श्रीनगर: मंगवार को भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कांग्रेस नेताओं के कश्मीर जाने पर पांबदियों को लेकर चुटकियां लेनी शुरू कर दी. उन्होंने कहा कि हालात सामान्य होने के बाद कश्मीर में सबकी आवाजाही हो सकती है. कांग्रेस के नेताओं को किसने रोका है, वो फ्लाइट पकड़ें और जाएं न. गुलमर्ग जाएं, अनंतनाग जाएं, जहां जाना चाहें जाएं.
कांग्रेस नेताओं ने की थी आलोचनाएं
दरअसल, यूरोपीयन संघ के 27 सदस्यों के कश्मीर भ्रमण पर जाने के मंजूरी को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर, आनंद शर्मा, जयवीर शेरगिल समेत कईयों ने सरकार की आलोचना की. उन्होंने राहुल गांधी के एयरपोर्ट से लौटाए जाने का हवाला देते हुए कहा कि सरकार अपने देश के सांसदों को कश्मीर जाने नहीं दे रही. वहीं दूसरे देशों के 27 प्रतिनिधियों को बुलाया जाता है, कश्मीर में निजी दौरा कराया जाता है. सरकार को इसका जवाब देना चाहिए. उसी सवाल का जवाब शायद भाजपा की ओर से प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने घाटी के हालात सामान्य होने तक ही पाबंदियां लगाई थी. लेकिन अब कुछ अच्छे संकेतों के बाद सैलानियों के आवाजाही की अनुमति दे दी गई है. कांग्रेस नेता चाहें तो घुम आ सकते हैं.
ईयू सदस्य नवनिर्वाचित सरपंचों से मिले
उधर कश्मीर पहुंचे यूरोपीयन सांसदों ने घाटी के अलग-अलग हिस्सों का दौरा किया. ईयू के सदस्य कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में लोगों से बात करते दिखे तो डल झील में शिकारा की सवारी करते भी नजर आए. इसके अलावा सांसदों ने घाटी के नए सरपंचों से भी मुलाकात की और कार्य योजनाओं का जायजा लिया. उन्हें भारतीय सेना की ओर से घाटी के विभिन्न हिस्सों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी योजनाओं और उनकी विफलता के बारे में भी बताया गया. ईयू सदस्यों ने घाटी में लोगों से बातचीत भी की.
यूरोप में जनता ने वामपंथ को नकारा
यूरोपीयन सांसदों की इस यात्रा को निजी भ्रमण ही कहा जा रहा है, जिसका मतलब है कि इस दौरान ये सदस्यगण घाटी के हालातों का जायजा ही लेंगे. किसी आधिकारिक रिपोर्ट तैयार कर भारत सरकार या वैश्विक संगठनों को सौंपने जैसी कुछ भी बातें फिलहाल निकलकर सामने नहीं आईं हैं. ईयू के सदस्य यूरोप के विभिन्न देशों से ताल्लुक रखते है. ज्यादातर सदस्य राइटविंग पार्टियों से चुने प्रतिनिधि हैं जिसपर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सवाल उठा रही है. लेकिन देखा जाए तो यूरोप के ज्यादातर देशों में दो ही मुख्य पार्टियां हैं. लेफ्ट विंग पार्टियों को जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है. ऐसे में भारत दौरे पर आए 27 में से 22 सदस्य राइट विंग दलों से ही चुनकर आए हैं.
खैर, कश्मीर में विदेशी सैलानियों की आवाजाही के ऐलान के बाद ये पहला विदेशी दौरा था जो घाटी में 5 अगस्त के बाद संपन्न हुआ. इस दौरे पर तमाम दुनिया की भी नजरें हैं कि आखिर लंबे समय से समस्याग्रस्त हालात अब सुधरे हैं या नहीं.