जाएगा.
बढ़ जाएगी कावेरी इंजन की ताकत
GE F-404 इंजन, जो वर्तमान में तेजस Mk1A में लगा है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के बदलते जलवायु में 8% तक प्रदर्शन खो देता है. जबकि कावेरी इंजन ‘फ्लैट-रेटेड’ डिजाइन पर आधारित है, यानी यह गर्मी और नमी में भी स्थिर थ्रस्ट देता है.
वहीं, अगर कावेरी आफ्टरबर्नर के साथ 78.4kN की ताकत को लगातार दे पाता है, तो यह GE F-404 से बेहतर साबित होगा. इससे भारत की विदेशों पर इंजन की निर्भरता कम होगी और देसी टेक्नोलॉजी पर भरोसा बढ़ेगा.
तेजस में हो सकता है इस्तेमाल
रिपोर्ट की मानें तो तेजस लड़ाकू विमान के Mk1A वर्जन में फिलहाल GE F-404 इंजन लगा है. भारत अब Mk2 वर्जन और भविष्य के फाइटर जेट्स के लिए स्वदेशी विकल्प चाहता है. अगर आफ्टरबर्नर टेस्ट सफल होता है, तो कावेरी इंजन को तेजस में शामिल किया जा सकता है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है, भारत को इंजन आयात करने की जरूरत नहीं होगी और डिफेंस प्रोडक्शन में आत्मनिर्भरता मजबूत होगी.
हालांकि, नया आफ्टरबर्नर डिजाइन तैयार होने के बाद कई चरणों में टेस्ट किया जाएगा. पहले ग्राउंड टेस्टिंग होगी, फिर फ्लाइट टेस्टिंग शुरू की जाएगी. इन परीक्षणों में आफ्टरबर्नर की ताकत, ईंधन खपत, वाइब्रेशन कंट्रोल और लंबे समय तक चलने की क्षमता देखी जाएगी. इन सभी कसौटियों पर सफल होने के बाद ही इसे तेजस जैसे लड़ाकू विमानों में लगाया जाएगा. जो दुश्मनों के लिए हर मोर्चे पर काल बनने के लिए सक्षम होंगे.
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