कांग्रेस विधायक की फिसली जुबान, प्रियंका चोपड़ा की करा बैठे राजनीति में एंट्री

राजनीति के शतरंज के खेल में कार्यकर्ता पार्टी के नेताओं के असल प्यादे होते हैं. प्यादे बाजी जितवा भी सकते हैं तो हार का कारण भी बनते हैं. लेकिन कई बार हार-जीत से ज्यादा राजा की अक्षमता पर भी सवाल उठाए जा सकते हैं जब कार्यकर्ता कुछ ऐसा कर जाएं जिससे पार्टी की नाक भी कट जाए और हंसी के पात्र भी बन जाएं. कांग्रेस कार्यकर्ता के एक बयान से कुछ ऐसा ही माहौल बन चला है.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 2, 2019, 04:42 PM IST
    • जनआक्रोश रैली के पहले कांग्रेस में हंसी का माहौल
    • प्रियंका गांधी की जगह याद आईं प्रियंका चोपड़ा
    • बीच-बचाव को उतरे पार्टी प्रदेश अध्यक्ष
कांग्रेस विधायक की फिसली जुबान, प्रियंका चोपड़ा की करा बैठे राजनीति में एंट्री

नई दिल्ली: बात राजधानी के रामलीला मैदान की है, जहां कांग्रेस के एक नेता ने अलग ही लीला रची. ऐसी लीला जिससे पार्टी के तमाम नेता पहले तो हंसी नहीं रोक पाए फिर यह सोच-विचार में पड़ गए कि आखिर हंस किस पर रहे हैं. रविवार को कांग्रेस ने एक रैली का आयोजन किया था, दिल्ली के रामलीला मैदान में. तमाम पार्टी कार्यकर्ता आए थे. उत्साहित हो कर जयकारे भी लग रहे थे. पार्टी के तमाम नेता कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा व सर्वेसर्वा सोनिया गांधी से लेकर युवराज राहुल गांधी और कांग्रेस की करिश्माई छवि बताईं जाने वाली प्रियंका गांधी के जय-जयकारे लगा रहे थे. 

उसी बीच राजनीतिक रैली में सियासी खेल में कभी कदम न रखने वाली बॉलीवुड अदाकारा प्रियंका चोपड़ा के जिंदाबाद के भी नारे लगवाए जाने लगे. एक पल को तो ऐसा लगा कि प्रियंका चोपड़ा हॉलीवुड छोड़ कर कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ने का मन बना चुकी हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी दे दी गई है. शायद इसलिए अभी से माहौल बनाया जाने लगा हो. लेकिन जब मंच संचालक और दिल्ली के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा उचक कर शर्मा गए तो लगा कि पार्टी कार्यकर्ता की जुबान भारी फिसल गई है. 

जनआक्रोश रैली के पहले कांग्रेस में हंसी का माहौल

दरअसल, हुआ यह कि दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस जनआक्रोश रैली का भव्य आयोजन करने की तैयारी में है. पार्टी की मुखिया सोनिया गांधी और वायनाड़ सांसद राहुल गांधी इसका नेतृत्व करेंगे. इस रैली का मुख्य मकसद वर्तमान केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करना और उसके खिलाफ गुस्से का प्रदर्शन करना है. इस बीच कांग्रेस ने इस रैली को सही अंजाम तक पहुंचाने के लिहाज से एक बड़ी सभा का आयोजन कराया था.

प्रियंका गांधी की जगह याद आईं प्रियंका चोपड़ा

इस सभा में कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता और नेता जो दिल्ली चुनाव में जान भरने को तैयार हैं, उनको मांझा चढ़ाने की तैयारी थी. सभी नेता जो थोड़े प्रभाव वाले हैं, वे बारी-बारी आ कर चुनावी सभा को संबोधित कर जान भर रहे थे. इसी बीच पार्टी के पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार मंच से माइक पर आए और पार्टी की जयकारे लगाने लगे. कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और राहुल गांधी तक तो ठीक-ठीक बढ़े लेकिन राजनीति में नई-नई आयीं प्रियंका गांधी के जगह उन्हें न जाने क्यों प्रियंका चोपड़ा याद आने लगीं. उन्होंने प्रियंका चोपड़ा जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. 

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बीच-बचाव को उतरे पार्टी प्रदेश अध्यक्ष

इकठ्ठी भीड़ की दिलचस्प चुस्कियों को देख उन्हें इस बात का अंदाजा हुआ कि उन्होंने कुछ गलत कुछ गलती कर दी है. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने झट से नेता को सांत्वाना दिया और इशारों-इशारों में कहा कि आपने जो करना था, आपने कर लिया. अब यहां से हमे संभालने दीजिए. खैर, यह पहली बार नहीं था. पार्टी के कार्यकर्ताओं की जुबान फिसलती है और सुर्खियों में आ ही जाती है. इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि नेता जनप्रतिनिधि होते हैं. लोगों की जिम्मेदारी उन पर ही होती है. हाल के दिनों में राजनीतिक क्षरण ज्यादा होने लग गया है. शायद नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण की जरूरत होने लग गई है. 

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