नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी की आंतरिक कलह थमने का नाम नहीं ले रही है. चिराग पासवान ने अपने चाचा और मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री पशुपति पारस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है. इससे हाईकोर्ट उनकी याचिका खारिज कर चुका है.
पशुपति पारस LJP के संसदीय दल के नेता बने
याचिका के जरिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से पशुपति कुमार पारस को सदन में पार्टी के नेता के तौर पर मान्यता देने के फैसले को चुनौती दी गई है. चिराग पासवान का कहना है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष वे खुद हैं और लोकसभा में LJP के नेता वही हैं. लोकसभा में लोजपा के 6 सांसद हैं.
सुप्रीम कोर्ट जाएंगे चिराग
चिराग पासवान के वकील अरविंद कुमार बाजपेई ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी कर रहे हैं. एक बार फिर 14 जून के परिपत्र को रद्द करने की मांग उठाई जाएगी जिसमें चिराग के चाचा पारस का नाम लोकसभा में लोजपा के नेता के तौर पर दर्शाया गया था.
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हाई कोर्ट खारिज कर चुका है याचिका
दिल्ली हाईकोर्ट में भी चिराग पासवान ने पशुपति पारस के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. उनका कहना था कि पारस लोजपा संसदीय दल के नेता नहीं हैं तो उन्हें कैबिनेट में मंत्री किस आधार पर बनाया गया है. एलजेपी में कुछ दिनों पहले तब बवाल शुरू हुआ था जब चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस समेत पांच सांसदों ने अलग रुख अपना लिया था.
चिराग पासवान की ओर से दलील दी गई कि पशुपति कुमार पारस सहित पांच सांसदों को एलजेपी निष्काषित कर दिया गया है. ऐसे में उन्हें पार्टी की तरफ से लोकसभा का नेता नहीं बनाया जा सकता है.
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