नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद से ही कांग्रेस पार्टी के हाव-भाव कुछ खास ठीक नहीं लग रहे हैं. शायद यही वजह है कि दो राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के प्रचार में कांग्रेसी नेताओं ने कुछ ज्यादा जोर नहीं लगाया. इस बीच सोनिया गांधी चुनावी मौसम के बीच लगातार दूसरी बार तिहाड़ पहुंची. इस बार वो कांग्रेसी नेता डीके शिवकुमार से मुलाकात करने पहुंची थी. जिसके कुछ देर बाद ही दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें 25 लाख रूपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी. इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था.
Delhi High Court grants bail to the Karnataka Congress leader DK Shivakumar on a personal bond of Rs 25 lakh in connection with a money laundering case. He was currently in judicial custody and his bail plea was rejected by the trial Court earlier. pic.twitter.com/hejoZ9D1y0
— ANI (@ANI) October 23, 2019
बार-बार तिहाड़ क्यों जा रही हैं सोनिया?
- चिदंबरम से जेल में तिहाड़ मिलने गईं
- डीके शिवकुमार से तिहाड़ मिलने गईं
पूर्व वित्त मंत्री और सीनियर कांग्रेस लीडर पी. चिदंबरम भी मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं. जिनसे मुलाकात करने सोनिया गांधी हाल ही में तिहाड़ पहुंची थी. जिसके बाद वो सुर्खियों में आ गई थी. इसके कुछ दिनों बाद ही कर्नाटक सरकार में मंत्री रहे और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार से भी मुलाकात करने वो तिहाड़ जेल पहुंची थी. इस मसले को लेकर कई तरह के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. माना जा रहा है कि अपनी जमीन खो चुकी कांग्रेस को अपने पुराने नेताओं पर ज्यादा भरोसा है, खासकर वो जो जेल में बंद हैं.
Delhi: Congress interim President Sonia Gandhi arrives at Tihar Jail to meet Congress leader DK Shivakumar, who is currently lodged in the jail under judicial custody in connection with a money laundering case. pic.twitter.com/M3mtlxXmZZ
— ANI (@ANI) October 23, 2019
रैली में जाने की फुर्सत नहीं
- महेंद्रगढ़ के चुनावी रैली में नहीं पहुंची कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष
- 15 अगस्त को लालकिले पर नहीं पहुंची थी सोनिया गांधी
- भारत रत्न मिलने पर प्रणब मुखर्जी के सम्मान समारोह में नहीं पहुंची
दो राज्यों में हुई विधानसभा चुनाव की वोटिंग से पहले आयोजित एकमात्र चुनावी रैली में कांग्रेस अंतिरम अध्यक्ष सोनिया गांधी को जाने की फुर्सत नहीं मिली. हालांकि राहुल गांधी ने इस मसले पर मंच से ही सफाई देते हुए इसकी वजह सोनिया की तबीयत बताई थी. उन्होंने कहा था कि सोनिया जी को वायरल है. लेकिन सिर्फ एक बार ऐसा नहीं हुआ है जब कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता मानी जाने वाली सोनिया गांधी बड़े आयोजन पर नदारद रही हों. पूरे चुनाव प्रचार में सोनिया गांधी एक भी बार जनता से रूबरू होने नहीं पहुंची थी. प्रचार के दौरान उन्हें एक भी बार रैली करने का समय नहीं मिला, या फिर ये कह लें कि उन्हें फुर्सत नहीं थी. जबकि कांग्रेस की विरोधी भाजपा के सारे बड़े नेताओं ने ताबड़तोड़ रैलियां की. इसके अलावा 15 अगस्त को लालकिला पर हुए कार्यक्रम में भी सोनिया की नामौजूदगी पाई गई. सिर्फ सोनिया ही नहीं बल्कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा या फिर ये कह लें कि उनका पूरा खानदान देश के सबसे बड़े पर्व की खुशी मनाने के लिए आयोजित सबसे बड़े कार्यक्रम में नहीं पहुंचा. इसके अलावा उनके ही पार्टी के दिग्गज नेता और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न मिलने के वक्त भी सोनिया सम्मान समारोह में शामिल नहीं हुई थी.
मुलाकात हुई, क्या बात हुई?
कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के तिहाड़ पहुंचने के तुरंत बाद कांग्रेस ने एक जानकारी दी है, जिसके मुताबिक ये बताया गया है कि आगामी 25 अक्टूबर को दिल्ली स्थित अपने निवास पर सोनिया 'कांग्रेस थिंक टैंक ग्रुप' के सदस्यों के साथ बैठक करेंगी. जिसमें राहुल गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह, अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और पार्टी के कई अन्य नेता शामिल होंगे. ऐसे में सवाल ये भी है कि जेल में दोनों नेताओं से बात करने के बाद कांग्रेस कौन सी रणनीति को तैयार करने के लिए बैठक आयोजित कर रही है. और बैठक में शामिल होने के लिए भी सोनिया गांधी के पास वक्त है. लेकिन चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए मैडम सोनिया के पास फुर्सत नहीं है.
आपको बता दें, कि डीके शिवकुमार भी मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में तिहाड़ जेल में बंद थे. क्या है मामला और ईडी ने उनके खिलाफ किस बिनाह पर कार्रवाई की आपको पूरा माजरा नीचे समझाते हैं.
क्या है मामला?
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार साल 2016 से ही ईडी और आयकर विभाग के रडार पर हैं. दरअसल, नोटबंदी के बाद दिल्ली स्थित उनके एक फ्लैट से तलाशी के दौरान नकदी बरामद हुई थी. मामला 2 अगस्त, 2017 का है. जब इनकम टैक्स ने छापेमारी कर उनके फ्लैट से 8.59 करोड़ रूपये बरामद किए थे.
इस कार्रवाई के बाद आयकर विभाग ने शिवकुमार और उनके चार सहयोगियों के खिलाफ अधिनियम 1961 की धारा 277 और 278 के तहत और आईपीसी की धारा 120(बी), 193 और 199 के तहत मामले दर्ज किया. पिछले साल ईडी ने उन्हें समन जारी किया था. इनकम टैक्स की चार्जशीट के आधार पर ईडी ने डीके शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. शिवकुमार समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने इसे लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया. और उसके कुछ दिनों बाद मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के तहत ईडी ने डीके शिवकुमार को तिहाड़ भेज दिया था. अब सोनिया गांधी के तिहाड़ पहुंचने के बाद सियासी सरगर्मी उफान पर है. तो उधर दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है. ऐसे में राजनीतिक बयानबाजी का तेज होना वाजिब है.