CM नीतीश कुमार करेंगे केंद्र सरकार से पॉर्न साइट्स पर पाबंदी की मांग, विपक्ष का हमला

महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध जब मीडिया की सुर्खियों में छाने लग गए तो इसपर सियासी खेल भी जमकर खेला जाने लगा. राजनेताओं ने अपने-अपने विचारों की झड़ियां लगा दी है. अब बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने  महिलाओं के खिलाफ बढ़ती यौन उत्पीडन की घटनाओं के पीछे पॉर्न साइट्स को ही असली वजह बताया है.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 7, 2019, 05:09 PM IST
    • रघुवंश सिंह ने कहा पॉ्र्न साइट्स के नाम पर नाटक नहीं करें सीएम
    • कांग्रेस ने पूछा वैसे ही जैसे शराबबंदी की थी ?
    • अशोक चौधरी ने उल्टे लपेटा राजद को ही
CM नीतीश कुमार करेंगे केंद्र सरकार से पॉर्न साइट्स पर पाबंदी की मांग, विपक्ष का हमला

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रहे अपराधों के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने झट से सोशल मीडिया पर परोसी जा रही पॉर्न सामाग्रियों को इसका जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि वे केंद्र सरकार को इन साइटों पर प्रतिबंध लगाने के लिए पत्र भी लिखेंगे. मुख्यमंत्री कुमार का बस इतना ही कहना था कि विपक्षी दल भी तुरंत एक्टिव हो कर उनकी आलोचना करने में लग गए. 

रघुवंश सिंह ने कहा पॉ्र्न साइट्स के नाम पर नाटक नहीं करें सीएम

राजद के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने इसके बाद उनके बयान पर उन्हें ही लपेटने की कोशिश की. रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने तो शराब पर भी पाबंदी लगा दी है. और उनके अनुसार तो समाज में भी इसका बदलाव देखने को मिलने लगा है.

लेकिन हो रहा है, इसका ठीक उल्टा. अपराध पर लगाम कसने की बात करने वाले अच्छे से जानते हैं कि यह और भी ज्यादा बढ़ा है. शराब की बिक्री भी पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है. शराब घर-घर पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर कठोर कार्रवाई हो और कुछ नहीं. यह पॉर्न साइट्स पर पाबंदी जैसे नाटक नहीं. 

कांग्रेस ने पूछा वैसे ही जैसे शराबबंदी की थी ?

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा है कि पॉर्न सामाग्रियों पर जरूर बैन लगाना चाहिए, लेकिन पॉर्न और ब्लू फिल्म की व्यवस्था पूरे विश्व में है. बावजूद इसके अपराध केवल यहीं क्यों हो रहे हैं? इस पर बड़े स्तर पर बहस की जरुरत है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि वो किन-किन चीजों को बैन करेंगे. शराबबंदी को भी बैन किया गया था लेकिन आज शराब की होम डिलीवरी हो रही है. किसी भी तरह की बंदी से पहले जरूरत है लोगों को और जागरूक करने की. 

अशोक चौधरी ने उल्टे लपेटा राजद को ही

इसी सियासी लड़ाई में मुख्यमंत्री का बचाव करने जदयू के नेता अशोक चौधरी भी कूद पड़े. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पॉर्न साइट्स पर बैन लगाने की मांग समाज सुधार की ओर एक सार्थक कदम है. वे लोग इस बात को क्या समझेंगे जो राजबल्लभ यादव जैसे रेप के आरोपियों को पार्टी के अंदर पालते हैं और तो और चुनाव में उनकी पत्नी को टिकट देते हैं.

हालांकि, तर्क देने के लिए विपक्षी भले ही सवाल उठा रहे हों, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना बयान सोच-समझ के ही दिया है. ऐसा इसलिए कि कुछ तथ्य ऐसे हैं जो इस बात को प्रमाणित भी करते हैं कि इन सेक्सुअलिटी परोसने वाली सामाग्रियों के चलते मानसिकता पर खास प्रभाव पड़ता है.

आंकड़ो में बिहार में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों की एक लंबी सूची है. 

  • साल 2005 बिहार में रेप के कुल 973 मामले दर्ज हुए थे. जिसमें अकेले पटना में 57 मामले दर्ज किए गए थे.
  • साल 2007 में रेप के कुल 1131 मामले दर्ज हुए थ. अकेले पटना में 74 मामले दर्ज हुए थे.
  • साल 2009 में रेप के कुल 929 मामले दर्ज हुए थे. पटना में 46 मामले दर्ज हुए.
  • साल 2011 में रेप के कुल 934 मामले दर्ज हुए थे. पटना में 41 मामले दर्ज हुए. इसके बाद के सालों में रेप की घटनाओं में लगातार बढोत्तरी होती चली गई.
  • साल 2013 में रेप के कुल 1128 मामले दर्ज हुए थे. अकेले पटना में 76 मामले दर्ज हुए.
  • साल 2015 में रेप के कुल 1041 मामले दर्ज हुए थे. अकेले पटना में 82 मामले दर्ज हुए.
  • साल 2016 में रेप के कुल 1008 मामले दर्ज हुए थे. अकेले पटना में 75 मामले दर्ज हुए.
  • साल 2018 में रेप के कुल 1475 मामले दर्ज हुए थे. अकेले पटना में 123 मामले दर्ज हुए.
  • साल 2019 में रेप के अबतक कुल 1165 मामले दर्ज हुए हैं. अकेले पटना में 85 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि अभी साल खत्म होने में समय शेष है. 

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