नई दिल्ली: इजरायली सॉफ्टवेयर के जरिए भारतीय नेताओं, पत्रकारों, एक्टिविस्टों के व्हाट्सऐप में जासूसी की खबर के बाद अब कांग्रेस पार्टी का बड़ा आरोप सामने आया है. कांग्रेस ने यह दावा किया है कि इसके पीछे केंद्र की मोदी सरकार शामिल है, और इसके तहत कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को भी निशाना बनाया गया है.
भाजपा को बताया भारतीय जासूसी पार्टी
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है. सुरजेवाला का कहना है कि व्हाट्स ऐप के द्वारा उन लोगों को मैसेज भेजा जा रहा है जिनके फोन हैक किए गए थे. एक ऐसा ही मैसेज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को भी आया है. इसे लेकर कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा और केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए उसे भारतीय जासूसी पार्टी करार दिया है.
Randeep Surjewala, Congress: When WhatsApp sent messages to all those whose phones were hacked, one such message was also received by Priyanka Gandhi Vadra. pic.twitter.com/yIulj78GeY
— ANI (@ANI) November 3, 2019
दरअसल इजरायल की एक कंपनी की ओर से बनाये गए सॉफ्टवेयर ने दुनिया भर के होश उड़ा दिये हैं. आरोप है कि NSO नाम की एक कंपनी के बनाये गए सॉफ्टवेयर से दुनिया भर में व्हाट्स ऐप का इस्तेमाल करने वाले करीब 1400 लोगों की जासूसी की गई. जिसमें करीब 2 दर्जन से ज्यादा भारतीय भी शामिल हैं.
कांग्रेस का दावा कितना सच्चा?
कांग्रेस पार्टी ने अपने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरीए पूरी तरह से भारत सरकार को निशाने पर रखा. कांग्रेस प्रवक्ता ने अलग-अलग तरीके से अपने आरोपों का बखान भी किया. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि कांग्रेस का यह आरोप कितना सच्चा है. क्योंकि प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम का जिक्र अचानक से कुछ दिन बाद सामने आता है. कांग्रेस ने इस दौरान केंद्र सरकार से पांच सवाल भी पूछे. इन सवालों में कितना दम था, आप नीचे देख सकते हैं.
LIVE: Congress Party briefing by @rssurjewala, In-charge, Communications, AICC https://t.co/rKe4rTmfyu
— Congress Live (@INCIndiaLive) November 3, 2019
ये पहली दफा नहीं है, जब व्हाट्सऐप जासूसी के मसले पर कांग्रेस मोदी सरकार पर हावी हुई है. इससे पहले इस खबर आने के वक्त भी कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ही मीडिया से बात करते हुए कहा था कि 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से हम देश की सुप्रीम कोर्ट से ये कहते हैं कि वो खुद इस पूरे मामले का संज्ञान ले. क्योंकि ये सरकार की ओर से गैरकानूनी और असंवैधानिक तौर से समेत जजेज के निजता के और इस देश के नागरिकों के निजता के अधिकार का उल्लंघन है. इस पूरे मामले की एक कोर्ट मानिटर्ड जांच हो.'
इन लोगों के नाम शामिल
जानकारी के अनुसार जिन लोगों की जासूसी की गई उनमें बस्तर की मानवाधिकार कार्यकर्ता बेला भाटिया, मानवाधिकार कार्यकर्ता और पेशे से वकील शालिनी गेरा, बीबीसी के पूर्व पत्रकार शुभ्रांशु चौधरी, एल्गार परिषद मामले में कई लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले निहालसिंह बी राठौड़, दलितों और आदिवासियों के लिए आवाज उठाने वाले डिग्री प्रसाद चौहान, लेखक आनंद तेलतुमडे, विदेशी मामलों और डिफेंस कवर करने वाले टीवी पत्रकार सिद्धांत सिब्बल और राजीव शर्मा का नाम शामिल है.
क्या है पूरा प्रकरण?
NSO ने अपने स्पाईवेयर पेगासस को इंस्टाल करने का एक बेहद खतरनाक तरीका इजाद कर लिया है और वो तरीका है सिर्फ एक मिस्ड कॉल. बस व्हाट्स ऐप कॉल के जरिये आपके फोन की घंटी बजी, आपने कॉल रिसीव की या नहीं की इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. क्योंकि इसके साथ ही जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस आपके फोन में इंस्टॉल हो जाता है. इससे भी फर्क नहीं पड़ता है कि आपके पास आईफोन है, एंड्राएड या फिर ब्लैक बैरी. इंस्टॉल होने के बाद ये स्पाईवेयर कमांड और कंट्रोल सर्वर के जरिये आपके प्राइवेट डाटा तक पहुंचता है यानी जासूस पेगासस आपके व्हाट्स ऐप, आई मैसेज, स्काईप या टैलीग्राम द्वारा किये जाने वाले किसी भी कम्युनिकेशन को इंटरसेप्ट कर सकता है. पासवर्ड, कॉन्टैक्ट लिस्ट, कैलेंडर इवेट्स और तो और आपके टैक्स मैसेज में भी सेंध लगा सकता है. आपके मोबाइल कैमरा और फोन के माइक्रोफोन तक को कंट्रोल कर सकता है. GPS फंक्शन के जरिये आपके लोकेशन को भी ट्रैक कर सकता है. अब आप अंदाज़ा लगाइये कि ये सॉफ्टवेयर कितना खतरनाक है. साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि ये एक ऐसा मामला है, जिसमें आम आदमी कुछ नहीं कर सकता.
NSO ग्रुप ने अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों का खंडन किया है. NSO के मुताबिक उनकी टेक्नोलॉजी को पत्रकारों या मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी के लिए डिजाइन नहीं किया गया है. और न ही इसके लिए किसी को लाइसेंस दिया गया है. NSO का दावा है कि पेगासस को सिर्फ सरकारी एजेंसियों को ही बेचा जाता है. कांग्रेस पार्टी के इस बड़े दावे के बाद सियासी सरगर्मी का बढ़ना आम बात है.