पाकिस्तान 'चीनी फाइटर टैंक' के दम पर दिखा रहा तेवर, जबकि भारत में खड़ा है इसका 'बाप'!

भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव देखने को मिल रहा है. ऐसे में दोनों ही देशों की आर्मी और हथियारों को लेकर भी काफी बातें की जा रही हैं. वहीं, यह जानना जरूरी हो गया है कि पाक की SH-15 भारत के K-9 वज्र के सामने कहां टिक पाता है.

Written by - Bhawna Sahni | Last Updated : May 6, 2025, 04:30 PM IST
    • दोनों देशों के पास ताकतवर हथियार
    • K-9 वज्र के सामने टिक पाएगा SH-15?
पाकिस्तान 'चीनी फाइटर टैंक' के दम पर दिखा रहा तेवर, जबकि भारत में खड़ा है इसका 'बाप'!

नई दिल्ली: पहलगाम हमले के बाद भारत, पाकिस्तान से बदलना लेने की पूरी तैयारी में है. भारत अब किसी भी हाल में पाक को बख्शना नहीं चाहता. ऐसे में पूरा देश बस इसी इंतजार में है कि आखिर कब भारत, पाक पर जवाबी कार्रवाई करेगा. वहीं, एक ओर जहां भारत बदला लेने की पूरी तैयारी में नजर आ रहा है, वहीं, पाकिस्तान ने भी अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रख दिया है, साथ ही वह लगातार अपने हथियारों का परीक्षण कर रहा है. भारत के पास बेशक शक्तिशाली हथियार हैं, लेकिन जंग के मैदान में दुश्मन को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए.

भारत-पाक के पास एडवांस्ड हथियार
पिछले कुछ सालों में भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही अपने खेमे में अत्याधुनिक टैंक, मिसाइल, सबमरीन और तोप शामिल की हैं. अब दोनों ही देशों के पास एडवांस्ड हथियार मौजूद हैं. हालांकि, ऐसे में यह समझना जरूरी है कि दोनों देशों में से किसके पास ज्यादा शक्तिशाली हथियार है. खासतौर पर अगर टैंक की बात की जाए तो यहां भारत के तोपखाने में K-9 थंडर का भारतीय संस्करण K-9 वज्र तैयार है, वहीं पाकिस्तान ने चीन से SH-15 व्हील्ड हॉवित्जर तोप खरीद लिया है.

कौन किस पर भारी
अब यह जानना बहुत जरूरी हो गया है कि पाकिस्तान का SH-15 व्हील्ड हॉवित्जर टैंक भारत के K-9 वज्र के सामने कहां तक टिक पाता है. एक ओर K-9 वज्र में 155mm/52 कैलिबर है, वहीं पाक के SH-15 में भी 155mm/52 का ही कैलिबर है. इसके अलावा K-9 वज्र एक चेसिस ट्रैक टैंक है, जिसके कारण यह ऊबड़-खाबड़ और पहाड़ी इलाकों में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम है. यह कश्मीर के पहाड़ों पर तैनात कर अच्छा काम लिया जा सकता है. जबकि SH-15 टैंक 6X6 चेसिस व्हील्ड है. इसकी वजह से यह सड़कों पर तेजी से चल पाता है.

SH-15 को मात देता है K-9 वज्र
दोनों ही टैंकों में 5-5 क्रू मेंबर्स के बैठने की जगह है. K-9 वज्र फायरिंग रेंज 30-40 किमी हाई एक्सप्लोसिव (HE) और 60 किमी वैरी लॉन्ग रेंज आर्टिलरी प्रोजेक्टाइल (VLAP) है. अपनी आर्मर सुरक्षा के कारण यह दुश्मनों की गोलीबारी से काफी हद तक बचा रहता है. वहीं, लंबी फायरिंग रेंज के कारण यह दुश्मनों पर सटीक हमला कर सकता है. वहीं, पाकिस्तान के SH-15 की फायरिंग रेंज सिर्फ 20 किमी (सामान्य) और 53 किमी (रॉकेट असिस्टेड) है. K-9 वज्र तकनीकी, सामरिक, रणनीतिक तरीके से SH-15 पर बहुत भारी है.

पाकिस्तान लगातार कर रहा युद्धाभ्यास
गौरतलब है कि इस तनावपूर्ण स्थिति में पाकिस्तान लगातार युद्धाभ्यास करता हुआ नजर आ रहा है, जिसका मकसद सिर्फ भारत को  काउंटर करना है. इतना ही नहीं, पिछले तीन दिनों पाकिस्तान दो बार अपना मिसाइल परीक्षण भी कर चुका है. पहला परीक्षण 3 मई को अब्दाली मिसाइल का किया गया, जिसकी रेंज 450 किलोमीटर है और दूसरा परीक्षण बीते सोमवार 5 मई को हुआ है, जिसकी रेंज केवल 120 किलोमीटर तक है. किसी भी युद्ध में मिसाइलों के अलावा फाइटर टैंक की भी एक खास भूमिका होती है, खासतौर पर अगर जमीनी जंग चल रही हो.

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